क्या हुआ जब कपड़ों की वजह से 'वडाली ब्रदर्स' नहीं कर पाए थे परफॉर्म, ऐसे मिली राह

Update:2018-03-09 15:40 IST

अमृतसर| 'वडाली ब्रदर्स' के दो प्रसिद्ध सूफी गायकों में से एक प्यारेलाल वडाली का शुक्रवार को निधन हो गया। वह 75 वर्ष के थे। परिवार ने बताया कि गायक उस्ताद पूरण चंद वडाली के छोटे भाई उस्ताद प्यारेलाल वडाली का कार्डियक अरेस्ट से निजी अस्पताल में निधन हो गया।

वडाली ब्रदर्स ने भारत और अन्य देशों में कई शोज किए हैं। उनके मशहूर गीतों में 'तू माने या ना माने दिलदारा, आसां ते तेनू रब मान्या' जैसे गीत शामिल हैं। उन्होंने 'पिंजर' जैसी फिल्मों के लिए भी गाया है।

नहीं आसान थी राह-

कलाकारों की राह इतनी आसान नहीं होती। उन्हें तरह-तरह की कठनाइयों का सामना करना पड़ता है। जब पहली बार दोनों कलाकार अपने गांव से बाहर जलंधर के हरबल्लब टेंपल में प्रस्तुति देने गए तो वहां उन्हें इस वजह से नहीं गाने दिया गया क्योंकि उनकी अपीयरेंस लोगों को पसंद नहीं आई। इस घटना ने दोनों को काफी प्रभावित किया था।

इसके बाद दोनों सिंगर ने जलंधर के संगीत सम्मेलन में गाने का फैसला लिया। वहां ऑल इंडिया रेडियो के एक अधिकारी ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और उनका पहला गाना रिकॉर्ड किया।

प्यारेलाल वडाली बहुत ही साधारण जीवन जीते थे। उनका निवास स्थान गुरू की वडाली में था। दोनों भाई अपने घर में ही संगीत सिखाते थे। इस शर्त पर छात्रों का दाखिला लिया जाता है कि जो भी उनसे संगीत सीखना चाहते हैं, उसे जीवनभर उसका सही इस्तेमाल करना होगा और उसके अस्तित्व को बचाकर रखना होगा।

 

अमृतसर के पास एक छोटे से गांव के रहने वाले वडाली ब्रदर्स दुनियाभर में अपनी गायकी के लिए काफी मशहूर हैं।

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