Vidhi Jadav Ka Sapna: विधि जादव का सपना होगा पूरा, जानें क्या है इनका ड्रीम

Vidhi Jadav Ka Sapna: विधि जादव गुजरात के नाडियाड की रहने वाली हैं। विधि जादव इस बार कच्छ से लगी अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर जाकर जवानों (Jawan) को राखी बांधेगी।

Written By :  AKshita Pidiha
Published By :  Chitra Singh
Update:2021-08-18 07:56 IST

विधि जादव (फाइल फोटो- सोशल मीडिया)

Vidhi Jadav Ka Sapna: विधि जादव गुजरात के नाडियाड की रहने वाली हैं। अभी वो सिर्फ 19 साल की हैं। पर विधि के आँखों मे बड़े बड़े सपने हैं, जिसे वो हर कीमत पर पूरा करना चाहती हैं। विधि का एक बड़ा सपना (Vidhi Jadav Ka Sapna) इस रक्षा बंधन (Raksha Bandhan) में पूरा होने जा रहा है।

विधि जादव इस बार कच्छ से लगी अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर जाकर जवानों (Jawan) को राखी बांधेगी । इसके लिए विधि को विशेष रूप से बीएसएफ (BSF) से मंजूरी लेनी पड़ी। विधि की इस जज्बे और सेना के प्रति सम्मान जताने की वजह से अतंराष्ट्रीय सीमा के अंतिम छोर सरक्रीक तक जाने की मंजूरी विधि को मिल गयी है। आम तौर पर कीचड़ भरे दलदल इलाके में आम लोगों को जाने की इजाजत नहीं दी जाती है।

विधि जादव की प्रेरणा (Vidhi Jadav's Inspiration)

विधि जादव जब सिर्फ 12 साल की थीं। तब ही शहीदों को टीवी में मारे जाने देखने पर बड़ी जिज्ञासा से अपने पिता से पूछती थीं कि अब इनके परिवार का क्या होगा? तब से उसी चेहरों को देखकर विधि ने शहीदों के परिवारों की मदद करने के बारे में सोचा। तब से विधि ने अनूठा अभियान चालू किया। विधि का परिवार मध्यम वर्ग से ताल्लुक रखता है। विधि के पिता राज्य सरकारी नौकरी करते हैं। विधि अपने परिवार वालो के जरिये शहीद परिवार की मदद करती है। विधि बीए सेकेंड ईयर की छात्रा हैं । विधि की इस मदद की भावना को देखकर कॉलेज के प्रशासन भी विधि का समर्थन करते हैं।ताकि विधि की पढ़ायी पर कोई व्यवधान पैदा न हो।विधि के परिजन इसमें विधि का हमेशा साथ देते हैं।चाहे परिवार में पैसे की कमी ही हो फिर भी परिवार किसी भी हाल में शहीदों के परिवार की मदद करते हैं।

शहीद के परिजनों के साथ विधि जादव (फाइल फोटो- सोशल मीडिया)

अब तक विधि ने 295 परिवारों की मदद की है। वे जब भी किसी शहीदों की शहादत की खबर सुनती हैं तो वे उनके परिवारों से रूबरू मुलाकात करती हैं।वे भावना पत्र चिट्ठी के साथ पांच हज़ार रुपए भेजती हैं।पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सभी 40 शहीदों के परिवार को 11 -11 रुपए अर्पित किये।इसके अलावा भी विधि शहीदों के परिवार ,उनके बच्चों के साथ भी मोबाइल और व्हाट्सएप पर बातचीत करके हाल चाल पूछती रहती हैं।

विधि देशभर में शहीदों की मूर्ति अनावरण कार्यक्रम में भी पहुँचती हैं। विधि दो दिनो तक जवानों के साथ कच्छ में रहेंगी। फिर 21अगस्त को वीघाकोट बॉर्डर (Vighakot Border) पर जवानो को राखी बाधेंगी।इसके बाद साल 1965 के भारत पाकिस्तान युद्ध के याद में बने युद्ध स्मारक पर पहुंचकर जवानों को राखी बांधेंगी। फिर 22 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय सीमा के अंतिम छोर पर स्थित भारतीय सीमा के पिलर संख्या - 1175 पहुंच कर रक्षाबंधन मनाएंगी।इसके बाद अंत में लखपत स्थित गुनेरी बॉर्डर पोस्ट पर जवानों को भी राखी बाँधेंगी।

हम खबरों में अक्सर देखते हैं कि कई शहीदों की विधवायें, बच्चे,परिवार आज भी बड़ी मुश्किल से गुज़र बसर कर रहे हैं।सरकार की कोशिशें भी नाकाफी नज़र आती है।ऐसे में कुछ ऐसी कहानियाँ हमे प्रेरित करती हैं।विधि इतनी छोटी उम्र में भी इतने बड़े बड़े काम कर रहीं है।विधि की कहानी हम सभी को प्रेरित करती है।हमें भी विधि से शिक्षा लेकर शहीदों के परिवार की मदद करनी चाहिये।

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