Gujarat News: विधानसभा में और मजबूत हुई बीजेपी, तीन निर्दलीय विधायकों ने किया समर्थन का एलान
Gujarat News: गुजरात में नई सरकार के गठन से पहले विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी का कुनबा बढ़ता जा रहा है।
Gujarat News: गुजरात में नई सरकार के गठन से पहले विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) का कुनबा बढ़ता जा रहा है। आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के विसावदर विधायक भूपत भायाणी के बाद तीन अन्य निर्दलीय विधायकों ने भी बीजेपी को समर्थन देने का ऐलान किया है। इन विधायकों का समर्थन प्राप्त होने के बाद 182 सदस्यों वाली गुजरात विधानसभा (Gujarat assembly) में बीजेपी के पास 160 विधायकों का समर्थन होगा। गुजरात के आज तक इतिहास में किसी सरकार को विधानसभा में इतना भारी समर्थन नहीं मिला है।
तीन में से दो बीजेपी के बागी
विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने वाले तीन निर्दलीय विधायकों में से दो बीजेपी के ही बागी नेता हैं। जो टिकट न मिलने के कारण मैदान में उतर गए थे। इनमें पहला नाम है धमेंद्र सिंह रानुभा वाघेला का, जिन्होंने वडोदरा की वाघोडिया सीट पर जीत हासिल की है। वाघेला ने बीजेपी उम्मीदवार अश्विनभाई नटवरभाई पटेल को 14,006 मतों के अंतर से हरा दिया। 15 साल तक इस सीट पर बीजेपी का कब्जा था, जिसे उसी के बागी ने उससे छिन लिया।
अब बात करते हैं बीजेपी के एक अन्य बागी उम्मीदवार के बारे में जिन्होंने निर्दलीय पर्चा दाखिल कर चुनाव जीता है। धवलसिंह जाला ने अरावली के बायड विधानसभा सीट पर बीजेपी उम्मीदवार भीखीबेन परमार को 5818 वोटों से हरा दिया। इस सीट पर पूर्व सीएम शंकर सिंह वाघेला के बेटे महेंद्र सिंह पर कांग्रेस की टिकट पर मैदान में थे। हालांकि, वह तीसरे नंबर पर रहे। सिंह 2012 में इसी सीट से कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गए थे।
वहीं, बात करें धवलसिंह जाला की तो वे गुजरात क्षेत्रिय ठाकोर सेना के उपाध्यक्ष हैं और बीजेपी नेता अल्पेश ठाकोर के करीबी हैं। अल्पेश के बीजेपी में आने के बाद साल 2019 में उन्होंने भगवा दल की सदस्यता हासिल कर ली थी। लेकिन विधानसभा चुनाव में बायड से टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने निर्दलीय ही ताल ठोंकने का फैसला लिया था।
दंबग भाजपा नेता रहे हैं भूपत भायाणी
बीजेपी को विधानसभा में अपना समर्थन देने का ऐलान करने वाले आप विधायक भूपत भायाणी की पहचान उनके इलाके में एक दंबग भाजपा नेता की रही है। विधानसभा चुनाव से ऐन पहले उन्होंने बीजेपी छोड़ आम आदमी पार्टी की सदस्यता ले ली थी। विसावदर से जीत हासिल करने के बाद जब उनसे बीजेपी में शामिल होने को लेकर सवाल किया गया, तब उन्होंने कहा था – मैं उस पार्टी के साथ व्यापार करने का सपना भी नहीं देखूंगा, जिसने मुझे विधायक बनाया है। क्योंकि मैं किसान का बेटा हूं। बताया जा रहा है कि भयाणी विसावदर से बीजेपी का टिकट चाहते थे लेकिन बीजेपी ने कांग्रेस से आए हर्षद कुमार को टिकट दे दिया। जिससे खफा होकर वह आप में शामिल हो गए। बता दें कि 8 दिसंबर को आए गुजरात विधानसभा के नतीजों में बीजेपी को 156, कांग्रेस को 17, आप को 5, अन्य के खाते में चार सीटें गईं।