Haryana Adampur Seat: आदमपुर उपचुनाव में कांग्रेस को ले डूबी गुटबाजी, 50 साल में क्षेत्र में पहली बार खिला कमल
Haryana Adampur Seat: हरियाणा कांग्रेस ने इन दिनों जबर्दस्त गुटबाजी दिख रही है। कुमारी शैलजा को प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद यह गुटबाजी और बढ़ गई है।
Haryana Adampur Seat: देश के छह राज्यों की सात विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा एक बार फिर अपनी ताकत दिखाने में कामयाब रही है। भाजपा ने चार सीटों पर जीत हासिल की है जबकि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है। भाजपा तीन सीटें बरकरार रखने के साथ हरियाणा की आदमपुर सीट कांग्रेस से छीनने में कामयाब रही है। दूसरी ओर कांग्रेस ने अपनी दोनों सीटें गंवा दी हैं। तेलंगाना की मुनूगोड़े सीट पर कांग्रेस को बड़ी हार का सामना करना पड़ा है जबकि हरियाणा की आदमपुर सीट पर भाजपा प्रत्याशी भव्य बिश्नोई ने 15,740 मतों से जीत हासिल की है।
आदमपुर के उपचुनाव में कांग्रेस की गुटबाजी एक बार फिर खुलकर सामने आ गई है। इस उपचुनाव में कांग्रेस की कमान पूरी तरह से राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा के हाथों में थी जबकि राज्य कांग्रेस की वरिष्ठ नेता कुमारी शैलजा समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने इस चुनाव से किनारा कर लिया। कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई की जीत के साथ आदमपुर में 50 साल में पहली बार कमल खिला है। इस उपचुनाव के नतीजे को हरियाणा में कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी माना जा रहा है।
चुनाव में कांग्रेस की गुटबाजी खुलकर उजागर
दरअसल हरियाणा कांग्रेस ने इन दिनों जबर्दस्त गुटबाजी दिख रही है। कुमारी शैलजा को प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद यह गुटबाजी और बढ़ गई है। हरियाणा कांग्रेस में इन दिनों हुड्डा का प्रभुत्व है और आदमपुर उपचुनाव में प्रचार की पूरी कमान हुड्डा के ही हाथों में थी। हुड्डा के करीबी उदयभान को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने के बाद से ही कुमारी शैलजा और पार्टी के कई अन्य नेता पार्टी की गतिविधियों से दूरी बनाकर चल रहे हैं। हुड्डा के कहने पर ही कांग्रेस हाईकमान की ओर से जयप्रकाश को आदमपुर विधानसभा सीट पर पार्टी का प्रत्याशी बनाया गया था।
इस उपचुनाव के दौरान प्रचार की पूरी कमान हुड्डा के ही हाथों में थी। इसलिए हार का ठीकरा भी उनके सिर पर ही फोड़ा जा रहा है। उपचुनाव के नतीजे से यह संदेश भी निकला है कि कांग्रेस हाईकमान सिर्फ हुड्डा पर भरोसा करके निश्चिंत नहीं रह सकता। प्रदेश के अगले विधानसभा चुनाव और 2024 की सियासी जंग में पार्टी के लिए यह कदम महंगा पड़ सकता है। इस उपचुनाव के नतीजों के बाद अब सबकी निगाहें हाईकमान पर लगी हुई हैं कि राज्य की गुटबाजी को दूर करने के लिए हाईकमान की ओर से क्या कदम उठाया जाता है।
कल नेताओं ने चुनाव से बनाई दूरी
आदमपुर विधानसभा क्षेत्र हिसार जिले में पड़ता है जो कि प्रदेश कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष कुमारी शैलजा का गृह क्षेत्र है। इसके बावजूद वे इस उपचुनाव में प्रचार करने के लिए नहीं पहुंचीं। हरियाणा कांग्रेस के एक और महत्वपूर्ण नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी इस चुनाव से दूरी बनाए रखी। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि इस उपचुनाव में पार्टी के अंदरूनी कलह खुलकर सामने आ गई है। भाजपा ने इसे अंदरूनी कलह का फायदा उठाते हुए कांग्रेस को हराने में कामयाबी हासिल कर ली।
50 साल में पहली बार खिला कमल
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई के भाजपा में शामिल होने के बाद आदमपुर विधानसभा सीट पर 50 साल में भाजपा पहली बार जीत हासिल करने में कामयाब हुई है। दरअसल इस सीट पर लंबे समय से भजनलाल के परिवार का प्रभुत्व कायम रहा है। बिश्नोई के भाजपा में शामिल होने के बाद उनके समर्थकों का वोट बैंक भी भाजपा के साथ चला गया है। कुलदीप बिश्नोई खुद लंबे समय तक इस सीट से विधायक रहे हैं और उनके कहने पर ही उनके बेटे भव्य बिश्नोई को चुनाव मैदान में उतारा गया था। बिश्नोई ने एक बार फिर अपनी ताकत दिखाते हुए कांग्रेस को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया।
सियासी जानकारों का कहना है कि यदि जल्द ही कांग्रेस हाईकमान की ओर से हरियाणा कांग्रेस में व्याप्त गुटबाजी को खत्म करने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले चुनाव में पार्टी को भारी सियासी नुकसान उठाना पड़ सकता है। अब सबकी निगाहें पार्टी हाईकमान की ओर से उठाए जाने वाले कदमों पर टिकी हैं।