OMG! क्या चिकन कर रहा आपकी रोग-प्रतिरोधक छमता को कम, जानिए क्या है विश्व स्वस्थ संगठन का कहना
Chicken Side Effect: एंटी माइक्रोबियल रेजिस्टेंस खपत होने वाले सबसे व्यापक प्रकार के मांस में से एक है। पोल्ट्री झुंडों को अक्सर बीमारी को रोकने और इलाज करने के साथ-साथ विकास को बढ़ावा देने के लिए बड़ी मात्रा में रोगाणुरोधकों का उपयोग करके गहन परिस्थितियों में पाला जाता है।
Chicken Side Effect: एंटी माइक्रोबियल रेजिस्टेंस खपत होने वाले सबसे व्यापक प्रकार के मांस में से एक है। पोल्ट्री झुंडों को अक्सर बीमारी को रोकने और इलाज करने के साथ-साथ विकास को बढ़ावा देने के लिए बड़ी मात्रा में रोगाणुरोधकों का उपयोग करके गहन परिस्थितियों में पाला जाता है।
क्या आपको रह-रह कर बुखार वापस आ जाता है। कितनी भी दवाएं खा लें, लेकिन कुछ असर ही नहीं होता है। कुछ ऐसी ही बातें आपको सुनने को मिलती होगी। क्या है इनका कारण- कहीं आपका पसंदीदा भोजन चिकन तो नहीं। अगर हाँ तो थोड़ा सावधान हो जाइए।
चिकन करता है प्रतिरोधक छमता को कम
प्रोटीन, विटामिन और मिनरल से भरपूर चिकन आपके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को कम कर सकता है। चिकन की वजह से आपके शरीर में एंटीबायोटिक, एंटीवायरल, एंटीफंगल सहित दूसरी जीवन दवाओं का असर भी कम हो सकता है और, इस बात को अब भारत के डॉक्टर्स ही नहीं, बल्कि विश्व स्वास्थ्य संगठन भी मानता है।
कैसे चिकन बन रहा बीमारी की वजह
प्रोटीन, विटामिन और मिनरल से पूर्ण चिकन हमारी बीमारी की वजह कैसे बन रहा है?
आजकल पोल्ट्री फार्म संचालक चिकन को हष्ट-पुष्ट और सेहतमंद बनाने के लिए उसे खाने के साथ जरूरत से ज्यादा एंटीबायोटिक दवाएं देते हैं। इस कारण चिकन के शरीर में भारी भात्रा में एंटीबायोटिक इकट्ठा हो जाते हैं और यही हष्ट-पुष्ट दिखने वाले चिकन बाज़ार में पूरी तरह बिकने के लिए तैयार हो जाता है। कानपुर के रिजेंसी हॉस्पिटल के डॉक्टर राजीव कक्कड़ का कहना है “जैसे ही एंटीबायोटिक से भरपूर चिकनआपके शरीर में प्रवेश करता है, वह अपने अंदर के तमाम एंटीबायोटिक खाने वाले के शरीर को ट्रांसफर कर देता है। आपके शरीर में चिकन से ट्रांसफर हुए एंटीबायोटिक आपके शरीर में जगह बना लेते हैं।इस कारण आपके शरीर में समय के साथ एंटीबायोटिक को लेकर रेजिस्टेंस पैदा हो जाती है और एंटीबायोटिक दवाएं आपके शरीर में काम करना बंद कर देती हैं।
विश्व स्वस्थ संगठन के अनुसार एएमआर एक बड़ी बीमारी
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एएमआर को दुनिया के 10 सबसे बड़े स्वास्थ्य खतरों में एक माना है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि मनुष्यों में संक्रमण रोकने या उसके इलाज करने के लिए एंटीमाइक्रोबियल का इस्तेमाल एंटीबायोटिक्स, एंटीवायरल, एंटीफंगल और एंटीपैरासिटिक्स के तौर पर किया जाता है. लाइव स्टॉक में एंटीबायोटिक के इस्तेमाल से एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस की स्थिति उत्पन्न हो रही है।