गुजरात सीएम की रेस में यह दो नाम सबसे आगे , आज बीजेपी विधायक दल की बैठक में होगा फैसला

गुजरात में विजय रुपाणी के अचानक सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद राज्य आज बीजेपी विधायक दल की बैठक होगी।सीएम पद की रेस में नितिन पटेल का नाम सबसे आगे चल रहा है।

Newstrack :  Network
Published By :  Deepak Kumar
Update:2021-09-12 07:19 IST

गुजरात में पूर्व सीएम विजय रुपाणी। (Social Media)

Gujarat News: गुजरात में विजय रुपाणी के अचानक सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद राज्य में सियासी हलचल तेज हो गई है। अब आज यानी रविवार दोपहर दो बजे बीजेपी विधायक दल की बैठक होगी। सीएम पद की रेस में नितिन पटेल का नाम सबसे आगे चल रहा है।

CM की  रेस में केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया शामिल

सीएम पद की रेस में कई नाम सामने आए हैं, जिनमें मनसुख मंडाविया भी शामिल हैं। मंडाविया का नाम भी सीएम की रेस में है। मनसुख मांडविया फिलहाल केंद्र में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री हैं। वो गुजरात से बीजेपी के राज्यसभा सांसद हैं। 49 साल के मनसुख मांडविया करीब 2 दशक से राजनीति में सक्रिय हैं।

नितिन पटेल का नाम सबसे आगे

इस वक्त सूत्रों के मुताबिक नितिन पटेल का नाम सबसे आगे चल रहा है। नितिन पटेल 5 अगस्त 2016 को गुजरात के डिप्टी सीएम बने थे। बता दें कि नितिन पटेल को गुजरात सरकार में साल 2001 में वित्त मंत्री बनाया गया था। नितिन पटेल छह बार के विधायक हैं और तीन दशक का उनका राजनीतिक करियर है। 1990 में पहली बार गुजरात विधानसभा से विधायक बने थे। नितिन पटेल उत्तरी गुजरात के रहने वाले हैं।

इसके अलावा राज्यसभा सदस्य पुरुषोत्तम रूपाला, भाजपा के गुजरात प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल, दादर—नगर हवेली के प्रशासक प्रफुल्ल खोडा पटेल, केंद्र सरकार में मंत्री आरसी फालदू के नाम भी चर्चा में हैं। एक और नाम भाजपा नेता गोरधन झड़फिया का भी है लेकिन पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नाराजगी की वजह से इनका दावा कमजोर माना जा रहा है।

विजय रुपाणी का सियासी सफर

विजय रुपाणी गुजरात के 16वें मुख्यमंत्री बने थे। उन्होंने 7 अगस्त 2016 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और गुजरात की कमान अपने हाथ में ली थी। बता दें कि रुपाणी पश्चिम राजकोट से विधायक हैं। वो साल 2006 से 2012 तक राज्यसभा के सांसद रह चुके हैं। नवंबर 2014 में रुपाणी परिवहन मंत्री रहे थे। इसके अलावा वो गुजरात बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं। पहली बार वो 1987 में राजकोट नगर निगम के पार्षद चुने गए। इसके बाद 1996 में राजकोट के मेयर बने। रुपाणी एबीवीपी और आरएसएस से जुड़े रहे हैं। साल 2014 में रुपाणी राजकोट पश्चिम से एमएलए बने थे।

विजय रुपाणी ने सीएम पद से इस्तीफे का ऐलान करने के बाद रुपाणी ने पीएम मोादी और बीजेपी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए साफ किया कि पार्टी उन्हें जो भी जिम्मेदारी सौंपेगी वे उसका निर्वाह करेंगे।

Tags:    

Similar News