Gujarat Election 2022: गुजरात की बीस सीटों पर उत्तर भारतीय भी बड़ा फैक्टर, इस तरह समीकरण साधने में जुटी है BJP

Gujarat Assembly Election 2022:कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी भी चुनावी रण में उतर चुके हैं जबकि आप की ओर से अरविंद केजरीवाल लगातार राज्य का दौरा करने में जुटे हुए हैं।

Report :  Anshuman Tiwari
Update:2022-11-23 12:28 IST

Gujarat Assembly Election 2022 (photo: social media ) 

Gujarat Assembly Election 2022: हिमाचल प्रदेश का चुनाव निपटने के बाद अब सबकी निगाहें गुजरात के विधानसभा चुनाव पर टिकी हुई हैं। भाजपा, कांग्रेस और आप इन तीनों दलों ने राज्य में युद्ध स्तर पर प्रचार अभियान छेड़ रखा है। भाजपा के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा की जंग बन गया है और यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद धुआंधार चुनाव अभियान में जुटे हुए हैं जबकि राज्य में चुनाव रणनीति की पूरी कमान गृह मंत्री अमित शाह ने संभाल रखी है। कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी भी चुनावी रण में उतर चुके हैं जबकि आप की ओर से अरविंद केजरीवाल लगातार राज्य का दौरा करने में जुटे हुए हैं।

गुजरात के विधानसभा चुनाव में उत्तर भारतीय मतदाता भी बड़ी भूमिका निभाएंगे। गुजरात के छह करोड़ की आबादी में करीब डेढ़ करोड़ प्रवासी हैं और इनमें भी सबसे ज्यादा संख्या यूपी और बिहार के रहने वालों की है। राज्य की करीब 20 विधानसभा सीटों पर उत्तर भारतीय मतदाताओं का खासा दबदबा है और इसी कारण भाजपा ने यूपी के कई बड़े नेताओं को चुनाव अभियान में लगाकर उत्तर भारतीय मतदाताओं का समीकरण साधने की कोशिश की है।

आप की एंट्री ने बदला समीकरण

गुजरात की 182 सीटों पर हो रहे विधानसभा चुनावों के लिए 1 और 5 दिसंबर को मतदान होना है। राज्य में पिछले कई चुनावों से भाजपा और कांग्रेस के बीच में मुकाबला होता रहा है मगर इस बार आप की एंट्री होने से समीकरण बदले हुए नजर आ रहे हैं। राज्य की विभिन्न सीटों पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबले के आसार दिख रहे हैं। राज्य की सत्ता पर 1995 से ही भाजपा का कब्जा है मगर 2017 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी के विजयी प्रत्याशियों की संख्या तीन अंकों तक नहीं पहुंच सकी थी।

यही कारण है कि भाजपा इस बार प्रचार में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रही है। पार्टी नेताओं की ओर से किए जा रहे प्रचार में पीएम मोदी के नाम पर ही वोट मांगे जा रहे हैं और पार्टी को भरोसा है कि पीएम मोदी के नाम पर राज्य के लोगों का एक बार फिर पार्टी को समर्थन हासिल होगा।

उत्तर भारतीय मतदाता क्यों बने अहम

गुजरात के विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की भी खूब चर्चा हो रही है क्योंकि उत्तर भारतीय मतदाता भी यहां प्रमुख भूमिका निभाते रहे हैं। गुजरात में रहने वाले बाहरी प्रदेश के लोगों में सबसे ज्यादा संख्या यूपी और बिहार के लोगों की है। राज्य विधानसभा की करीब 20 सीटें ऐसी हैं जहां उत्तर भारतीय मतदाताओं का काफी दबदबा दिखता है। यूपी के पूर्वांचल के इलाके से सबसे ज्यादा लोग गुजरात आकर बसे हुए हैं।

सूरत की कई विधानसभा सीटों पर उत्तर प्रदेश के मतदाताओं की संख्या काफी ज्यादा है। गुजरात में रहने वाले उत्तर भारतीय मतदाताओं को साधने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने काफी जोरदार रणनीति बनाई है। उत्तर प्रदेश के प्रमुख भाजपा नेताओं को गुजरात के विभिन्न इलाकों में उत्तर भारतीय मतदाताओं का समीकरण साधने की कोशिश में लगाया गया है।

योगी की गुजरात चुनाव में प्रमुख भूमिका

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ देश के अन्य प्रदेशों में भी चुनाव प्रचार करते रहे हैं मगर गुजरात के चुनाव में उनकी भूमिका काफी अहम मानी जा रही है। योगी गुजरात की कोई विधानसभा सीटों पर चुनावी सभाएं कर चुके हैं। अपनी सभाओं के जरिए योगी आदित्यनाथ कांग्रेस और आप पर जमकर हमला बोल रहे हैं।

भोजपुरी फिल्मों के स्टार दो भाजपा सांसदों रवि किशन और दिनेश लाल यादव निरहुआ को भी उत्तर भारतीयों का समीकरण साधने में लगाया गया है। भाजपा के दोनों सांसद सूरत में पार्टी प्रत्याशियों की स्थिति मजबूत बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

यूपी के कई अन्य नेता भी सक्रिय

गुजरात की ब्यूरोक्रेसी में लंबे समय तक प्रमुख भूमिका निभा चुके और अब उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री एके शर्मा को भी गुजरात के चुनाव प्रचार में लगाया गया है। यूपी के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक भी गुजरात का दौरा कर चुका हैं। यूपी के विधायक शलभ मणि त्रिपाठी भी पार्टी प्रत्याशियों के प्रचार में जुटे हुए हैं। पूर्वांचल के कई अन्य नेता भी गुजरात के चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं।

भाजपा सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी खुद काशी से सांसद हैं और काशी के विकास के लिए उन्होंने काफी प्रयास भी किया है। पूर्वांचल के मतदाताओं के बीच में काफी लोकप्रिय हैं और पीएम मोदी की वजह से गुजरात में रहने वाले उत्तर भारतीयों का समर्थन भाजपा को ही हासिल होगा।

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