Gujarat: टाटा मोटर्स ने शुरू की Ford के साणंद संयंत्र पर अधिग्रहण करने की तैयारी, ये है वजह
Ford का साणंद संयंत्र टाटा द्वारा अधिग्रहित किया जाएगा। फोर्ड ने बताया था कि भारत में कंपनी पिछले 10 वर्षों से घाटे में चल रही है जिससे कंपनी को 2 बिलियन डॉलर से ज्यादा का नुकसान हो चुका है।
Gujarat: अहमदाबाद से 40 किलोमीटर दूर स्थित साणंद में फोर्ड इंडिया के यात्री वाहन निर्माण संयंत्र को टाटा मोटर्स की ओर से ट्रांसफर का रास्ता साफ हो गया है। दोनों कंपनियों ने फोर्ड के यात्री वाहन निर्माण संयंत्र के स्वामित्व को टाटा मोटर्स को हस्तांतरित करने के लिए एक सहमति प्रस्ताव प्रस्तुत किया है। आपको बता दें कि फोर्ड (Ford) ने पिछले साल के आखिर में भारत से बाहर निकलने की अनाउंसमेंट की थी, क्योंकि कंपनी को भारी नुकसान हुआ था। दोनों कंपनियां टाटा मोटर्स के साणंद में फोर्ड प्लांट के ट्रांसफर के लिए बातचीत कर रही हैं, इसके तुरंत बाद अमेरिकी ऑटो प्रमुख ने पिछले साल भारत से बाहर निकलने की घोषणा की। इसकी पुष्टि फोर्ड इंडिया में एक सूत्र ने की।
जानाकारी के अनुसार अप्रैल 2018 में गुजरात सरकार (Gujarat Government) द्वारा एक एचपीसी का गठन किया गया था, ताकि मुद्दों को हल किया जा सके। कमेटी की अध्यक्षता मुख्यमंत्री करते हैं। वहीं, अगले सप्ताह होने वाली एचपीसी बैठक के दौरान, साणंद में अपने वाहन असेंबली प्लांट को टाटा मोटर्स को स्थानांतरित करने के लिए फोर्ड इंडिया के प्रस्ताव और हस्तांतरण से संबंधित मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी और अंतिम रूप दिया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा गठित हाई पॉवर कमिटी जल्द ही इस प्रस्ताव को मंजूरी देने वाली है।
टाटा मोटर्स को साणंद में नैनो संयंत्र शुरू में करने के लिए 4,500 करोड़ रुपये का निवेश किया था। फोर्ड मोटर कंपनी ने सालाना 2.4 लाख यूनिट और 2.7 लाख इंजन बनाने की क्षमता वाला प्लांट रखता है। इस पर निर्णय लिया जाएगा कि क्या कंपनी को अतिरिक्त लाभ मिलेगा या वही जो फोर्ड इंडिया को दिया गया था।
Tata Motors की कारें
Tata Motors के पोर्टफोलियो में SUV सेगमेंट में Tata Nexon, Harrier और Safari मौजूद है। वहीं हैचबैक और सेडान सेगमेंट में Tata Tiago, Tigor और Altroz शामिल है। कंपनी का लक्ष्य साल 2025 तक कुल 10 इलेक्ट्रिक वाहन को अपने लाइनअप में जोड़ना है। इस इलेक्ट्रिक वाहन में दो Electric Cars Tata Nexon EV और Tata Tigor EV को कंपनी पहले ही लॉन्च कर चुकी है।
कंपनी को 2 बिलियन डॉलर से ज्यादा का नुकसान
फोर्ड ने बताया था कि भारत में कंपनी पिछले 10 वर्षों से घाटे में चल रही है जिससे कंपनी को 2 बिलियन डॉलर से ज्यादा का नुकसान हो चुका है। भारत में कंपनी की बिक्री लगातार घट रही है और पिछले कुछ सालों में कार बाजार में मंदी के कारण कारोबार के बढ़ने के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं। इन सभी कारणों के वजह से उत्पादन बंद करने का फैसला लिया गया है।
देश और दुनिया की खबरों को तेजी से जानने के लिए बने रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलो करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।