Gujarat Election 2022: गुजरात में नरेश पटेल ने लिया बड़ा फैसला, जानिए चुनाव में क्या भूमिका निभाएंगे पाटीदार नेता
Gujarat Election 2022: गुजरात में पाटीदार नेता नरेश पटेल ने अपने पत्ते खोल दिए हैं। श्री खोडल धाम ट्रस्ट के मुखिया नरेश पटेल ने ऐलान किया है कि उन्होंने सक्रिय राजनीति में न उतरने का फैसला किया है।
Gujarat Election 2022: गुजरात में काफी प्रभावशाली माने जाने वाले पाटीदार नेता नरेश पटेल (Patidar leader Naresh Patel) ने अपने पत्ते खोल दिए हैं। श्री खोडल धाम ट्रस्ट के मुखिया नरेश पटेल (Patidar leader Naresh Patel) ने ऐलान किया है कि उन्होंने सक्रिय राजनीति में न उतरने का फैसला किया है। सियासी हलकों में करीब छह महीने से पटेल के सक्रिय राजनीति में उतरने और कांग्रेस की मदद करने की संभावना जताई जा रही थी।
पटेल (Patidar leader Naresh Patel) की दिल्ली में कांग्रेस नेताओं के साथ हुई बातचीत के बाद उनके कांग्रेस के साथ जुड़ने की चर्चाओं में तेजी पकड़ ली थी। पटेल ने करीब छह महीने से जारी इस सस्पेंस को खत्म करते हुए सक्रिय राजनीति से दूर रहने की घोषणा की है। पटेल का यह कदम कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। पाटीदार नेता हार्दिक पटेल (Patidar leader Hardik Patel) पहले ही कांग्रेस को छोड़कर भाजपा का दामन थाम चुके हैं और अब कांग्रेस को नरेश पटेल से भी कोई मदद नहीं मिलने वाली है।
सक्रिय राजनीति से दूर रहने का ऐलान
राजकोट जिले में स्थित खोडलधाम में नरेश पटेल (Patidar leader Naresh Patel) ने मीडिया से बातचीत के दौरान सक्रिय राजनीति में न उतरने की घोषणा की। पटेल ने कहा कि पाटीदार समुदाय (Patidar Community) से जुड़े युवा और महिलाएं तो उन्हें सक्रिय राजनीति में देखना चाहती हैं मगर समुदाय के वरिष्ठ लोग इसके पूरी तरह खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि पाटीदार समुदाय के वरिष्ठ लोगों का मानना है कि यदि में सक्रिय राजनीति में उतरता हूं तो समुदाय के साथ सही अर्थों में न्याय नहीं कर पाऊंगा। पटेल ने कहा कि खोडलधाम ट्रस्ट विविध क्षेत्रों में कई प्रोजेक्ट्स चला रहा है। ये प्रोजेक्ट कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि महत्वपूर्ण क्षेत्रों से जुड़े हुए हैं और अभी तक पूरे नहीं हुए हैं। ऐसे में अब सक्रिय राजनीति में न उतरकर मैं अपना पूरा ध्यान इन प्रोजेक्ट्स को पूरा करने में लगाऊंगा।
पाटीदार समुदाय के वरिष्ठों ने किया विरोध
सूत्रों का कहना है कि नरेश पटेल (Patidar leader Naresh Patel) के सक्रिय राजनीति में उतरने के संबंध में ट्रस्ट की कमेटी की ओर से एक सर्वे भी किया गया था। इस सर्वे के दौरान 80 फीसदी युवाओं और 50 फ़ीसदी महिलाओं की राय थी कि पटेल को सक्रिय राजनीति के मैदान में उतारना चाहिए मगर दूसरी ओर पाटीदार समुदाय से जुड़े लगभग सभी वरिष्ठों का मानना था कि पटेल को सक्रिय राजनीति के मैदान में नहीं उतरना चाहिए। पटेल ने पाटीदार समुदाय के वरिष्ठों की राय को महत्व देने का फैसला किया है। पटेल का कहना है कि सक्रिय राजनीति में उतरने के विचार को मैंने स्थायी रूप से रद्द कर दिया है। हालांकि उन्होंने खोडलधाम पॉलिटिकल एकेडमी खोलने की घोषणा भी की है जिसमें सक्रिय राजनीति में उतरने के इच्छुक युवाओं को ट्रेनिंग दी जाएगी।
कांग्रेस को लगा बड़ा झटका
गुजरात में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में नरेश पटेल की घोषणा को कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। सियासी हलकों में करीब 6 महीने से उनके कांग्रेस में शामिल होने की चर्चाएं चलती रही हैं। यही कारण है कि कांग्रेस नेताओं का मानना था कि हार्दिक पटेल के पार्टी छोड़ने पर भी कांग्रेस नरेश पटेल के जरिए उसकी भरपाई कर लेगी मगर अब कांग्रेस की यह उम्मीद भी पूरी होने वाली नहीं है।
चुनाव में पाटीदार समुदाय की भूमिका महत्वपूर्ण
गुजरात के विधानसभा चुनाव (Gujarat Assembly Election) में पाटीदार समुदाय की बड़ी भूमिका होती है। राज्य में पाटीदार समुदाय का करीब 12 फ़ीसदी वोट है और विधानसभा चुनाव में इस समुदाय की भूमिका काफी निर्णायक मानी जाती रही है। हार्दिक पटेल (Patidar leader Hardik Patel) के कांग्रेस छोड़ने के बाद कांग्रेस को नरेश पटेल से काफी उम्मीदें थीं मगर अब पटेल ने भी सक्रिय राजनीति में उतरने की घोषणा करके कांग्रेस को बड़ा झटका दे दिया है। पिछले चुनाव में पाटीदार समुदाय के प्रभुत्व वाले इलाकों में कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा रहा था मगर इस बार भाजपा पाटीदार समुदाय में पैठ बनाने की कोशिश में जुटी हुई है।