Hanuman Janmotsav: 108 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण, पीएम मोदी बोले-हनुमान जी श्रेष्ठ भारत के निर्माण में एक अहम सूत्रधार

Gujarat Latest News : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने हनुमान (Hanuman) जन्मोत्सव के मौके पर गुजरात के मोरबी में 108 की सूची हनुमान जी की प्रतिमा का लोकार्पण किया।

Report :  Bishwajeet Kumar
Update:2022-04-16 12:56 IST

गुजरात के मोरबी में स्थापित हनुमान जी की प्रतिमा (तस्वीर साभार : सोशल मीडिया)

Gujarat News : आज पूरे देश भर में धूमधाम से हनुमान जन्मोत्सव (Hanuman Janmotsav) मनाया जा रहा है। मंदिरों में सुबह से ही भक्तों का भारी हुजूम देखने को मिल रहा है। इस मौके पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने गुजरात के मोरबी में हनुमान जी की 108 फीट ऊंची मूर्ति का अनावरण किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा

हनुमान जन्मोत्सव के मौके पर मोरबी में हनुमान जी की 108 फीट ऊंची मूर्ति का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल तरीके से अनावरण किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा हनुमान जी अपनी सेवा भाव और भक्ति से सब को जोड़ते हैं। सभी लोग उनसे प्रेरणा पाते हैं हनुमान जी श्रेष्ठ भारत के निर्माण में एक अहम सूत्रधार हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा हनुमान वह शक्ति और संभल हैं जिन्होंने प्रजातियां वन बंधुओं और समस्त वनवासियों को सम्मान और महान का अधिकार दिलवाया है। पीएम मोदी ने आगे कहा देश के अलग-अलग हिस्सों में राम कथा का आयोजन किया जाता है। इस आयोजन में रामायण का वाचन अलग-अलग भाषाओं, अलग-अलग बोलियों में होती है मगर यह राम कथा सभी को एक ही भावना से जोड़ती है। यही हमारी परंपरा, संस्कृति, आध्यात्म और आस्था की ताकत है।

ऐसे ही 2 और मूर्तियां हो रहीं स्थापित

गुजरात के मोरबी में हनुमान जी की प्रतिमा का अनावरण करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जानकारी दी कि हनुमान जी की 108 फीट ऊंची प्रतिमा देश के अलग-अलग हिस्से में स्थापित की जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जानकारी दिया कि हनुमान जी की 108 फीट ऊंची दो और मूर्तियां, एक पश्चिम बंगाल तथा दूसरी रामेश्वरम में भी बनाई जा रही है। बता दें एक मूर्ति पहले से ही शिमला में स्थापित है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा भगवान राम ने खुद सक्षम होते हुए भी सब का सहयोग लिया। जब रावण के बुराई पर राम को अस्थाई स्थापित करनी थी तब उन्होंने खुद सक्षम होते हुए सबका साथ और समाज के हर वर्ग के लोगों को एक साथ जोड़ने का फैसला किया और सभी को एक साथ लेकर ही उन्होंने बुराई पर अच्छाई का स्थापना किया। यही सबका साथ सबका प्रयास है।

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