डेंगू में मरीज को करने दें आराम,न दें पेन किलर

Update:2018-08-17 14:45 IST

 

डॉ सुनील वर्मा, फिजिशियन लखनऊ

लखनऊ : बरसात के साथ ही मच्छर जनित बीमारियों का खतरा अधिक हो जाता है। इनमें डेंगू एक खतरनाक बीमारी है। डेंगू एडीज मच्छर (टाइगर) के काटने से होने वाला रोग है। ये मच्छर साफ पानी में पनपते हैं जो दिन के समय ज्यादा काटते हैं। इस मच्छर के काटने पर 3-14 दिनों में इसके लक्षण दिखने लगते हैं। डेंगू की तीन अवस्थाएं होती हैं इसमें क्लासिकल, हेमरेजिक फीवर और शॉकिंग सिंड्रोम।

पहली स्टेज सामान्य है जबकि दूसरी व तीसरी अवस्था खतरनाक होती है। इसमें लापरवाही होने पर मरीज की जान भी जा सकती है। इसकी वजह हेमरेजिक फीवर में प्लेटलेट्स तेजी से गिरने पर रक्तस्राव की आशंका होती है। शॉकिंग सिंड्रोम में ब्लड प्रेशर तेजी से गिरता, जान भी जा सकती है।

डेंगू के लक्षण

इसमें रोगी को करीब पांच दिनों तक तेज बुखार के साथ अधिक सर्दी लगती है। इसके साथ ही पूरे शरीर में तेज दर्द, सिर दर्द, कमर दर्द, जोड़ों का दर्द, थकावट और कमजोरी महसूस होती है। हल्की खांसी, गले में खराश और उल्टी के साथ ही लाल रंग के दाने दिखें। ये दाने दो चरणों में पहले शुरू के 2-3 दिन और बाद में 6-7वें दिन दिखते हैं। इसमें प्लेटलेट्स तेजी से गिरती हैं। इसे कंट्रोल करना जरूरी होता है। प्लेटलेट्स कम होने के साथ शरीर के किसी भी अंग से रक्त बहने लगता है। कुछ और गंभीर स्थिति खून की उल्टियां व स्टूल में भी ब्लड आने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

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किन्हें डेंगू का अधिक खतरा

जिनके शरीर की इम्युनिटी कमजोर होती है वो जल्द ही बीमार होते हैं। ऐसे लोगों को डेंगू का खतरा भी अधिक रहता है। ऐसे लोग जल्दी ही डेंगू की चपेट में आ जाते हैं। इसके साथ ही बच्चों, बुर्जुर्गों और गर्भवती महिलाओं को अधिक खतरा रहता है। इसकी वजह इन लोगों की इम्युनिटी अन्य की तुलना में कमजोर होना है।

जानें क्या हैं प्लेटलेट्स

प्लेटलेट्स ब्लड का ही एक हिस्सा होती हैं जो रोजाना बनती व नष्ट होती हैं। प्लेटलेट्स की औसत आयु 4-7 दिन मानी जाती है, यह ब्लड का मुख्य हिस्सा है। इसका काम शरीर में ब्लड को नियंत्रित रखना है। प्लेटलेट्स की संख्या कम होने पर खून का थक्का नहीं बनता है। इसकी जांच के लिए कंप्लीट ब्लड काउंट (सीबीसी) टेस्ट कराते हैं। डेंगू के मरीजों को डॉक्टर की सलाह पर प्लेटलेट्स कभी-कभी चढ़ाना पड़ता है।

डेंगू का इलाज

डेंगू का इलाज उसके लक्षणों के आधार पर किया जाता है। साधारण डेंगू बुखार है तो इलाज व देखभाल घर पर भी हो सकती है। डॉक्टर की सलाह लेकर पैरासिटामोल ले सकते हैं। इसमें कोई भी दर्द निवारक दवा न लें, इनसे प्लेटलेट्स कम हो सकती हैं। पेन किलर लेने से घातक होता है। अगर बुखार 102 डिग्री से ज्यादा है तो शरीर पर पानी की पट्टियां रखें। सामान्य रूप से खाना देना जारी रखें, लेकिन ज्यादा से ज्यादा तरल चीजें भी देनी चाहिए।

 

डेंगू में बरतें सावधानियां

डेंगू में मरीज को अधिक से अधिक आराम करना चाहिए। मरीज को ठंडा पानी न पीने को दें,खाने में मैदा और बासी खाना न खाएं। खाने में हल्दी, अजवाइन, अदरक, हींग का ज्यादा इस्तेमाल करें। इससे इम्युनिटी बढ़ती है। इस मौसम में मिलने वाली पत्तेदार सब्जियां, अरबी, फूलगोभी न खाएं।

हल्का खाना खाएं जो आसानी से पच सके और पर्याप्त नींद लें। मिर्च मसाले और तला हुआ खाना न खाएं, भूख से कम खाएं। खूब पानी या कोई भी लिक्विड लें और पानी को उबालकर ही पीएं। डेंगू के मरीजों को छाछ, नारियल पानी, नीबू पानी आदि देना लाभकारी होता है।

देसी नुस्खों से प्लेटलेट्स बढ़ाएं

कई देसी तरीकों से शरीर में प्लेटलेट्स की मात्रा बढ़ाई जा सकती है। इसके लिए गिलोय के 5-7 पत्तों या छह इंच की टहनी का जूस निकालकर पीएं। इस जूस को 10 एमएल सुबह खाली पेट और रात को सोने से पहले लें। इसके नियमित सेवन से शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से बढ़ती है। प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए घर में बना 200 एमएल सेब का जूस रोगी को दें। पपीते के 2-3 पत्तों का रस निकालकर मरीज को देने से लाभ मिलता है। लंच के दो घंटे के बाद 300 एमएल अनार का जूस पीने प्लेटलेट्स बढ़ती है। हरसिंगार के 5-6 पत्तों का काढ़ा बनाकर पीने से बुखार में राहत मिलती है।

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