Gujarat Woman Police Constable: महिला पुलिसकर्मी ने कायम की मिसाल, तपती धूप ने कंधे पर बैठाकर बुर्जुग को छोड़ा घर

Gujarat Woman Police Constable: चिलचिलाती धूप में गुजरात के कच्छ में इस मह‍िला पुल‍िसकर्मी ने देश की जनता के सामने मानवता की अनोखी मिशाल कायम की है।

Newstrack :  Network
Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2022-04-23 07:11 GMT

गुजरात की महिला पुलिसकर्मी (फोटो-सोशल मीडिया)

Gujarat Woman Police Constable: गुजरात में मानवता की अनोखी मिसाल कायम करने वाली महिला पुलिसकर्मी के चर्चें सोशल मीडिया पर काफी जोरों से हैं। इस महिला पुलिसकर्मी ने भीषण गर्मी ने रेगिस्तान की तपती रेत में अपने कंधे पर एक बुर्जुग को बैठाया। ये बुजुर्ग महिला गुजरात के कच्छ में एक मंदिर में मोरारीबापू की रामकथा सुनने आई थी। लेकिन गर्मी की वजह से वे बेहोश हो गई थी। तभी महिला पुलिसकर्मी ने अपने कंधे पर बुर्जुग महिला को बैठाकर 5 किमी आगे तक उसकी मंजिल पर पहुंचाया।

चिलचिलाती धूप में गुजरात के कच्छ में इस मह‍िला पुल‍िसकर्मी ने देश की जनता के सामने मानवता की अनोखी मिशाल कायम की है। जहां पर महिला पुलिसकर्मी ने बुर्जुग महिला को उसके घर तक पहुंचाया। मह‍िला पुलिसकर्मी की इस जिंदादिली और जज्बे की पूरे देश में खूब तारीफ हो रही है। वहीं राज्य के गृहमंत्री ने भी महिला पुलिसकर्मी को लेकर ट्वीट करते हुए उसके काम की जमकर सराहना की है।

बुर्जुग महिला हो गई बेहोश

दरअसल कच्छ के खादिर द्वीप पर भंजदा दादा के मंदिर में मोरारीबापू की रामकथा चल रही है। यहां पर एक 86 साल की बुजुर्ग महिला रामकथा सुनने के लिए पहाड़ी पर चढ़ रही थी। लेकिन भीषण गर्मी न सहन कर पाने की वजह से वे बेहोश होकर जमीन पर गिर गई।

फिर जैसे ही इस बारे में महिला कांस्टेबल वर्षाबेन परमार को पता चला, वैसे ही वह तुरंत ही बुजुर्ग महिला के पास सहायता के लिए पहुंच गईं। इसके बाद उसने महिला को अपने कंधे पर उठा लिया। और फिर इसके बाद भीषण गर्मी में 5 किमी पैदल चलकर मह‍िला को उसके लक्ष्य उसके घर तक पहुंचाया। जहां पर बुर्जुग महिला ने भी पुलिसकर्मी को खूब आर्शीवाद दिया।

जबकि इस बारे में गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने महिला पुलिसकर्मी की तारीफ की। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि 'खाकी की मानवता. कच्छ के रापर में मोरारीबापू जी की कथा सुनने पैदल चलते जा रहे 86 वर्षीय बुजुर्ग को स्वास्थ्य परेशानी होने के कारणवश महिला पुलिस अधिकारी वर्षाबेन परमार ने उन्हें 5 किमी तक अपने कंधों पर बैठाकर गंतव्य स्थान तक पहुंचाकर सेवा का उत्कृष्ट उदाहरण पेश किया।'


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