निर्विघ्नम कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा: ऐसे करें गणेश वंदना, बरसेगी कृपा
गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए पूजा के साथ विधि विधान से इस मंत्र का प्रयोग करने से आपकी मनोकामना पूरी होगी।
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नम कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।
हिन्दू परिवारों में किसी शुभ कार्य से पहले इन मंत्रों का उच्चारण अवश्य होता है। यह मन्त्र देवों के देव महादेव के पुत्र भगवान गणेश का है। किसी भी आराधना से पहले भगवान गणेश की स्तुति जरूर की जाती है। इन्हें विघ्न विनाशक भी कहा जाता है। हिन्दू धर्म में मान्यता है कि बिना गणेश वंदना के किसी काम को अगर शुरू किया जाता है तो तात्पर्य है कि आप किसी भी प्रकार के विघ्न उत्पत्ति का रास्ता छोड़ रहे हैं।
जानें मंत्र का अर्थ
वक्रतुण्ड महाकाय... मंत्र का अर्थ क्या आपको पता है। नहीं, तो हम आपको बताते हैं। इसका अर्थ है हे घुमावदार सूंड़ वाले, विशाल शरीर और काया वाले, करोड़ों सूर्य के समान महा प्रतिभाशाली। मेरे ईश्वर, हमेशा मेरे सभी कार्य बिना किसी विघ्न आदि के पूरा करें।
ऐसे करें गणपति पूजा
भगवान गणेश की आराधना करने वालों को सबसे पहले ध्यान देना चाहिए कि कभी भी उनकी खड़ी मुद्रा वाली मूर्ति को स्थापित न करें। मतलब, गजानन की मूर्ति हमेशा विराजमान मुद्रा में ही होनी चाहिए। मान्यता है कि गणेश भक्तों को पशुओं के प्रति दयालु रहना चाहिए। माना जाता है कि ऐसे श्रद्धालुओं पर गजानन की विशेष कृपा रहती है।