Gujarat Bridge Collapse: ठेकेदार, मैनेजर, टिकट क्लर्क, सिक्योरिटी गार्ड सहित 9 गिरफ्तार, IG बोले- दिलाएंगे सख्त सजा
Gujarat Bridge Collapse: मोरबी पुलिस ने बताया कि, जिन लोगों को गिरफ्तार किया है उनमें 2 प्रबंधक, 2 मरम्मत करने वाले कॉन्ट्रैक्टर, 3 सुरक्षा गार्ड तथा 2 टिकट क्लर्क शामिल हैं।
Gujarat Morbi Bridge Collapse : गुजरात (Gujarat) के मोरबी में पुल हादसे में 141 लोगों की मौत के बाद पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी है। गुजरात पुलिस ने सोमवार (31 अक्टूबर 2022) को 9 लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस सभी आरोपियों को अस्पताल ले गई और मेडिकल जांच करवाया। इस संबंध में मोरबी पुलिस ने बताया कि, आरोपियों पर गैर-इरादतन हत्या का केस दर्ज हुआ है। पुलिस ने जिन लोगों को गिरफ्तार किया है उनमें 2 प्रबंधक, 2 मरम्मत करने वाले कॉन्ट्रैक्टर, 3 सुरक्षा गार्ड तथा 2 टिकट क्लर्क शामिल हैं।
हिरासत में लिए गए सभी 9 लोगों को सोमवार को पूछताछ के लिए बुलाया गया था। पूछताछ के बाद शुरुआत में 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया। मगर, कुछ समय बाद सभी 9 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया।
राजकोट रेंज के आईजी कहा- दिलाएंगे सख्त सजा
इस बड़ी घटना के बाद कार्रवाई तेज है। सोमवार को राजकोट रेंज के आईजी अशोक यादव (Rajkot range IG Ashok Yadav) ने बताया कि, मोरबी में दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी। हम उस पर संवेदना व्यक्त करते हैं। रविवार शाम 6.30 बजे अचानक पुल गिरा था। हमने सभी आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए IPC की धारा- 304, 308 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।' अशोक यादव ने आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दिलाने की बात कही।
इनकी हुई गिरफ्तारी
राजकोट रेंज के IG अशोक कुमार यादव ने इस मुद्दे पर सोमवार शाम प्रेस कांफ्रेंस की। उन्होंने बताया कि, जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनमें रखरखाव करने वाली कंपनी ओरेवा के मैनेजर दीपक भाई नवीन चंद्र भाई पारेख (44 वर्ष), एक अन्य मैनेजर नवीन भाई मनसुख भाई दवे, टिकट क्लर्क मनसुख भाई वालजी भाई टोपिया (59 वर्ष), एक और टिकट क्लर्क मदन भाई लाखा भाई सोलंकी, ब्रिज रिपेयरिंग कॉन्टैक्टर प्रकाश भाई लालजी भाई परमार तथा एक और कॉन्ट्रेक्टर देवांग भाई लालजी भाई परमार (31 वर्ष) शामिल हैं। इसके अतिरिक्त 3 सिक्योरिटी गार्ड को भी गिरफ्तार किया गया है।
स्थानीय लोगों की मदद से बची कई जानें
मीडिया से बात करते हुए आईजी अशोक यादव ने कहा, हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने बचाव अभियान में मदद की, जिससे कई लोगों की जान बचायी जा सकी। ज्ञात हो कि, गुजरात के मोरबी जिले में रविवार शाम बड़ा हादसा हुआ था। मच्छु नदी पर झूलता पुल अचानक गिर गया था। इस हादसे में अब तक 141 लोगों के मौत की पुष्टि हुई है। घायलों का इलाज अस्पताल में चल रहा है। कई अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। आरोप है कि पुल की संचालन कंपनी ने समय से पहले ही पुल को खोल दिया था।
मोरबी पुल क्यों खास?
मोरबी स्थित इस पुल की खास बात ये थी, कि ये पुल हवा में झूलता रहता था। ठीक उसी प्रकार जैसे ऋषिकेश का राम और लक्ष्मण झूला है। इसी खासियत की वजह से वर्षों से बड़ी संख्या में लोग यहां आते रहे थे। हादसे वाले दिन यानी रविवार को भी इस पुल पर भारी भीड़ जुटी थी। मगर, यहीं चूक हो गई। जिस पुल की क्षमता 100 लोगों की थी वहां 500-700 लोग जमा हो गए थे। पुल इतना भार नहीं उठा पाया और टूटकर नदी में गिर गया।
1880 में वाघजी ठाकोर ने बनवाया था पुल
मोरबी के तत्कालीन राजा वाघजी ठाकोर ने साल 1880 में इसे बनवाया था। राजा ठाकोर का मोरबी पर शासन 1922 तक रहा। बताया जाता है, मोरबी के मच्छु नदी जब लकड़ी के इस पुल का निर्माण किया गया था तब इसमें यूरोप की सबसे आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया था। मोरबी के राजा वाघजी ठाकोर इसी पुल के रास्ते दरबार जाते थे। ये पुल दरबारगढ़ पैलेस व नजरबाग पैलेस यानी शाही महल को जोड़ता था। समय के साथ यह पुल दरबारगढ़ पैलेस और लख धीरजी इंजीनियरिंग कॉलेज के बीच प्रमुख मार्ग बन गया।