PM मोदी ने किया सोमनाथ मंदिर के पास नवनिर्मित सर्किट हाउस का उद्घाटन, दिये पर्यटन बढ़ाने के चार सूत्र
Somnath Temple New Circuit House: गुजरात के सोमनाथ मंदिर के समीप नवनिर्मित सर्किट हाउस का पीएम मोदी ने किया उद्घाटन।
Somnath Temple New Circuit House: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज गुजरात के सोमनाथ मंदिर के समीप नवनिर्मित सर्किट हाउस (Circuit house) का उद्घाटन किया। कोरोना के चलते पीएम मोदी ने सुबह 11 बजे नए सर्किट हाउस का वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिए लोकार्पण किया। इस सर्किट हाउस में मंदिर से लगा समुद्र किनारे का वॉक वे, यहां पर सोमनाथ प्रदर्शनी सेंटर साथ ही सोमनाथ प्राचीन मंदिर की भव्यता के चलते परिसर का पुनर्निर्माण प्रमुख है। इसके अलावा पार्वती मंदिर पुनर्निर्माण भी खास अहमियत रखता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा भगवान सोमनाथ की आराधना में भक्ति प्रदानाय कृपा अवतीर्णं त्वम सोमनाथाय शरणं प्रपद्ये। अर्थात भगवान सोमनाथ की कृपा से विकास के द्वार खुल जाते हैं। कुछ समय पहले यहां कई विकास कार्यों का आरंभ हुआ था। पार्वती मंदिर की आधारशिला भी रखी गई थी। बाहर से आने वालों को ठहराने के लिए मंदिर ट्रस्ट पर काफी दबाव था। मुझे बताया गया है कि इस भवन को इस तरह बनाया गया है कि यहाँ रुकने वाले व्यक्तियों को 'सी व्यू' भी मिलेगा। यानी, लोग जब यहाँ शांति से अपने कमरे में बैठेंगे, तो उन्हें समुद्र की लहरें भी दिखेंगी और सोमनाथ का शिखर भी नजर आएगा।
पीएम मोदी ने कहा जिन परिस्थितियों में सोमनाथ मंदिर को तबाह किया गया, औऱ फिर जिन परिस्थितियों में सरदार पटेल जी के प्रयासों से मंदिर का जीर्णोद्धार हुआ, वो दोनों ही हमारे लिए एक बड़ा संदेश हैं। हम दुनिया के कई देशों के बारे में सुनते हैं कि उसकी अर्थव्यवस्था में पर्यटन का योगदान कितना बड़ा है। हमारे यहाँ तो हर राज्य में, हर क्षेत्र में ऐसी ही अनंत संभावनाएं हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा पिछले 7 सालों में देश ने पर्यटन की संभावनाओं को साकार करने के लिए लगातार काम किया है। पर्यटन केन्द्रों का ये विकास आज केवल सरकारी योजना का हिस्सा भर नहीं है, बल्कि जनभागीदारी का एक अभियान है। देश की हेरिटेज साइट्स, हमारी सांस्कृतिक विरासतों का विकास इसका बड़ा उदाहरण है। आज देश पर्यटन को समग्र रूप में, holistic way में देख रहा है। आज के समय में पर्यटन बढ़ाने के लिए चार बातें आवश्यक हैं। पहला स्वच्छता- पहले हमारे पर्यटन स्थल, पवित्र तीर्थस्थल भी अस्वच्छ रहते थे। आज स्वच्छ भारत अभियान ने ये तस्वीर बदली है। पर्यटन बढ़ाने के लिए दूसरा अहम तत्व है सुविधा। लेकिन सुविधाओं का दायरा केवल पर्यटन स्थल तक ही सीमित नहीं होना चाहिए। सुविधा परिवहन की, इंटरनेट की, सही जानकारी की, मेडिकल व्यवस्था की, हर तरह की होनी चाहिए। और इस दिशा में भी देश में चौतरफा काम हो रहा है।
पीएम मोदी ने कहा पर्यटन बढ़ाने का तीसरा महत्वपूर्ण पहलू है समय। आजकल ट्वेन्टी-ट्वेन्टी का दौर है। लोग कम से कम समय में ज्यादा से ज्यादा स्थान कवर करना चाहते हैं। पर्यटन बढ़ाने के लिए चौथी और बहुत महत्वपूर्ण बात है - हमारी सोच। हमारी सोच का innovative और आधुनिक होना जरूरी है। लेकिन साथ ही साथ हमें अपनी प्राचीन विरासत पर कितना गर्व है, ये बहुत मायने रखता है।
उन्होंने कहा ये हमारी ही सरकार है जिसने रामेश्वरम में एपीजे अब्दुल कलाम स्मारक को बनवाया। इसी तरह नेताजी सुभाषचंद्र बोस और श्यामजी कृष्ण वर्मा से जुड़े स्थानों को भव्यता दी गई है। हमारे आदिवासी समाज के गौरवशाली इतिहास को सामने लाने के लिए देशभर में आदिवासी म्यूज़ियम्स भी बनाए जा रहे हैं। आजादी के बाद दिल्ली में कुछ गिने-चुने परिवारों के लिए ही नव-निर्माण हुआ। लेकिन आज देश उस संकीर्ण सोच को पीछे छोड़कर, नए गौरव स्थलों का निर्माण कर रहा है, उन्हें भव्यता दे रहा है। ये हमारी ही सरकार है जिसने दिल्ली में बाबा साहेब मेमोरियल का निर्माण किया।
नए सर्किट हाउस का उद्घाटन
प्रधानमंत्री कार्यालय पीएमओ ने कहा था कि ''प्रधानमंत्री 21 जनवरी को पूर्वाह्न 11 बजे सोमनाथ में नए सर्किट हाउस का वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से उद्घाटन करेंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री का संबोधन भी होगा।'' इस नए सर्किट हाउस का निर्माण 30 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है और यह सोमनाथ मंदिर के पास है।
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल ने प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि 12 ज्योतिर्लिंग में सोमनाथ पहला है जिसका विशेष महत्व है।
जानकारी देते हुए बता दें, कि इस सर्किट हाउस में लगभग सभी प्रकार की आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं। इन सुविधाओं में वीआईपी और डीलक्स कमरे, सम्मेलन कक्ष और सभागृह भी हैं। आगे पीएमओ ने कहा कि कमरों की बनावट ऐसी है कि वहीं से लोग समुद्र का नजारा भी देख सकते हैं।
बता दें कि सोमनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित मंदिर है। ये मंदिर गुजरात के वेरावल बंदरगाह से कुछ ही दूरी पर है। सोमनाथ का मंदिर वहीं मंदिर है इतिहास में जहां के बारे में 17 बार आक्रमण होने का वर्णन किया गया है। लगातार मंदिर में तोड़-फोड़ की गई और हर बार मंदिर का जीर्णोद्धार कराया गया।
इस मंदिर के बारे में खास बात ये है कि मंदिर पर किसी भी कालखंड का कोई प्रभाव देखने को नहीं मिलता है। ये मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।