Godhra-Morbi: गुजरात की दोनों 'हॉट सीट' पर बीजेपी फतह, एक ने 'हीरो' तो दूसरे ने राउलजी को चुना

Gujarat Election 2022: गुजरात में बीजेपी की प्रचंड जीत में दो 'हॉट सीट' भी बीजेपी के खाते में गई, जहां इस बार सत्ता विरोधी लहर का डर था। ये सीटें थी मोरबी और गोधरा।

Written By :  aman
Update: 2022-12-08 12:02 GMT

कांतिभाई अमृतिया और सीके राउलजी (Social Media)

Godhra-Morbi in Gujarat: गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजे भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पक्ष में रहे। बीजेपी ने इस बार प्रचंड जीत हासिल की। राज्य की 182 विधानसभा सीटों में जिन दो पर सबकी नजर  थी वो है मोरबी और गोधरा। मोरबी में हाल ही में ब्रिज दुर्घटना के बाद माना जा रहा था कि यहां सत्ता विरोधी लहर का असर देखने को मिल सकता है। मगर, ऐसा नहीं हुआ। बीजेपी यहां जीतने में सफल रही। इसी तरह, गोधरा सीट से भी बीजेपी ने बाजी मार ली, जो अब तक कांग्रेस के कब्जे में थी।     

बीजेपी गुजरात में 27 वर्षों से लगातार सत्ता में रहने के बाद एक बार फिर उसी दहलीज पर खड़ी है। भारी बढ़त के साथ बीजेपी अपने नाम कई रिकॉर्ड दर्ज करती जा रही है। वहीं, कांग्रेस का ये अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन रहा है। कांग्रेस 20 का आंकड़ा भी नहीं छू पाई। पहली बार चुनावी मैदान में उत्तरी AAP को कोई बड़ा कमाल नहीं कर सकीय। इस बीच लोगों की नजर गोधरा और मोरबी विधानसभा सीट पर लगी रही।   

मोरबी में बीजेपी की जीत, 'हीरो' को लोगों ने चुना  

गुजरात की कुल 182 विधानसभा सीटों के परिणाम पर नजर डालें तो बीजेपी (BJP) ने बड़ी जीत हासिल कर ली है। इस बीच मोरबी (Morbi) विधानसभा सीट को लेकर लोगों की उत्सुकता कायम रही। मोरबी से भाजपा प्रत्याशी कांतिभाई अमृतिया (Kantilal Amrutiya) ने जीत हासिल की। कांग्रेस ने यहां से जयंती पटेल को अपना उम्मीदवार बनाया था। जबकि, आम आदमी पार्टी (AAP) ने पंकज रनसरिया को टिकट दिया था। आपको बता दें, मोरबी पुल हादसे के बाद से कांतिभाई अमृतिया सुर्खियों में थे। कांतिभाई अमृतिया वही शख्स हैं जिसने ब्रिज टूटने के बाद नदी में कूदकर कई लोगों की जान बचायी थी। उन्हें मोरबी में 'हीरो' के तौर पर देखा जाने लगा था। कांतिभाई का एक वीडियो भी वायरल हुआ था जिसमें वो नदी में डूब रहे लोगों को बचाने का प्रयास करते नजर आए थे। 

'हॉट सीट' गोधरा भी BJP की झोली में

वहीं, गुजरात चुनाव में 'हॉट सीट' के नाम से चर्चित गोधरा में भी बीजेपी उम्मीदवार ने जीत हासिल की। कैबिनेट मंत्री सीके राउलजी ने 7वीं बार यहां से जीत हासिल की। कांग्रेस ने इस सीट से रश्मिताबेन दुष्यंत सिंह चौहान को टिकट दिया था। AAP के राजेश पटेल भी चुनावी मैदान में थे। आपको बता दें, बीजेपी की तरफ से जब सीके राउलजी के यहां से चुनाव लड़ने की घोषणा की गई थी, तो पार्टी को काफी आलोचना झेलनी पड़ी थी। ज्ञात हो कि, गोधरा विधानसभा सीट (Godhra Assembly Seat) पर चंद्रसिंह कनकसिंह राउलजी ने 2012 और 2007 में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा था। दोनों ही बार उन्हें जीत मिली रही। उन्होंने 1995 तथा 2017 में भी इस सीट पर बीजेपी की टिकट से चुनाव जीता था। राउलजी इस बार भी बीजेपी की तरफ से चुनावी मैदान में थे।  

राउलजी क्यों रहे विवादों में? 

गोधरा से बीजेपी विधायक सीके राउलजी के नाम की घोषणा होने पर बीजेपी को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। दरअसल, उन्होंने बिलकिस बानो रेप मामले के दोषियों पर एक बयान दिया था। जो विवादों में रहा। उन्होंने बिलकिस के बलात्कारियों के रिहा होने पर मीडिया में से बातचीत में कहा था कि, 'सभी लोग ब्राह्मण जाति से हैं। ब्राह्मण संस्कारी होते हैं। अधिकारियों ने दोषियों के आचरण को संतोषजनक पाया।' आपको बता दें, राउलजी राज्य सरकार के उस पैनल का हिस्सा थे जिन्होंने बिलकिस रेप मामले के बलात्कारियों की रिहाई की वकालत की थी। उनके बयान के बाद ही देश भर में इस पर बहस छिड़ गई थी।

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