Gujarat Bridge Collapse: आखिर गुजरात में कैसे हुआ ये बड़ा हादसा, लगातार निकल रही लाशें

Gujarat Bridge Collapse Update: मच्छु नदी पर बने इस पुल की कुछ दिन पहले ही मरम्मत कराई गई थी। 5 दिन पहले ही इसे आम जनता के लिए फिर से खोला गया था।

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2022-10-30 23:16 IST

Gujarat cable bridge collapse Live due to dam burst in1979 Morbi was destroyed (Social Media) 

Gujarat Bridge Collapse Update: गुजरात के मोरबी शहर में एक सस्पेंशन ब्रिज टूटने से दर्जनों लोगों की मौत हो गई है। जिस वक्त ये हादसा हुआ, उस समय पुल पर 400 से 500 लोग मौजूद थे। इस हैंगिंग ब्रिज का निर्माण मोरबी राजवंश के शासन वाले सर वाघजी ठाकोर ने लगभग 150 साल पहले करवाया था और इसकी लंबाई 233 मीटर है और यह 4.6 फीट चौड़ा है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस घटना पर चिंता व्यक्त की है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हादसे पर दुख जताया है। उन्होंने कहा है कि इस विषय में उन्होंने गुजरात के गृह राज्यमंत्री हर्ष संघवी व अन्य अधिकारियों से बात की है। स्थानीय प्रशासन पूरी तत्परता से राहत कार्य में लगा है।

रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है, लेकिन अंधेरा होने के चलते रेस्क्यू में काफी दिक्कतें आ रही हैं। पुलिस और प्रशासन की मदद के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भी मौके पर पहुंच गई हैं। 

ऐतिहासिक पुल

मोरबी केबल ब्रिज एक ऐतिहासिक पुल था। मरम्मत और जीर्णोद्धार के बाद गुजराती नववर्ष के अवसर पर 26 अक्टूबर को इस पुल का उद्घाटन किया गया था। रिपोर्टों के मुताबिक, पुल के नवीनीकरण के लिए सरकारी टेंडर ओधवजी पटेल के स्वामित्व वाले ओरेवा ग्रुप को दिया गया था। 230 मीटर लंबा ऐतिहासिक पुल 19वीं शताब्दी में ब्रिटिश शासन के दौरान बनाया गया था। यह छह महीने के लिए नवीनीकरण के लिए बंद कर दिया गया था और पिछले सप्ताह जनता के लिए फिर से खोल दिया गया था।

फिटनेस सर्टिफिकेट के बिना खोल दिया

मोरबी नगर समिति के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एस.वी. जाला ने केके चौंकाने वाले खुलासे में कहाहै कि बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के पुल को जनता के लिए खोल दिया गया।

ज़ाला ने स्थानीय मीडिया को संबोधित करते हुए कहा: "लंबी अवधि के लिए, यह पुल जनता के लिए बंद था। सात महीने पहले, एक निजी कंपनी को नवीनीकरण और रखरखाव के लिए ठेका दिया गया था और पुल को 26 अक्टूबर को जनता के लिए उस कंपनी द्वारा फिर से खोल दिया गया था। नगर पालिका ने फिटनेस सर्टिफिकेट जारी नहीं किया है।

गोवा में हुआ था ऐसा हादसा

इससे पहले 14 अक्टूबर को दक्षिण गोवा में दूधसागर जलप्रपात से 40 से अधिक पर्यटकों को बचाया गया था। वहां भारी बारिश के कारण एक केबल पुल टूट गया था।

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