बच्चों पर कोरोना संकट, लापरवाही से मासूमों पर खतरा, रिपोर्ट में दावा

बच्चों के कोरोना संक्रमित होने की खबरें आई हैं। ऐसे में जरूरी है कि खुद की हिफाजत के साथ बच्चों की सुरक्षा पर ध्यान दें।

Update:2021-04-01 12:40 IST

रामकृष्ण वाजपेयी

चीन से मिले आंकड़ों के मुताबिक़ गोद के बच्चों में दूसरी उम्र के बच्चों के मुक़ाबले कोरोना से पीड़ित होने की संभावना ज़्यादा है। गोद के बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता चलने फिरने वाले बच्चों की तुलना में काफ़ी कम होती है। यह खबर उन सभी लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो खुद मास्क लगा लेते हैं और बच्चों को बिना मास्क छोड़ देते हैं। यह आम तौर पर देखने में आ रहा है कि लोग गोद के बच्चों की सुरक्षा के प्रति लापरवाही बरत रहे हैं जो कि खुद उनके लिए और उनके परिवार के लिए घातक हो सकती है।

नवजात बच्चे भी हो रहे कोरोना संक्रमित

अब तो नवजात बच्चों के भी कोरोना से संक्रमित होने की खबरें आ चुकी हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि खुद की हिफाजत के साथ गोद के बच्चों की सुरक्षा पर ध्यान दें। गोद के बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर हाई रिस्क वाले लोगों से दूर रखकर संक्रमण से बचाया जा सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि गोद के बच्चों को बाहर लेकर निकलने से बचें। उचित सावधान बरतते हुए ही घर से बाहर लेकर निकलें।

खुद की हिफाजत के साथ गोद के बच्चों की भी करें सुरक्षा

यह तो हम सभी जानते हैं कि कोरोना वायरस एक दूसरे के संपर्क में आने पर ही फैलता है, ऐसे में अगर कोई गोद का बच्चा संक्रमित है और वो किसी सेहतमंद शख्स से मिलता है, छींकता या खांसता है, तो ज़ाहिर है मुंह से निकलने वाली छोटी-छोटी बूंदों के ज़रिए ये वायरस उस सेहतमंद व्यक्ति तक पहुंच जाएगा और उसके संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाएगा।


खास बात यह है कि संक्रमण का शिकार सबसे ज़्यादा ख़ुद उस बच्चे के परिवार के लोग होंगे। दूसरे नंबर पर उनके घर आने जाने वाले लोगों को संक्रमण का खतरा होगा।
यही वजह है कि छोटो बच्चों के स्कूल बंद कर दिये गए हैं। जानकारों का कहना है कि कोरोना से बच्चों को शायद उतना नुक़सान न हो जितना बड़ों को होता है। लेकिन, बच्चे संक्रमण का करियर बनकर दूसरों को कहीं ज़्यादा नुक़सान पहुंचा सकते हैं। ख़ास तौर से बीमार और बुज़ुर्गों के लिए ये जानलेवा भी हो सकता है।

6 माह के बच्चों को भी कोविड-19 वैक्सीन

चूंकि बच्चों में लक्षण साफ़ तौर पर नज़र नहीं आते हैं, इसीलिए लोग उन्हें गंभीरता से नहीं लेते और संक्रमण फैल जाता है। फाइजर और उसकी सहयोगी जर्मन कंपनी बायोएनटेक ने हालांकि कम उम्र के बच्चों के लिए भी अपनी कोविड-19 वैक्सीन सुरक्षित होने का दावा किया है। लगभग आधा दर्जन कंपनियां बच्चों के लिए भी कोरोना वायरस से बचाव का टीका तैयार करने में जुटी हुई हैं। संभावना है कि छह माह के बच्चे के लिए बाजार में जल्द कोरोना टीका आ जाएगा।
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