गुजरात में छुपाए गए मौत के आंकड़ें, अस्पताल से श्मशान तक का जानिए हाल
गुरुवार सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर 3 बजे तक के बीच हर घंटे कम से कम 10 बॉडी अस्पताल से बाहर ले जाई गई।
अहमदाबाद: पूरे देश में कोरोना ने बुरा हाल कर दिया है। लोग अब घरों में रहने पर मजबूर हो गए है। देश के ज्यादातर राज्य कोरोना से पीड़ित है। हर राज्य की स्थिति अलग है। अग बात गुजरात की करें तो यहां भी कोरोना के नए मामले और मौत का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा हैं। सरकारी आंकड़ों की माने तो अहमदाबाद में 24 मौत हुई हैं लेकिन हकीकत कुछ अलग ही है।
सरकार पर कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा छिपाने का आरोप लग रहा है। ऐसे में जब इन आरोपों की पड़ताल में कई चौकाने वाले मामले सामने आए है। अस्पताल से निकलने वाले शव और श्मशान घाट में अंतिम संस्कार के लिए लग रही कतार यही इशारा कर रहे हैं कि कोरोना से होने वाली मौतों के सही आंकड़ों में और सरकारी आंकड़ों में बड़ा अंतर है।
शहर का एक कोविड अस्पताल ऐसे तो....
अहमदाबाद (Ahmedabad) के सबसे बड़े कोविड (1200 बेड) अस्पताल के बाहर रोते-बिलखते लोगों में आक्रोश है। उनका कहना है कि परिवार के सदस्य को जब अस्पताल लाए थे तब वह ठीक था, लेकिन कोविड अस्पताल में आने के बाद उसकी मौत हो गई। अस्पताल से निकलने वाले शवों को देखकर सरकार के दावों पर यकीन करना मुश्किल है। मीडिया जांच में पाया गया कि गुरुवार सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर 3 बजे तक के बीच हर घंटे कम से कम 10 बॉडी अस्पताल से बाहर ले जाई गई।
कोरोना से लगातार हो रही मौत को लेकर गुजरात में सरकारी दावे आंकड़ों से मेल नहीं खाते। गुजरात में पिछले 24 घंटों में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 73 लोगों की मौत (Death) हुई। जिसमें अहमदाबाद कॉर्पोरेशन में 24, सूरत कॉर्पोरेशन में 24, राजकोट कॉर्पोरेशन 7, वडोदरा कॉर्पोरेशन में 6 और बाकी दूसरे शहरों में एक या दो मौत हुई।
ऐसे हालात पर सरकार के आंकड़े कुछ और
कोविड अस्पताल से महज 6 घंटों में ही 50 से ज्यादा शव ले जाते हुए देखे गए। यहां शव देने का काम लगातार 24 घंटे जारी रहता है। परिवार वाले इंतजार करते रहते हैं। पूरे अहमदाबाद की बात करें तो कुल 5700 बेड प्राइवेट अस्पताल में और सरकारी अस्पताल में 1000 कोविड बेड हैं। यहां पर एक दिन में कितने लोगों की मौत हुई इसके लिए अभी इंतजार करना होगा।
यहां के श्मशान घाट में भी बुरा हाल देखने को मिलता है। गुरुवार को एक साथ 6 शवों का अंतिम संस्कार श्मशान घाट हो रहा था तो वहीं 4 शव कतार में रखे थे। कुछ लोगों ने यह भी कहा की उन्होंने खुद की बारी का इंतजार करने में कम से कम 20 से 25 डेड बॉडी को जाते हुए देखा। सरकारी आंकड़ों में इतनी गड़बड़ी को लेकर जब अस्पताल प्रशासन से पूछा गया तो सिविल अस्पताल के सुप्रीडेंटेंट ने कहा कि हम तो कोविड प्रोटोकॉल के तहत ही बॉडी को हैंडओवर करते हैं।