मुंबई: बॉलीवुड के खिलाड़ी अक्षय कुमार की मोस्ट अवेटेड फिल्म ‘रुस्तम’ आज रिलीज हो चुकी है। इसे ऑडियंस जमकर पसंद कर रही है। कई लोगों ने तो अपने-अपने ऑफिस से छुट्टी तक ले ली है। वहीं उत्तर प्रदेश के लखनऊ में सरकार ने 15 अगस्त को बच्चों, दिव्यांगों और बुजुर्गों के लिए ‘रुस्तम’ की फ्री स्क्रीनिंग रखी गई है।
जानें फिल्म ‘रुस्तम’ के बारे में
फिल्म का नाम- रुस्तम
डायरेक्टर- टीनू सुरेश देसाई
स्टार कास्ट- अक्षय कुमार, इलियाना डी क्रूज, ईशा गुप्ता, अर्जन बाजवा, कुमुद मिश्रा, पवन मल्होत्रा
समय- 2 घंटे 30 मिनट
सर्टिफिकेट- U/A
रेटिंग- 3 स्टार
‘रुस्तम’ की कहानी
यह फिल्म देशभक्ति बेस्ड फिल्म कही जाए, तो गलत न होगा फिल्म की कहानी नेवी अफसर रुस्तम पावरी (अक्षय कुमार) की है। जो अपनी पत्नी सिंथिया पावरी (इलियाना डी क्रूज) के साथ खुशहाल जिंदगी बिता रहा होता है। उसका विक्रम मखीजा (अर्जन बाजवा) का जिगरी दोस्त है। ये खुशहाली ज़्यादा टाइम तक नहीं टिक पाती है और एक इंसिडेंट में सब बदल जाता है। फिल्म में बड़ा मोड़ तब आता है, जब रुस्तम पावरी को ये पता चलता है कि उसकी वाइफ का उसके ही दोस्त से नाजायज़ रिलेशन है। बस इसके बाद 3 गोलियां चलती हैं और सबकुछ बदल जाता है। अब इस मर्डर का जिम्मेदार कौन है? सरकार का इसमें क्या रोल है? और आगे अक्षय कुमार के साथ क्या होता है? यह जानने के लिए खुद आपको फिल्म देखनी पड़ेगी।
रुस्तम स्क्रिप्ट
इस फिल्म की कहानी मुंबई के मशहूर नानावटी केस से इंस्पायर है। जिसे काफी बेहतरीन ढंग से विपुल के रावल ने लिखा है। फिल्म को 50 के दशक में दिखाया गया है और उसी जमाने के हिसाब से ही डायलॉग और स्क्रिप्ट लिखी गई है। कहानी को बताने का ढंग भी दिलचस्प है। टीनू का डायरेक्शन और संतोष ठुंडीईल की सिनेमेटोग्राफी काबिले तारीफ है।
एक्टिंग
फिल्म के ट्रेलर को देखकर ही अंदाजा लग गया था कि इस फिल्म में अक्षय कुमार ने काफी अच्छी एक्टिंग की है। उन्होंने फिर से प्रूव कर दिया है कि भले ही वह एक साल में 3-4 फ़िल्में करते हों, लेकिन इस तरह की फिल्मों में उनके अलावा कोई और खरा नहीं उतर सकता। अक्षय कुमार का नेवी अफसर के रोल में लाजवाब हैं। जबकि इलियाना डी क्रूज, ईशा गुप्ता का कैरेक्टर काफी सिंपल है। कुमुद मिश्रा, अर्जन बाजवा और बाकी एक्टर्स का काम भी अच्छा है।
वीक पॉइंट
वैसे तो फिल्म काफी अच्छी है लेकिन इसकी लंबाई ऑडियंस को थोडा बोर कर सकती है। इसे अगर और एडिट किया जाता या फिल्म की एडिटिंग और बेहतर की जा सकती थी।
संगीत
फिल्म के गाने के से बढ़कर एक हैं फिर वह चाहे ‘देखा हजारों दफा हो’ या फिर ‘तेरे संग यारा’ हो फिल्म के रिलीज से पहले ही इसका म्यूजिक हिट हो चुका था और कहानी के साथ खूब जमता भी है।