Manoj Bajpayee Defamation Case: KRK के खिलाफ मनोज बाजपेयी का मानहानि मामला, एक्टर को बोला था 'चरसी गंजेडी'

Manoj Bajpayee Defamation Case: मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने एक्टर कमाल राशिद खान द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया है। आइये जानते हैं क्या है पूरा मामला।

Update:2022-12-19 21:36 IST

Manoj Bajpayee Vs KRK (Image Credit-Social Media)

Manoj Bajpayee Defamation Case: मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने एक्टर कमाल राशिद खान द्वारा दायर उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें अभिनेता मनोज बाजपेयी द्वारा दायर एक आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया गया था। केआरके ने मनोज की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश के लिए 26 जुलाई, 2021 को को एक्टर को चरसी गंजेडी बताते हुए दो मानहानिकारक ट्वीट किये थे जिसके खिलाफ मनोज ने कमाल खान के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। वहीँ कमाल ने उनकी याचिका को ख़ारिज करने की दलील दी थी जिसे आज उच्च न्यायालय ने ख़ारिज कर दिया है। आइये जानते हैं क्या है पूरा मामला।

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने अभिनेता कमाल राशिद खान, जिन्हें केआरके के नाम से जाना जाता है, द्वारा दायर एक याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें अभिनेता मनोज बाजपेयी द्वारा दायर एक आपराधिक मानहानि के मामले को खारिज करने की मांग की गई थी, जिसमें केआरके ने अभिनेता को 'चरसी गंजेदी' कहा था।

एमपी कोर्ट ने खारिज की याचिका

लाइव लॉ की एक रिपोर्ट के अनुसार, न्यायमूर्ति सत्येंद्र कुमार सिंह की पीठ ने प्रथम दृष्टया पाया कि बाजपेयी, जो एक बॉलीवुड एक्टर हैं, को 'चरसी गंजेड़ी' के रूप में संबोधित करना उनकी छवि और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए पर्याप्त था और इस तरह कोर्ट ने केआरके को राहत देने से इनकार कर दिया।

हाईकोर्ट ने कहा, "...प्रथम दृष्टया, ये स्पष्ट है कि किसी को 'चरसी गंजेड़ी' के रूप में संबोधित करना, प्रतिवादी जैसे व्यक्ति की छवि और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए पर्याप्त है, जो फिल्म इंडस्ट्री में एक अभिनेता है... "

क्या है पूरा मामला

मनोज बाजपेयी ने केआरके के खिलाफ धारा 499 और 500 के तहत कथित रूप से अपराध करने के लिए सीआरपीसी की धारा 200 के तहत एक आपराधिक शिकायत दर्ज की थी, जहां उन्होंने 26 जुलाई, 2021 को अभिनेता को कॉल करते हुए दो अपमानजनक ट्वीट करके बाजपेयी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की थी। साथ ही उन्हें चरसी गंजेडी कहकर सम्बोधित किया था।

इंदौर कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए, कमाल खान ने ये तर्क देते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया कि जिस ट्विटर हैंडल से ट्वीट किए गए थे, वो 22 अक्टूबर, 2020 को उनके द्वारा बेचा गया था, और इसलिए, उन्हें ट्वीट्स के लिए उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता है।

बाजपेयी के वकील ने कही ये बात

मनोज बाजपेयी के वकील ने तर्क दिया कि जिस ट्विटर हैंडल के बारे में खान बात कर रहे हैं जिसका नाम केआरके बॉक्स ऑफिस है उसको बेचने की बात पर इस स्तर पर विचार नहीं किया जा सकता है और ये भी कहा कि क्या इस्तेमाल किए गए शब्दों को बदनाम करने के इरादे से लिखा गया था, इस स्तर पर तय नहीं किया जा सकता है।

उच्च न्यायालय का क्या कहना है

अदालत ने कहा कि कमाल खान ने याचिका में कहीं नहीं कहा था कि KRK BOXOFFICE और KRK@kamalRK नाम के ट्विटर हैंडल उनके स्वामित्व और उपयोग में नहीं थे। कोर्ट ने आगे कहा, "किताब या किसी और चीज के बारे में राय बनाना किसी व्यक्ति के चरित्र पर व्यक्तिगत टिप्पणी करने से पूरी तरह अलग है। हालांकि, इसे प्रतिवादी की प्रतिष्ठा को खराब करने के इरादे से ट्वीट किया गया था।"

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