Gujarat Election 2022: पूर्व आईपीएस डीजी वंजारा ने लॉंच की 'प्रजा विजय पक्ष' पार्टी, हुआ ये ऐलान

Gujarat Election 2022: पूर्व आईपीएस डीजी वंजारा ने अपनी नई पार्टी 'प्रजा विजय पक्ष' की लॉन्चिंग करते हुए अगला विधानसभा चुनाव लड़ने का इच्छा जाहिर किया है।

Written By :  Durgesh Sharma
Update:2022-11-08 13:46 IST

Gujarat Election 2022 ex IPS DG Vanjhara launched Praja Vijay Paksha party (Social Media)

Gujarat Election 2022: गुजरात में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के नाम से बहुचर्चित रहे पूर्व आईपीएस डीजी वंजारा ने अपनी नई पार्टी 'प्रजा विजय पक्ष' की लॉन्चिंग करते हुए अगला विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की। इसके साथ ही विवादित पूर्व पुलिस अधिकारी ने पार्टी के लॉन्चिंग के साथ ही बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों निशाना साधते हुए तीखा हमला बोला।

सभी 182 सीटों पर चुनाव लड़ेगा पार्टी

पूर्व पुलिस अधिकारी वंजारा ने पार्टी की लॉन्चिंग के समय कहा कि 1960 में गुजरात जब अस्तित्व में आया उसके बाद कई वर्षों तक यहां कांग्रेस का शासन रहा, अब 27 वर्ष से एक ही पार्टी राज्य में शासन चला रही है। तो जो यह प्रथा चली, उसके कारण से बहुत सारे दुष्प्रभाव पैदा हुए।

अगर काफी लंबे समय से एक ही पार्टी सत्ता में रहती है, तो सत्ता भ्रष्ट कर देती है। पहले ऐसी स्थिति कांग्रेस के दौरान पैदा हुई थी और अब ऐसा ही समय बीजेपी (BJP) के लिए है। इसलिए समय की मांग को देखते हुए प्रजा विजय पक्ष गुजरात राज्य की सभी 182 सीटों पर चुनाव लड़ेगा।

5 साल में होना चाहिए सत्ता का परिवर्तन

वंजारा ने अपने समर्थकों की मौजूदगी में मीडिया से कहा, 'जैसे फॉरेन में है उसी तरह से राज्य में दो ही पार्टी है जो बारी-बारी सत्ता का आनंद ले रहे हैं। एक पार्टी 2 साल या 5 साल तक सत्ता में रहे और उसके बाद पार्टी का परिवर्तन हो जाना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता तो पार्टी में कई खामिया आ जाती है जो अभी गुजरात में है यहीं वजह है कि हम प्रजा विजय पक्ष गुजरात में लाए है।

उन्होनें यह भी कहा, 'पिछले 27 वर्षों से गुजरात में भारतीय जनता पार्टी का शासन है अब लोगों की नजरिए को देखते हुए सत्ता में शामिल हिंदुत्ववादी पक्ष के सामने दूसरे हिंदुत्ववादी पक्ष को जगह देना चाहती है क्योंकि हिंदूवादी पक्ष का स्थान दूसरा हिंदूवादी पक्ष ही ले सकता है।

हमारी पार्टी और बीजेपी में एक अंतर है बीजेपी हिंदुत्ववादी पक्ष होने के बाद भी वह सत्ता के आस-पास रहने में विश्वास करता है जबकि प्रजा विजय पक्ष राज्य सत्ता के साथ धर्म सत्ता में मानती है।

Tags:    

Similar News