Gujarat Politics: मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने में जुटी AAP, आखिर हार्दिक पटेल देंगे किसका साथ

Gujarat Politics : गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 में भाजपा को कांग्रेस के साथ ही आम आदमी पार्टी से भी दो-दो हाथ करना होगा। आप के सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद हार्दिक पटेेल का नाम चर्चा में आ गया है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Shivani
Update:2021-06-15 10:38 IST

अरविंद केजरीवाल -हार्दिक पटेल फाइल फोटो

Gujarat Politics: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का गढ़ माने जाने वाले गुजरात (Gujarat Assembly Election 2022) में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा को कांग्रेस के (BJP vs Congress) साथ ही आम आदमी पार्टी (AAP in Gujarat) से भी दो-दो हाथ करना होगा। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल (AAP Ladegi Gujarat Chunav) ने राज्य की सभी 182 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है।

सियासी जानकारों का मानना है कि आप जल्दी ही कांग्रेस को बड़ा झटका देने वाली है। कांग्रेस में हाशिए पर चल रहे पाटीदार समाज के नेता हार्दिक पटेल को आप की ओर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाया जा सकता है।

हार्दिक को चेहरा बना सकती है पार्टी

दरअसल गुजरात के चुनावी अखाड़े में भाजपा और कांग्रेस को सबसे मजबूत प्रतिद्वंद्वी माना जाता है मगर निकाय चुनावों के नतीजों से उत्साहित आप ने मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। उपेक्षा से नाराज चल रहे पाटीदार समुदाय को आकर्षित करने के लिए ही हार्दिक पटेल पर दांव लगाने की तैयारी है।
वैसे हार्दिक पटेल ने इस तरह की चर्चाओं को बेबुनियाद बताया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कोरोना काल में अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए भाजपा फर्जी खबरें प्लांट करा रही है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की ओर से विधानसभा चुनाव में उन्हें चेहरा बनाए जाने की खबरें पूरी तरह फर्जी हैं। कांग्रेस समर्थकों और पाटीदार समाज में भ्रम फैलाने के लिए ऐसी खबरें प्लांट कराई गई हैं।

दूसरी ओर सियासी जानकारों का कहना है कि सियासत में कुछ भी स्थायी नहीं होता। गुजरात के विधानसभा चुनाव में अभी कुछ वक्त है और हार्दिक भी अपने सियासी भविष्य की मजबूती के लिए कोई भी फैसला ले सकते हैं।

आप को बताया भरोसेमंद विकल्प

आप की चुनावी रणनीति तैयार करने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सोमवार को अहमदाबाद पहुंचे थे। यहां पार्टी कार्यालय का उद्घाटन करने के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत में राज्य की सभी 182 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया। उन्होंने गुजरात में बदलाव की उम्मीद जताते हुए आप को कांग्रेस और भाजपा का भरोसेमंद विकल्प बताया।

उन्होंने कहा कि अब गुजरात के लोग भी सोचने लगे हैं कि जब भी दिल्ली में बिजली और पानी फ्री हो सकता है, चिकित्सा व्यवस्था दुरुस्त हो सकती है तो ऐसा गुजरात में क्यों नहीं हो सकता। 27 साल से गुजरात में सिर्फ एक ही पार्टी भाजपा की सरकार है और कांग्रेस उसे कभी मजबूत चुनौती नहीं दे सकी। अब यह काम आप पूरा करके दिखाएगी।


सूरत में मिली जीत से आप में उत्साह

दरअसल सूरत में हुए नगर निकाय चुनाव में 27 सीटों पर मिली जीत ने आप में उत्साह का संचार किया है। आप की जीत में पाटीदारों की बड़ी भूमिका रही है और अब पाटीदार समुदाय अपने किसी बड़े चेहरे को सामने लाने की इच्छा रखता है। ऐसे में आप की नजर हार्दिक पटेल पर लगी हुई है और माना जा रहा है कि पार्टी की ओर से गुजरात में हार्दिक पटेल को चेहरा बनाया जा सकता है।

पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दूसरे महत्वपूर्ण नेता गोपाल इटालिया पहले ही आप से जुड़ चुके हैं। हाल में पाटीदार समाज की एक बैठक में मांग की गई थी कि अगला मुख्यमंत्री समाज से ही जुड़ा हुआ नेता होना चाहिए। अब पाटीदार समाज हार्दिक पटेल को आगे लाकर भाजपा और कांग्रेस दोनों को घेरने की रणनीति पर काम करने में जुटा है।

कांग्रेस में हाशिए पर हैं हार्दिक

गुजरात की राजनीति में हार्दिक पटेल की छवि युवा और आक्रामक नेता की रही है। कहने को तो मौजूदा समय में हार्दिक गुजरात प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हैं मगर हकीकत में वे पूरी तरह हाशिए पर पड़े हुए हैं। निकाय चुनाव में कांग्रेस को मिली शिकस्त के बाद कई कांग्रेसी नेताओं ने उन पर खुलकर हमला भी बोला था। कांग्रेस की हार से हार्दिक को भी झटका लगा था मगर उससे ज्यादा झटका उन्हें कुछ कांग्रेसी नेताओं की ओर से किए जा रहे हमले से लगा था।


पाटीदार समाज भाजपा की ओर से ज्यादा महत्व न मिलने से भी नाराज बताया जा रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि हार्दिक पटेल आप के साथ जोड़कर नई पारी की शुरुआत कर सकते हैं। सियासी जानकारों का कहना है कि यदि आने वाले दिनों में हार्दिक कांग्रेस छोड़कर आप की कश्ती में सवार हो जाएं तो किसी को ज्यादा हैरानी नहीं होनी चाहिए।

युवाओं को पार्टी से जोड़ने की तैयारी

आप की कोर कमेटी अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है और इसके लिए आक्रामक युवाओं को पार्टी से जोड़ने की रणनीति तैयार की गई है। पाटीदार समाज से जुड़े गोपाल इटालिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाने का निकाय चुनावों में आप को भारी फायदा हुआ और इसी कारण पार्टी सूरत में अपनी ताकत दिखाने में कामयाब रही। माना जा रहा है कि यदि आने वाले दिनों में पार्टी हार्दिक पटेल को भी जोड़ने में कामयाब हुई तो चुनावों में पार्टी को जबर्दस्त सियासी फायदा हो सकता है।
दिल्ली में कोरोना की मार के कारण आप नेता अभी तक ज्यादा सक्रिय नहीं हो सके हैं मगर माना जा रहा है कि दूसरी लहर के कमजोर पड़ने के साथ ही गुजरात में आप नेताओं की सक्रियता और बढ़ेगी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुजरात का दौरा करके इसकी शुरुआत कर दी है। जानकारों का कहना है कि आने वाले दिनों में आप नेताओं के लगातार दौरे का कार्यक्रम तय किया जाएगा ताकि पार्टी की चुनावी फिजा को और मजबूत बनाया जा सके।

गुजरात के अखाड़े में तीसरा पहलवान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का गृह राज्य होने के कारण गुजरात का विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए काफी प्रतिष्ठापूर्ण माना जाता है। गुजरात में लंबे समय से भाजपा का ही राज रहा है और उसे चुनौती देने वाले दल के रूप में कांग्रेस को ही माना जाता रहा है।
अब आप पार्टी ने भी पूरी तैयारी और दमखम के साथ चुनाव लड़ने का फैसला किया है। सियासी जानकारों के मुताबिक यदि आप किसी मजबूत सियासी चेहरे को सामने लाकर चुनाव मैदान में उतरी तो वह भाजपा और कांग्रेस दोनों को चुनौती देने में सक्षम होगी।
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