Gujarat: समान नागरिक संहिता पर गरमाई गुजरात की सियासत, असम के CM बोले: 3-4 नहीं, हिंदुओं की तरह करनी होगी एक शादी
Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात की चुनावी सभाओं में सरमा ने समान नागरिक संहिता का मुद्दा उठाकर माहौल गरमा दिया है।
Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात के विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार चरम पर पहुंच चुका है। पिछले 27 वर्षों से लगातार गुजरात की सत्ता पर काबिज भाजपा ने एक बार फिर चुनाव जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के साथ ही तमाम केंद्रीय मंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्री चुनाव प्रचार में उतर गए हैं। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा भी गुजरात में पार्टी प्रत्याशियों को जिताने की कोशिश मं् जुटे हुए हैं।
गुजरात की चुनावी सभाओं में सरमा ने समान नागरिक संहिता का मुद्दा उठाकर माहौल गरमा दिया है। उन्होंने देश में समान नागरिक संहिता का कानून लागू करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जब देश में हिंदू धर्म के लोग एक ही शादी करते हैं तो तुम तीन-चार शादी क्यों करोगे? बाकी के धर्म के लोगों को भी हिंदुओं की तरह एक ही शादी करनी होगी।
समान नागरिक संहिता लागू करने पर जोर
गुजरात में चुनाव प्रचार के दौरान असम के मुख्यमंत्री ने लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने आक्रामक तरीके से समान नागरिक संहिता पर अपनी बात रखते हुए भाजपा प्रत्याशियों को चुनाव जिताने की अपील की। उन्होंने कहा कि अगर हम देखें तो इस देश में कुछ लोग 3-3,4-4 शादियां कर लेते हैं। इस देश में रहकर कैसे तीन-चार शादियां करेंगे। आपको भी हिंदू धर्म के लोगों की तरह सिर्फ एक ही शादी करनी होगी।
उन्होंने कहा कि देश में समान नागरिक संहिता को लागू करने की जरूरत है। दूसरे धर्म के लोगों को भी हिंदुओं की तरह ही सिर्फ एक शादी का ही अधिकार हासिल होना चाहिए। जिस तरह हिंदू धर्म के लोग सिर्फ एक ही शादी कर सकते हैं,उसी तरह का नियम दूसरे धर्म के लोगों पर भी लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता को लागू करके ही सभी धर्म के लोगों को बराबरी पर लाया जा सकता है।
भाजपा ने गुजरात के चुनाव घोषणा पत्र में समान नागरिक संहिता को लागू करने की बात कही है। इससे पहले पार्टी ने हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव में भी इस मुद्दे को अपने घोषणा पत्र में शामिल किया था।
गुजरात चुनाव में आफताब मुद्दे की एंट्री
अपने चुनावी भाषण के दौरान असम के मुख्यमंत्री ने देश में चर्चित हुए श्रद्धा हत्याकांड का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि आफताब नामक मुस्लिम लड़के ने एक हिंदू लड़की के 35 टुकड़े कर डाले। लड़की को शादी का झांसा देकर आफताब ने इतना बड़ा अपराध किया। उसने दूसरी और लड़कियों को भी अपने झांसे में फंसा रखा था।
उन्होंने कहा कि देश में कई और आफताब भी हैं। इसलिए ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए लव जिहाद का कानून लागू किया जाना चाहिए। कच्छ की रैली में भी उन्होंने आफताब प्रकरण का मुद्दा उठाया और कहा विदेश में ताकतवर नेता का होना जरूरी है। नहीं तो इस देश के हर शहर में आफताब पैदा होंगे।
सद्दाम हुसैन से कर डाली राहुल की तुलना
सरमा ने अपने भाषण के दौरान राहुल गांधी के चेहरे की तुलना इराक के पूर्व राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन से कर डाली। उन्होंने कहा कि यदि आपको अपना चेहरा बदलना है तो उसे लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल जैसा कर लो या पंडित जवाहरलाल नेहरु जैसा कर लो। महात्मा गांधी जैसा कर लोगे तो और अच्छा रहेगा, लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि आपका चेहरा सद्दाम हुसैन जैसा क्यों होता जा रहा है। उन्होंने कांग्रेस पर एक ही धर्म की राजनीति करने का बड़ा आरोप भी लगाया।
उन्होंने महिलाओं के सम्मान का मुद्दा उठाते हुए कहा कि यदि किसी घर में बेटा और बेटी दोनों हैं तो उन्हें समान अधिकार हासिल होने चाहिए। बेटा और बेटी के फर्क कतई मंजूर नहीं किया जा सकता है।