Arvind Kejriwal Gujarat: गुजरात में केजरीवाल का बड़ा सियासी दांव,कई पाटीदार नेता आज थामेंगे आप का दामन

Arvind Kejriwal Gujarat: पाटीदार समुदाय के कई बड़े नेता आज आप का दामन थामने वाले हैं। इनमें पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के अध्यक्ष अल्पेश कथेरिया भी शामिल हैं।

Update:2022-10-30 12:16 IST

Arvind Kejriwal news (Social Media)

Arvind Kejriwal Gujarat: गुजरात में जल्द होने वाले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने पूरी ताकत झोंक रखी है। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के मुखिया अरविंद केजरीवाल पार्टी के अन्य नेताओं के साथ लगातार गुजरात का दौरा करने में जुटे हुए हैं। केजरीवाल ने पाटीदार समुदाय का वोट हासिल करने के लिए भी बड़ा सियासी दांव चल दिया है।

पाटीदार समुदाय के कई बड़े नेता आज आप का दामन थामने वाले हैं। इनमें पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के अध्यक्ष अल्पेश कथेरिया भी शामिल हैं। कथेरिया के अलावा खोडलधाम ट्रस्ट से जुड़े धार्मिक मालवीय भी आज आप में शामिल होने वाले हैं। माना जा रहा है कि पाटीदार नेताओं के आप में शामिल होने के बाद केजरीवाल को इस वोट बैंक में सेंध लगाने में काफी मदद मिलेगी।

आप में शामिल होंगे कई पाटीदार नेता

सियासी जानकारों का कहना है कि अल्पेश कथेरिया की पाटीदार समुदाय पर मजबूत पकड़ है और वे पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के अध्यक्ष के रूप में काफी लोकप्रिय रहे हैं। पाटीदार आंदोलन के समय में वे हार्दिक पटेल के साथ मजबूती से लड़ाई लड़ने वाले नेताओं में शामिल रहे हैं। वे आज गुजरात के भावनगर इलाके में होने वाली आप की जनसभा में पार्टी में शामिल होंगे।

जानकारों के मुताबिक कथेरिया के साथ ही उनके साथी धार्मिक मालवीय भी आप का दामन थामेंगे। स्थानीय निकाय चुनाव में मालवीय को कांग्रेस की ओर से टिकट दिया गया था मगर अल्पेश की ओर से ज्यादा टिकटों की मांग होने के कारण बाद में मालवीय ने नामांकन नहीं दाखिल किया था।

सूरत के म्युनिसिपल चुनाव में इसका आप को बड़ा फायदा मिला था और पार्टी 27 सीटें जीतने में कामयाब रही थी। सूरत के चुनाव नतीजों के बाद ही आप में विधानसभा चुनाव को लेकर भी उत्साह जगा था। पाटीदार नेताओं के अलावा कोली पटेल समाज के नेता राजू सोलंकी भी आज आप का दामन थामेंगे।

केजरीवाल का बड़ा सियासी दांव

गुजरात के विधानसभा चुनाव में भाजपा को कड़ी चुनौती दे रहे आप के नेता अरविंद केजरीवाल पाटीदार समुदाय के वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। पाटीदार समुदाय का वोट हासिल करने के लिए उन्होंने बड़ा सियासी दांव चल दिया है। उन्होंने ऐलान किया है कि यदि गुजरात में चुनाव के बाद आप की सरकार बनती है तो पाटीदार आंदोलन के समय दर्ज किए गए सारे मुकदमे वापस ले लिए जाएंगे।

उन्होंने भाजपा पर हमला करते हुए यह भी कहा है कि 27 साल तक गुजरात में शासन करने के बावजूद भाजपा के पास अपनी उपलब्धि गिनाने के लिए कुछ भी नहीं है। भाजपा के नेता सिर्फ आप नेताओं को गाली देने की कोशिश में जुटे हुए हैं।

केजरीवाल की कोशिशों के कारण गुजरात के कई प्रमुख चेहरे लगातार आप में शामिल हो रहे हैं। पिछले दिनों गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री छबीलदास मेहता की बेटी नीता मेहता, दलित लेखक सुनील जादव और पूर्व गृह मंत्री प्रबोध रावल के बेटे और कांग्रेस के नेता चेतन रावल ने आप का दामन थाम लिया था।

आप और कांग्रेस की राह आसान नहीं

वैसे गुजरात पर मजबूत पकड़ रखने वाली भाजपा के खिलाफ सियासी लड़ाई आसान नहीं मानी जा रही है। अरविंद केजरीवाल को भी भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। नवसारी में शनिवार को केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को काले झंडे दिखाए गए थे। दोनों नेताओं का विरोध करने वाले लोग मोदी-मोदी के नारे लगा रहे थे।

केजरीवाल अपनी सभाओं में और प्रेस कॉन्फ्रेंस में लगातार भाजपा पर हमला कर रहे हैं। इस कारण भाजपा कार्यकर्ताओं की ओर से उनका विरोध भी किया जा रहा है। दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का गृह राज्य होने के कारण भाजपा ने गुजरात में पूरी ताकत झोंक रखी है। इसलिए गुजरात में भाजपा के खिलाफ आप और कांग्रेस को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

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