REVIEW: तर्क और चालाकी के साथ इमोशन-एक्शन को पर्दे पर पेश करती है 'काबिल'
फिल्म: काबिल।
डायरेक्टर : संजय गुप्ता।
संगीत: राजेश रोशन।
कितने स्टार: 5 में 4.5।
स्टार कास्ट: ऋतिक रोशन, यामी गौतम, रोहित रॉय, रॉनित रॉय।
मुंबई: काबिल की सबसे बड़ी काबिलियत ये हैं कि ये क्लास और मास दोनों तरह की ऑडियंंस को बराबर प्रभावित करने की क्षमता रखती है। ये फिल्म तर्क और चालाकी के साथ परदे पर दमदार कहानी को पेश करती है तो साथ ही इमोशनल ट्रीटमेंट भी देती है जिसके लिए वो सिनेमाघरों के अंधेरे को पसंद करते हैॆ। काबिल में कमियां तभी नजर आयेंगी, जब आप बारीकी से देखेंगे। मगर सही मायनों में काबिल एक विनर फिल्म है।
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स्टोरी
रोहन भटनागर यानि ऋतिक रोशन एक डबिंग आर्टिंस्ट है और उसकी पत्नी सुप्रिया यानि यामी गौतम पियानो टीचर। दोनों एक दूसरे की रौशनी हैं। लेकिन इस रौशनी को ग्रहण तब लगता है जब सुप्रिया का बलात्कार हो जाता है और कानून अपना काम ठीक से नहीं करता। रोहन अपनी दुनिया में दाखिल हुए इस अंधेरे की वजहों को स्मार्ट तरीके से खत्म करना चाहता है। वो जो कुछ करता है उसे देख आप हक्के-बक्के रह जाएंगे। संजय मासूम के डायलॉग्स फिल्म को अलग स्तर देते हैं । खासतौर पर डायरेक्टर संजय गुप्ता की तारीफ करनी होगी, क्योंकि इस ड्रामे में भी उन्होंनें अपने मेन प्रोटैग्निस्ट को बड़ा सहज रखा है। स्क्रीनप्ले इतना चुस्त और सटीक है कि कमियों पर ध्यान ही नहीं जाता। हर कैरेक्टर का अलग मैनरिज्म है और फिल्म की ये भी बड़ी यूएसपी है।
आगे पढ़ें फिल्म काबिल में स्टार्स की एक्टिंग.
एक्टिंग
फिल्म काबिल अपने क्राफ्ट में कमाल का मनोरंजन देती है तो इसका श्रेय सबसे ज्यादा अगर किसी को जाता है तो वो हैं ऋतिक रौशन। परदे पर वो अपनी कमाल की मासूमियत लेकर आये हैं। सभी जानते हैं कि एक अच्छा स्टार अपनी आंखों से भाव लाता है। मगर यहां ऋतिक बगैर आंखों के आपको रुलायेंगे, हंसायेंगे, गुदगुदायेंगे और डरायेंगे भी। हमारी कमी ही हमारा सबसे बड़ा हुनर कैसे है ये ऋतिक की एक्टिंग से साबित हो जाता है। यामी गौतम फिल्म का सबसे मजबूत इमोशनल पहलू हैं। उनके और ऋतिक के ढेर सारे कमाल के सीन हैं। रेपिस्ट अमित के रोल में रोहित रॉय खतरनाक हैं । मगर उससे भी ज्यादा डेडली हैं लोकल कॉर्पोरेटर शेलार के रोल में रॉनित रॉय है। वो जिस लोकल डायलॉग्स और अदा से रोहित को चैलैंज करते हैं वो ही नायक के कैरेक्टर को ज्यादा ऊपर उठाता है। छोटे रोल्स में नरेन्द्र झा, गिरीश कुलकर्णी सुरेश मेनन भी प्रभावित करते हैं।
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टेक्निकल साइड
संगीत- फिल्म काबिल को टेक्निकली भी काफी साउंड बनाया गया है। फिल्म के साउंड खासतौर पर बैकग्राउंड पर कमाल का काम किया है सलीम सुलेमान और ऑस्कर विजेता रेसुल पुकुट्टी ने। राजेश रौशन की संगीत फिल्म की जान है। फिल्म में आपको इनसे काफी जुड़ने का मौका मिलता है। एक्शन की डिजाइनिंग बेहतरीन है। एडिटिंग फिल्म को हॉलीवुड की थ्रिलर जैसा बनाती है। कैमरा हो या विजुअल इफेक्ट्स। बेशक ये वो फिल्म है जो अपने हर डिपार्टमेंट में दमदार है।
आगे देखें फिल्म के कितने स्टार्स मिले...
अगर आप ऋतिक रोशन और यामी को नापसंद भी करते है तो आपको फिल्म काबिल साल की काबिल-ए-तारीफ फिल्मों में एक लगने वाली है। फिल्म को 5 में से 4.5 स्टार्स।