Ganesh Ji Ki Aarti Lyrics: सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची गणेश जी की आरती के बिना अधूरी है पूजा

Ganesh Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi: गणेश चतुर्थी के अवसर पर गणेश जी के लिए करें ये आरती,हो जायेंगे प्रसन्न देंगे मनोवांक्षित आशीर्वाद

Report :  Shikha Tiwari
Update: 2024-09-07 01:04 GMT

Ganesh Ji Ki Aarti Lyrics Sukh Karta Dukh Harta

Ganesh Aarti Lyrics In Hindi: गणेश जी का पवन उत्सव यानी गणपति इस साल 7 सितंबर से शुद्ध भारत में धूम धाम से मनाया जा रहा है। गणेश चतुर्थी में घर-घर में गणेश जी लाने की सबसे पहली शुरुआत महाराष्ट्र में हुई थी।इसलिए गणेश चतुर्थी का मुख्य महत्व महाराष्ट्र में ही रहता है. महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी में गणपति बप्पा के लिए ये प्रमुख आरती(Ganesh Ji Full Aarti) जरूर गई जाती है। गणेश जी की संपूर्ण आरती

गणेश जी की आरती लिरिक्स  (Ganesh Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi)-

सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची लिरिक्स(Sukh Karta Dukh Harta Lyrics In Hindi)-

Full View


सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची

नूर्वी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची

सर्वांगी सुन्दर उटी शेंदु राची

कंठी झळके माल मुकताफळांची

जय देव जय देव जय मंगल मूर्ति

दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति

जय देव जय देव

रत्नखचित फरा तुझ गौरीकुमरा

चंदनाची उटी कुमकुम केशरा

हीरे जडित मुकुट शोभतो बरा

रुन्झुनती नूपुरे चरनी घागरिया

जय देव जय देव जय मंगल मूर्ति

दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति

जय देव जय देव

लम्बोदर पीताम्बर फनिवर वंदना

सरल सोंड वक्रतुंडा त्रिनयना

दास रामाचा वाट पाहे सदना

संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुरवर वंदना

जय देव जय देव जय मंगल मूर्ति

दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति

जय देव जय देव

शेंदुर लाल चढ़ायो अच्छा गजमुखको

दोंदिल लाल बिराजे सुत गौरिहरको

हाथ लिए गुडलद्दु सांई सुरवरको

महिमा कहे न जाय लागत हूं पादको

जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता

धन्य तुम्हारा दर्शन मेरा मन रमता

जय देव जय देव

अष्टौ सिद्धि दासी संकटको बैरि

विघ्नविनाशन मंगल मूरत अधिकारी

कोटीसूरजप्रकाश ऐबी छबि तेरी

गंडस्थलमदमस्तक झूले शशिबिहारि

जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता

धन्य तुम्हारा दर्शन मेरा मन रमता

जय देव जय देव

भावभगत से कोई शरणागत आवे

संतत संपत सबही भरपूर पावे

ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे

गोसावीनंदन निशिदिन गुन गावे

जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता

धन्य तुम्हारा दर्शन मेरा मन रमता

जय देव जय देव

सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची

नूर्वी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची

सर्वांगी सुन्दर उटी शेंदु राची

कंठी झलके माल मुकताफळांची

जय देव जय देव जय मंगल मूर्ति

दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति

जय देव जय देव

दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति

जय देव जय देव

गणेश आरती जय गणेश जय गणेश देवा लिरिक्स (Ganesh Ji Ki Aarti Jai Ganesh Jai Ganesh Deva Lyrics In Hindi)-

Full View


जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

एक दंत दयावंत, चार भुजाधारी ।

माथे पर तिलक सोहे, मूसे की सवारी ॥

पान चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा ।

लडुअन का भोग लगे, संत करे सेवा ॥

अंधें को आँख देत, कोढ़िन को काया ।

बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥

सूरश्याम शरण आए सफल कीजे सेवा |

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

Tags:    

Similar News