Ekta Kapoor: SC ने कहा कि निर्माता 'युवा पीढ़ी के दिमाग को प्रदूषित कर रही हैं, जारी हुआ था अरेस्ट वररेंट

Ekta Kapoor Arrest Warrent: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एकता कपूर "युवा पीढ़ी के दिमाग को प्रदूषित कर रही हैं"। आइये जानते हैं क्या है पूरा मामला।

Update: 2022-10-14 16:10 GMT

Ekta Kapoor Arrest Warrent (Image Credit-Social Media)

Ekta Kapoor Arrest Warrent: एकता कपूर हमेशा से अलग तरह की फिल्में बनाने के लिए मशहूर हैं वहीँ उन्हें टेलीविज़न क्वीन भी कहा जाता है। लेकिन अब रिपोर्ट्स के मुताबिक, एकता कपूर और उनकी मां शोभा कपूर के खिलाफ उनकी वेब सीरीज XXX में सैनिकों और उनके परिवारों को कथित तौर पर चोट पहुंचाने और उनका अपमान करने के आरोप में गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था। अब, इस मामले में लेटेस्ट अपडेट ये है कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एकता कपूर "युवा पीढ़ी के दिमाग को प्रदूषित कर रही हैं"। आइये जानते हैं क्या है पूरा मामला।

टेलीविज़न क्वीन एकता कपूर अपनी "ऑब्जेक्शनल" वेब सीरीज़ XXX के लिए काफी सुर्खियां बटोर रही हैं, क्योंकि वो और उनकी मां शोभा कपूर उसी को लेकर कानूनी मुसीबतों में फंस गईं हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वेब सीरीज में सैनिकों और उनके परिवारों को कथित रूप से चोट पहुंचाने और उनका अपमान करने को लेकर पूर्व सैनिक शंभू कुमार की शिकायत के आधार पर बिहार के बेगूसराय की एक अदालत ने मां-बेटी की जोड़ी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।

हालांकि, इसके तुरंत बाद, एकता कपूर के वकील ने गिरफ्तारी वारंट की खबरों पर प्रतिक्रिया दी और एक बयान जारी कर इसका खंडन किया।

अब, मामले में एक लेटेस्ट अपडेट सामने आया है जिसके मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एकता कपूर अपनी वेब सीरीज XXX में अपनी आपत्तिजनक सामग्री पर "युवा पीढ़ी के दिमाग को प्रदूषित कर रहीं हैं।" मीडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, जब सुप्रीम कोर्ट एकता द्वारा कथित गिरफ्तारी वारंट को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा था, उस समय शीर्ष अदालत ने कहा, "कुछ करना होगा। आप इस देश की युवा पीढ़ी के दिमाग को दूषित कर रहे हैं। ये सभी के लिए उपलब्ध है। ओटीटी (ओवर द टॉप) कंटेंट सभी के लिए उपलब्ध होता है। आप लोगों को किस तरह का विकल्प दे रहे हैं?.... इसके विपरीत आप युवाओं के दिमाग को प्रदूषित कर रहे हैं।"

न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की पीठ ने आगे कहा, "हर बार जब आप इस अदालत में आते हैं .... हम इसकी सराहना नहीं करते हैं। ऐसी याचिका दायर करने के लिए हम आप पर फाइन लगाएंगे। श्री रोहतगी कृपया इसे अपने मुवक्किल को बताएं। सिर्फ इसलिए कि आप अच्छे वकीलों की सेवाएं ले सकते हैं और किराए पर ले सकते हैं ....ये अदालत उन लोगों के लिए नहीं है जिनके पास आवाज है। ये अदालत उनके लिए भी काम करती है जिनके पास आवाज नहीं है... जिन लोगों के पास हर तरह की सुविधाएं हैं, अगर उन्हें न्याय नहीं मिल सकता है तो इस आम आदमी की स्थिति के बारे में सोचें। हमने आदेश देखा है और हमें इसपर आपत्तियां हैं।

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि जब एकता के वकील मुकुल रोहतगी ने तर्क दिया कि कंटेंट सब्सक्रिप्शन बेस्ड है और इस देश में चॉइस की स्वतंत्रता है, तो सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस तरह के कंटेंट के माध्यम से लोगों को किस तरह की पसंद दी जा रही है।

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