लखनऊ: किसी ने नहीं सोंचा था कि सिंपल से दिखने वाले इस शख्स के चेहरे के पीछे इतना बेहतरीन कलाकार छुपा हुआ है। मनोज वाजपेयी को फिल्मी जगत का जाना माना चेहरा माना जाता है। पर ये जानकर हैरानी होगी कि जिस एक्टर को हम देखकर इतनी तालियां बजाते हैं, कभी वो खुद दूसरों के लिए तालियां बजाता था।
नेशनल अवॉर्ड पा चुके मनोज वाजपेयी की जिंदगी में पुरस्कार कुछ खासा महत्व नहीं रखते। उनका मानना है कि जिंदगी अवॉर्डों से नहीं बल्कि पैसों से चलती है। मनोज वाजपेयी को भले ही आज भी कुछ लोग उन्हें स्ट्रगलिंग एक्टर मानते हों, लेकिन सच तो यह है कि असल मायने में वह एक्टिंग के बादशाह हैं। जिस तरह से वे अपनी बिहारी भाषा में डायलॉग डिलीवरी करते हैं, हर कोई उनका मुरीद हो जाता है। बताते हैं बर्थडे हंट मनोज वाजपेयी की कुछ बातें-
रिक्शों पर करते थे दूसरों की फिल्म का प्रचार
फिल्म बैंडिट क्वीन से फिल्मी दुनिया में कदम रखने वाले मनोज वाजपेयी को उनके पिता इंजीनियर बनाना चाहते थे। कहा जाता है कि पुराने समय में जब कोई नई फिल्म आती थी, तो उसका प्रचार रिक्शों पर किया जाता था। उस समय वह स्कूल में पढ़ते थे। ऐसे में जब मनोज प्रचार करने वालों को देखते थे, तो वह रिक्शा वालों के साथ हो लेते थे। उसका माइक लेकर वो अपनी तरह- तरह की आवाजों से दूसरों की फिल्मों का प्रचार करते थे।
फिल्मों की जान होते हैं मनोज के डायलॉग्स
कहा जाता है कि मनोज वाजपेयी के डायलॉग फिल्मों को पहचान दिलाते हैं। उनकी फिल्मों के सबसे चर्चित डायलॉग ये हैं-
1- आसमान में थूकने वालों को शायद ये पता नहीं कि पलट के थूक उनके ही चेहरे पर गिरेगा ……करारा जवाब मिलेगा – राजनीति
2- आप थे जीरो ! आप हैं जीरो !और आप हमेशा रहेंगे जीरो ! – आरक्षण
3- उस हरामी को मिटाना है हमें, मारेंगे नहीं उसको …कह के लेंगे ….. गैंग्स ऑफ वासेपुर
4- न कोई मरता है न कोई मारता है …ये मैं नहीं ..मैं नहीं कहता ….गीता में लिखा है – अक्स
5- बादशाह की गली में आके उसका पता नहीं पूछते …गुलामों के झुके हुए सर खुद ब खुद उसका रास्ता बता देते हैं –शूट आउट एट वडाला
6-बस दिलासा ही देते रहना हमको भरोसा तो नहीं दे सकते — राजनीति