कोरोना का कहर: सूरत में 24 घंटे जल रही चिताएं, पिघल रहीं शवदाह गृह की चिमनियां
सूरत में कोरोना से मरने वालों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। यहां रोजाना 100 से ज्यादा शवों का अंतिम संस्कार हो रहा है।
अहमदाबाद: देशभर में कोरोना संक्रमितों के मामले दिन प्रति दिन बढ़ते ही जा रहे हैं। वही गुजरात के सूरत में भी कोरोना से मरने वालों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। यहां रोजाना 100 से ज्यादा शवों का अंतिम संस्कार हो रहा है। जिसके चलते चिताओं की चिमनियां भी पिघलने लगी हैं।
सूरत के अश्विनी कुमार और रामनाथ घेला श्मशान घाट के प्रमुख हरीशभाई उमरीगर का कहना है कि यहां रोजाना 100 से ज्यादा शवों का अंतिम संस्कार हो रहा है। इस कारण चिमनियां ठंडी नहीं हो रही हैं और वो पिघलने लगी हैं। इसी तरह सूरत के रांदेर और रामपुरा के कब्रिस्तानों का भी यही हाल है में भी मैय्यत आने का सिलसिला लगातार जारी है। यहां समान्य दिनों में औसतन दो से तीन शव दफनाए जाते थे, लेकिन अब ये आंकड़ा बढ़कर 10 से 12 हो गया है।
बंद श्मशान भी खुले
कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या इतनी बाद रही हैं कि 14 साल से बंद तापी नदी के तट पर कैलाश मोक्षधाम शवदाह गृह को फिर से खोल दिया गया है। इस शवदाह गृह के खुलने के तीन दिन में यहां 50 से ज्यादा अंतिम संस्कार हो चुके हैं। श्मशान घाटों पर तीन से चार घंटे की वेटिंग चल रही है।
राजकोट में सबसे ज्यादा केस
वही सरकारी आंकड़ों के अनुसार, राजकोट में एक दिन में 529 केस सामने आए, वडोदरा में 247 मरीज, जामनगर में 187 मरीज, जबकि मेहसाणा और सूरत जिले में 177-177, बनासकांठा में 137 मरीज। इसी के साथ दंग और छोटा उदयपुर के आदिवासी इलाके लगभग कोविड मुक्त बताए जा रहे हैं जहां सिर्फ 3 और 6 केस मिले हैं। पोरबंदर में 8 केस हैं।