Maidaan Movie Real Story: सैयद अब्दुल रहीम जिन्होंने कैंसर से लड़कर दिलाया देश को मेडल
Syed Abdul Rahim Biography: अजय देवगन की फिल्म मैदान जिस भारतीय फुटबाल टीम के कोच पर बनी है, जानिए कौन है सैयद अब्दुल रहीम
Maidaan Movie Real Story: अजय देवगन (Ajay Devgn) की फिल्म मैदान (Maidaan Movie Story) की कहानी एक रियल लाइफ हीरों की कहानी है। जिन्होंने भारतीय फुटबाल के लिए वो करके दिखाया जिसने भारतीय फुटबाल टीम को एक अलग मुकाम दिलाया। हम बात कर रहे है, सैयद अब्दुल रहीम के बारे में, जिनकी बॉयोग्राफी पर आधारित है, अजय देवगन की फिल्म मैदान की स्टोरी जोकि 10 अप्रैल 2024 को सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है, फिल्म का ट्रेलर आज यानि 2 अप्रैल 2े024 को जारी कर दिया गया है। जिसने लोगो के दिलों पर एक अलग छाप छोड़ दी है। आज हम बात करने जा रहे भारतीय फुटबाल के उस स्वर्णीम युग के बारे में जिस समय भारतीय फुटबाल टीम के कोच सैयद अब्दुल रहीम थे। चलिए जानते है, सैयद अब्दुल रहीम के बारे में की कौन थे, सैयद अब्दुल रहीम जिनकी जीवन (Syed Abdul Rahim Biography)पर आधारित है, फिल्म मैदान
मैदान मूवी रियल स्टोरी (Maidaan Movie Real Story In Hindi)-
सैयद अब्दुल रहीम कौन है (Syed Abdul Rahim Biography)-
- जन्म की तारीख- 17 अगस्त 1909
- जन्मस्थल- हैदराबाद, (तत्कालीन हैदराबाद राज्य), भारत
- मृत्यु तिथि- 11 जून 1963
- मृत्यु के समय आयु- 53 वर्ष
- सैयद अब्दुल रहीम- मौत का कारण कैंसर
- राष्ट्रीयता- भारतीय
- गृहनगर- हैदराबाद, (तत्कालीन हैदराबाद राज्य), भारत
- विद्यालय- पता नहीं
- विश्वविद्यालय - उस्मानिया विश्वविद्यालय, भारत
- शैक्षणिक योग्यता- स्नातक
- धर्म- इसलाम
- सैयद अब्दुल रहीम बेटा- शाहिद हकीम (पूर्व ओलंपिक व फीफा अधिकारी)
सैयद अब्दुल रहीम वो व्यक्ति थे, जिन्होंने भारतीय फुटबॉल टीम को दो एशियाई गोल्ड मेडल दिलाया था। इसके साथ ही 1956 के मेलबर्न ओलंपिक के सेमीफाइनल दौर में पहुँचने वाली भारतीय टीम पहली एशियाई टीम बनी थी। सैयद अब्दुल रहीम (Syed Abdul Rahim) के समय को भारतीय फुटबॉल का स्वर्णिम दौर माना जाता है। साल 1943, यही वह समय था जब सैयद अब्दुल रहीम (Syed Abdul Rahim) को भारतीय फुटबाल टीम का कोच नियुक्त किया गया था। जब उनको सीलोन का टूर करने वाली भारतीय फुटबॉल टीम को ट्रेनिंग देने की जिम्मेदारी सौपी गई थी। उस समय बस देश को आजाद हुए 4 साल ही हुए थे। साल 1951 में नई दिल्ली में एशियाई खेलों का आयोजन किया गया था।
सैयद अब्दुल रहीम भारतीय फुटबॉल कोच थे। जिन्होंने आधुनिक भारतीय फुटबॉल का आर्किटेक्ट भी कहा जाता है। रहीम की भारतीय फुटबॉल को ऊंचाई पर ले जाने की भूख इस कदर थी कि सन् 1962 में जब जकार्ता के एशियाई खेल हो रहे थे, तब रहीम कैसर जैसी गंभीर बीमारी से लड़ रहे थे। लेकिन उनके दिमाग में केवल भारत के लिए गोल्ड ही था। और उनका ये सपना पूरा भी हुआ लेकिन उसके अगले साल ही 1963 में कैंसर (Syed Abdul Rahim Death Reason) से लड़ते हुए उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।
सैयद अब्दुल रहीम ने रचा इतिहास-
रहीम (Syed Abdul Rahim) की सरपस्ती में भारतीय टीम ने दिल्ली में हुए एशियाई खेलों में गोल्ड मैंडल जीता था। जबकी उस समय ये मैच 11*65 यार्ड के मैदान पर खेले गए, जो अंतरराष्ट्रीय नियमों द्वारा निर्धारित मैदान से छोटा था। और फीफा ने इसे एडवांस में नोटिफाई करते हुए टूर्नामेंट के लिए मंजूरी प्रदान की थी।
एशियाई गोल्ड जीतने के बाद भारतीय फुटबॉल टीम के हौसले बुलंद थे। कोच खिलाड़ियों की तकनीक में लगातार सुधार कर रहे थे। 1952 के ओलंपिक भले ही कुछ खास ना रहा हो लेकिन 1956 के मेलबर्न समर ओलंपिक में भारतीय फुटबाल टीम ने इतिहास रच दिया।
उस समय टीम के कप्तान समर बनर्जी थे-
जब भारत ने मेलबर्न जीता उस समय टीम के कप्तान समर बनर्जी थे व कोच सैयद अब्लुद रहीम (Syed Abdul Rahim) थे। हंगरी के न खेलने पर भारतीय फुटबॉल टीम को वाक ओवल मिला। इसके बाद भारतीय टीम ने मेजबान आस्ट्रेलिया को 4-2 से धूल चटा दिया और सेमीफाइनल में जगह बना ली। इस तरह भारतीय फुटबॉल टीम ने इतिहास रच दिया। अब्दुल रहीम वो कोच थे जिन्होंने भारतीय फुटबाल टीम में 4-2-4 का फॉर्मेशन दिया था। रहीम भारत के तीन ओलंपिक खेलों 1952, 1956 व 1960 में कोच रहे थे। सैयद अब्लुद रहीम (Syed Abdul Rahim) की मृत्यु के साथ ही भारतीय फुटबाल टीम का भविष्य भी हमेशा के लिए उनके साथ उनकी कबर में ही दफ्न हो गया। 1963 में अब्दुल रहीम की कैंसर से (Syed Abdul Rahim Death Reason) मृत्यु हो गई।