Bollywood Special: पाकिस्तान में मौजूद कपूर खानदान की 98 साल पुरानी है ये हवेली अब दिखती है कुछ ऐसी

Kapoor Haveli In Pakistan: आज यहां हम आपको कपूर परिवार की उस ऐतिहासिक हवेली के इतिहास के बारे में बताएंगे, जो पाकिस्तान के पेशावर शहर में स्थित है।

Report :  Ruchi Jha
Update:2023-10-02 08:00 IST

Kapoor Haveli In Pakistan: बॉलीवुड इंडस्ट्री में हमेशा से कपूर परिवार का दबदबा रहा है और केवल इंडिया से ही नहीं बल्कि पाकिस्तान में भी कपूर परिवार एक तरह से जुड़ा हुआ है। जी हां...कपूर परिवार की पाकिस्तान में एक ऐतिहासिक हवेली है, पाकिस्तान के अंदरूनी पेशावर शहर में स्थित है। जब ऋषि कपूर जिंदा थे, तब वह भी इस हवेली को देखने कई बार पाकिस्तान जा चुके हैं। कुछ समय पहले ऐसी खबर सामने आई थी कि यह हवेली काफी जर्जर हो चुकी है और इसलिए इस हवेली का मौजूदा मालिक इस हवेली को गिराकर यहां एक प्लाजा बनाना चाहता है, लेकिन पाकिस्तान का पुरातत्व विभाग उस मालिक की कोशिश को कई बार नाकाम कर चुका है। आइए आज हम आपको इस ऐतिहासिक हवेली का इतिहास बताते हैं।

कब हुआ था इस हवेली का निर्माण?

पृथ्वीराज कपूर...जिन्हें हमारी हिंदी सिनेमा में पहला हिंदू पठान भी कहा जाता था। उनका जन्म पाकिस्तान में बनी इसी पुश्तैनी हवेली में हुआ था। इस हवेली को 'कपूर हवेली' के नाम से भी जाना जाता है। पाकिस्तान के पेशावर के किस्सा ख्वानी बाजार में स्थित इसी हवेली में ऋषि कपूर के पिता राज कपूर का जन्म भी हुआ था।


इस हवेली का निर्माण भारत-पाकिस्तान के विभाजन से पहले किया गया था। यानी इसका निर्माण 1918 से 1922 के बीच हुआ था। इसे राज कपूर के दादा और पृथ्वीराज कपूर के पिता दीवान बशेश्वरनाथ ने बनवाया था, लेकिन 1947 में भारत-पाक बंटवारे के बाद कपूर खानदान अपनी पुश्तैनी हवेली छोड़कर मुंबई आ गया था।


जर्जर हो चुकी है कपूर खानदान की ये हवेली

20 साल पहले इस हवेली के ऊपरी तीन मंजिलों को गिरा दिया गया था, क्योंकि इसके ऊपरी हिस्से में भूंकप के कारण दरारें पैदा हो गई थीं, लेकिन अभी भी इसमें लगभग 60 कमरे बचे हुए हैं। अपने एक इंटरव्यू में दिवंगत एक्टर ऋषि कपूर ने बताया था कि क1990 में वह अपनी इस पेशावर हवेली को देखने गए थे, जहां उन्हें बताया गया था कि उनके पिताजी और दादाजी का जन्म इसी स्थान पर हुआ था, लेकिन अब यह हवेली एक शख्स को बेच दी गई है।


दरअसल, साल 1968 की एक नीलामी में चारसद्दा शहर के एक स्थानीय व्यक्ति ने सेटलमेंट क्‍लाउज यानी बंदोबस्त खंड के तहत यह हवेली खरीद ली और फिर इसे पेशावर के ही एक शख्‍स को बेच दिया था।


पाकिस्तान सरकार इस हवेली को बनाना चाहती है म्यूजियम

यह हवेली बरसों से बंद पड़ी है और इसकी हालत जर्जर हो चुकी है, लेकिन सरकार पाकिस्तान में IMGC ग्लोबल एंटरटेनमेंट की मदद से इसे एक म्‍यूजियम बनाने की तैयारी में है। साल 2021 में, पेशावर के उपायुक्त ने कपूर हवेली की कीमत 1.50 करोड़ रुपए आंकी थी।


इस हवेली के मौजूदा मालिक, गुल रहमान मोहम्मद हैं, जिन्‍होंने म्‍यूजियम बनाने के लिए हवेली देने की बात तो मान ली, लेकिन इसके लिए सरकार से 2 करोड़ रुपए मांगे है।



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