Morbi Bridge Collapse: न ब्रिज के तार बदले, न कॉन्ट्रैक्टर के पास ठेके लायक योग्यता...मोरबी कांड में खुली पोल
Morbi Bridge Collapse: मोरबी पुल हादसे मामले में गिरफ्तार सभी 9 लोगों को बुधवार को स्थानीय अदालत में पेश किया गया। जिसमें 4 को पुलिस हिरासत में और 5 को न्यायिक हिरासत में भेजा गया।
Morbi Bridge Collapse : गुजरात (Gujarat) के मोरबी जिले में पुल हादसे (Morbi Bridge Accident) के बाद गिरफ्तार सभी 9 लोगों को बुधवार (02 नवंबर 2022) को स्थानीय अदालत में पेश किया गया। कोर्ट ने ओरेवा कंपनी (Oreva Company) के दो मैनेजर सहित 4 लोगों को शनिवार तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है। जबकि, अन्य 5 आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा है। अदालत में सुनवाई के दौरान मोरबी ब्रिज हादसे को लेकर कई ऐसे खुलासे हुए जो चौंकाने वाले थे। सुनवाई के दौरान ये भी सामने आया कि मरम्मत के दौरान हैंगिंग ब्रिज के तार तक नहीं बदले गए थे।
गौरतलब है कि, इस हादसे में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 136 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि, 170 लोगों को राहत और बचाव कर्मियों ने बचाया। कुछ अभी भी लापता बताए जा रहे हैं।
पुल का फ्लोर बदला, तार नहीं
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एम.जे. खान (Chief Judicial Magistrate MJ Khan) की अदालत में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने बताया कि, जिस कॉन्ट्रैक्टर ने मोरबी पुल की मरम्मत का ठेका लिया था, उसके पास कॉन्ट्रैक्ट लेने लायक योग्यता भी नहीं थी। कोर्ट में फॉरेंसिक टीम की रिपोर्ट का जिक्र भी किया गया है। अदालत ने बताया गया कि, मोरबी के इस झूलते पुल की मरम्मत के दौरान सिर्फ फ्लोर को बदला गया था। ब्रिज की तारों को नहीं बदला गया था। ये तार नए फ्लोर का वजन उठाने में सक्षम नहीं थी।
योग्यता नहीं, फिर भी कॉन्ट्रैक्टर्स को मिले ठेके
अदालत में अभियोजन पक्ष (Prosecution) ने फॉरेंसिक रिपोर्ट (Morbi Bridge Accident Forensic Report) के हवाले से बताया कि, विशेषज्ञों का मानना है कि नए फ्लोर के वजन की वजह से ब्रिज की तार टूटी। इतना ही नहीं, आज सुनवाई के दौरान अदालत को ये भी बताया गया कि रिपेयर करने वाले कॉन्ट्रैक्टर्स भी काम करने के योग्य नहीं थे। बावजूद कॉन्ट्रैक्टर्स को साल 2007 और 2022 में मरम्मत का ठेका दिया गया।
मैनेजर ने कहा- भगवान की इच्छा से हुआ हादसा
मोरबी ब्रिज का मेंटेनेंस करने वाली ओरेवा कंपनी (Oreva Company) के गिरफ्तार मैनेजर दीपक पारेख ने अदालत में सुनवाई के दौरान कहा कि, 'ये भगवान की इच्छा थी। हादसा बेहद दुर्भाग्यपूर्ण था।' मैनेजर के इस बयान के बाद लोगों की प्रतिक्रिया आने लगी है।
गौरतलब है कि, गुजरात के मोरबी जिले में मच्छु नदी पर रविवार शाम पुल टूट गया। इस हादसे में कुल 135 लोगों की मौत हो गई, जबकि 170 से अधिक घायल हैं। बताया जाता है कि हादसे के वक्त ब्रिज पर काफी भीड़ थी। 100 लोगों की क्षमता वाले इस पुल पर 400 से 500 लोग थे। हादसे के बाद से प्रशासन और ब्रिज की मरम्मत करने वाली कंपनी पर कई सवाल खड़े हुए हैं।