Hrishikesh Mukherjee : हृषिकेश मुखर्जी फिल्में आज भी देखकर दिल हो जाता है खुश, फिर से यादें हो जाती हैं ताजा

Hrishikesh Mukherjee : हृषिकेश मुखर्जी बॉलीवुड का एक बहुत बड़ा नाम है। जिन्होंने अनगिनत हिट फिल्में दीं।

Written By :  Ramkrishna Vajpei
Published By :  Vidushi Mishra
Update:2021-08-26 23:18 IST

हृषिकेश मुखर्जी (फोटो- सोशल मीडिया)

Hrishikesh Mukherjee : हृषिकेश मुखर्जी बॉलीवुड का एक बहुत बड़ा नाम है। जिन्होंने अनगिनत हिट फिल्में दीं। वह भारतीय दर्शकों के मन की बात जानते थे इसी वजह से उनकी फिल्मों में आम आदमी दिखता था। फिल्म निर्देशक होने के साथ साथ वह बेहतरीन संपादक और लेखक भी थे, उन्हें महानतम फिल्म निर्माताओं में से एक माना जाता है।

हृषिकेश मुखर्जी की फिल्में (Hrishikesh Mukherjee Movies) 

उनकी फिल्में अनाड़ी, सत्यकाम, चुपके चुपके, अनुपमा, आनंद, अभिमान, गुड्डी, गोल माल, मंझली दीदी, चैताली, आशीर्वाद, बावर्ची, खूबसूरत, किसी से ना कहना, और नमक हराम आदि एक ऐसी लिस्ट है जिसे दर्शक आज भी नहीं भूल पाए हैं।

ऋषि-दा

प्यार से ऋषि-दा के रूप में मशहूर इस शख्सियत ने अपने चार दशकों अधिक के करियर के दौरान 42 फिल्मों का निर्देशन किया, और उन्हें भारत के 'मध्यमार्गी सिनेमा' के अग्रदूत का नाम दिया गया। अपनी सामाजिक फिल्मों के लिए प्रसिद्ध ऋषि दा की फिल्में बदलते मध्यवर्गीय लोकाचार को दर्शाती हैं। इसी लिए कहा जाता है कि उन्होंने "मुख्यधारा के सिनेमा के अपव्यय और कला सिनेमा के कठोर यथार्थवाद के बीच एक मध्य मार्ग बनाया" और उसे जिया।

महान निर्देशक का अंत (Hrishikesh Mukherjee Death)

वह केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) और राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (एनएफडीसी) के अध्यक्ष भी रहे। भारत सरकार ने उन्हें 1999 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार और 2001 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया। उन्हें 2001 में एनटीआर राष्ट्रीय पुरस्कार मिला और उन्होंने आठ फिल्मफेयर पुरस्कार भी जीते। 27 अगस्त 2006 को इस महान निर्देशक का निधन हो गया।

हृषिकेश मुखर्जी (फोटो- सोशल मीडिया)

हृषिकेश मुखर्जी का परिवार (Hrishikesh Mukherjee Family)

कोलकाता के बंगाली परिवार में (Hrishikesh Mukherjee Age) 30 सितंबर 1922 को जन्मे हृषिकेश मुखर्जी ने कलकत्ता विश्वविद्यालय से रसायन विज्ञान में स्नातक किया था और कुछ समय गणित और विज्ञान पढ़ाया भी था।

ऋषि-दा के ने 1940 के दशक के अंत में कलकत्ता में बीएन सरकार के न्यू थिएटर में एक कैमरामैन के रूप में शुरुआत की थी और फिर फिल्म संपादक के रूप में काम करना शुरू किया था, यहां उन्हें अपने समय के जाने-माने संपादक सुबोध मित्तर ('केनचिडा') से कौशल सीखने का अवसर मिला। इसके बाद उन्होंने 1951 से मुंबई में फिल्म संपादक और सहायक निर्देशक के रूप में बिमल रॉय के साथ काम शुरू किया और ऐतिहासिक फिल्मों दो बीघा ज़मीन और देवदास को लाए।

पहली फिल्म मुसाफिर 

उनके निर्देशन में बनी पहली फिल्म मुसाफिर (1957), सफल नहीं रही थी, लेकिन उन्होंने 1959 में अपनी दूसरी फिल्म अनाड़ी के लिए प्रशंसा प्राप्त की। फिल्म की टीम और कलाकारों ने पांच फिल्मफेयर पुरस्कार जीते, जिसमें केवल ऋषि दा अपने मेंटर बिमल रॉय के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार हार गए।

हृषिकेश मुखर्जी की जबरदस्त फिल्में (Hrishikesh Mukherjee Comedy Movies) 

फिल्म- चुपके- चुपके (फोटो- सोशल मीडिया)

बाद के वर्षों में उन्होंने कई फिल्में बनाईं। उनकी कुछ सबसे उल्लेखनीय फिल्मों में शामिल हैं: अनुराधा (1960), छाया (1961), असली-नकली (1962), अनुपमा (1966), आशीर्वाद (1968), सत्यकाम (1969), गुड्डी (1971), आनंद (1971), बावर्ची (1972), अभिमान (1973), नमक हराम (1973), मिली (1975), चुपके चुपके (1975), आलाप (1977), गोलमाल (1979), खुबसूरत (1980) और बेमिसाल (1982)। उन्होंने चुपके चुपके के माध्यम से धर्मेंद्र को कॉमेडी भूमिकाओं में पेश करने वाले पहले व्यक्ति थे, और अमिताभ बच्चन को 1970 में आनंद के साथ अपना बड़ा ब्रेक दिया, राजेश खन्ना के साथ, उन्होंने अपनी फिल्म गुड्डी में जया भादुड़ी को हिंदी सिनेमा में भी पेश किया।

हृषिकेश मुखर्जी की तीन बेटियां और दो बेटे हैं। उनकी पत्नी की मृत्यु उनसे तीन दशक पहले ही हो गई थी। उनके छोटे भाई द्वारकानाथ मुखर्जी ने उनकी कई फिल्मों की पटकथा लिखने में मदद की।

वह एक पशु प्रेमी थे और मुंबई के बांद्रा स्थित अपने आवास पर उनके पास कई कुत्ते और एक बिल्ली थी। वह अपने जीवन के अंतिम चरण में केवल अपने नौकरों और पालतू जानवरों के साथ रहे। परिवार के सदस्य और दोस्त नियमित रूप से उनसे मिलने आते थे।

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