मुंबई: शाहरुख खान की अगली फिल्म रईस ने रिलीज से पहले अपने लिए जबर्दस्त माहौल बनाया दिया है। सभी जगह फिल्म के गाने, ट्रेलर और डायलॉग की ही चर्चा है। फिल्म से जुड़े सभी चीजों में सबसे ज्यादा पसंद किया जा रहा है तो रईस के एक लाइनर यानी उसके डायलॉग। लोगों के बीच रईस के डायलॉग इस कदर फेमस हो गए हैं कि वो इनको अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना लिए हैं। इन्हीं लोगों में से एक है मोची श्याम बहादुर, जो मुंबई में अपनी छोटी सी दुकान चलाते हैं। रईस का डायलॉग इनको इतना अपना और सटीक लगा कि इन्होंने अपनी दुकान के बाहर बोर्ड पर लिख उसे टांग दिया। यह डायलॉग है- कोई धंधा छोटा नहीं होता और धंधे से बड़ा कोई धर्म नहीं होता।
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जब शाहरुख खान को इस बात का पता चला तो उन्होंने श्याम बहादुर से मिलने की इच्छा जताई और श्याम से मुलाकात की। एक स्टूडियो में एसआरके मीडियाकर्मियों से मुखातिब हो रहे थे, इसी दौरान उन्होंने श्याम को भी बुलाया था। यहां श्याम का चेहरा देखते ही बनता था, वो नर्वस था, उसे यकीन ही नहीं हो रहा था कि यह सपना है या फिर सच है। जैसे ही शाहरुख उसकी ओर बढ़े श्याम के चेहरे की मुस्कुराहट और बढ़ गई।
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शाहरुख खान ने अपने एक लाइनर को इतना आत्मसात करने वाले श्याम बहादुर को गले से लगाया। श्याम को कुछ समझ नहीं आ रहा था उसके लिए जो घट रहा था वो सपने से कम नहीं था। श्याम ने शाहरुख को एक जोड़ी जूता गिफ्ट किया, जिसे उसने खुद अपने हाथों से बनाया था। शाहरुख ने श्याम से वादा किया कि वो इस जूते को मैंचिंग करती हुई पठानी के साथ जरूर पहनेंगे। साथ ही शाहरुख ने यह भी पूछा कि कैसे श्याम को वह एक लाइनर इतना भा गया। श्याम ने बताया कि उनका यह डायलॉग कम शब्दों में एक पूरी कहानी बयां कर देता है। और कैसे लोग बड़े धंधे और छोटे धंधे में फर्क कर अजीब सी निगाहों से देखते हैं।
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इस पूरी मुलाकात के दरम्यान श्याम को हकीकत और सपने में अंतर समझ नहीं आ रहा था। श्याम ने शाहरुख खान को धन्यवाद दिया और उनकी तारीफ की कि उनके एक डायलॉग ने एक धंधे के महत्व को बड़ी ही बारीकी से दुनिया को समझा दिया।
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