मुंबईः तमाम विवादों के बाद फिल्म 'उड़ता पंजाब' को आखिरकार सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) ने अडल्ट व्यूइंग का सर्टिफिकेट तो दे दिया, लेकिन बोर्ड ने सर्टिफिकेट में साफ कर दिया है कि उसने ये फिल्म पास नहीं की है। यानी फिल्म में दिखाए जाने वाले किसी भी दृश्य से उसका कोई लेना देना नहीं है। ऐसे में किसी फिल्म को दिया जाने वाला ये अनोखा सर्टिफिकेट बन गया है।
हाईकोर्ट पर डाली फिल्म पास करने की जिम्मेदारी
-सीबीएफसी ने अपने सर्टिफिकेट में लिखा है कि उड़ता पंजाब को बॉम्बे हाईकोर्ट ने पास किया है।
-इसमें बाकायदा सुनवाई करने वाले जस्टिस एससी धर्माधिकारी और जस्टिस शालिनी फणसलकर जोशी का नाम भी लिखा है।
-इस तरह से कोर्ट और जस्टिस का नाम देकर सर्टिफिकेट देने का शायद ये पहला मामला है।
-सवाल ये है कि क्या सीबीएफसी इस तरह से लिखकर सर्टिफिकेट जारी कर सकता है।
क्या था विवाद?
-सीबीएफसी ने फिल्म में 80 से ज्यादा कट लगाने को कहा था।
-इसके खिलाफ प्रोड्यूसरों ने बॉम्बे हाईकोर्ट में अपील की थी।
-हाईकोर्ट ने एक कट के साथ फिल्म पास करने को कहा था।
-17 जून को रिलीज होनी है फिल्म उड़ता पंजाब।