आंखों का फड़कना अपशगुन नहीं बीमारी की है निशानी, शरीर में हो सकती है इन चीजों की कमी

Eye Twitches : जब भी हमारी आंख फड़कती है तो हम शगुन अपशगुन की बातें करते हैं। लेकिन यह हमारी सेहत को लेकर शरीर द्वारा दिया गया कोई संकेत हो सकता है।

Update: 2024-02-09 07:15 GMT

Eye Twitches (Photos - Social Media)

Eye Twitches : हम में से कई लोगों की कभी ना कभी आंख जरूर फड़कती है। जब भी हमारी आंख फड़कती है तो हम इसे शगुन और अपशगुन से जोड़कर देखते हैं। लेकिन आपको बता दें की आंखों का फड़कना शगुन अपशगुन से जुड़ा नहीं है बल्कि यह शरीर में किसी तरह के न्यूट्रिशन की कमी की वजह से होता है। दरअसल हमारा शरीर समय-समय पर सेहत के बारे में हमें कोई ना कोई इशारा जरूर देता है। शरीर में होने वाली दर्द, कमजोरी, थकान और अन्य तरह के संकेत हमारे शरीर के अंदर विटामिन और मिनरल्स समेत कई चीजों की कमी की तरफ इशारा करते हैं। आंख फड़कना इन्हीं संकेत में से एक है जो हमारे शरीर में न्यूट्रिएंट्स की कमी को बताने का काम करता है। चलिए आज हम आपको बताते हैं की आंखों का फड़कना हमें किस चीज का संकेत देता है। साथ ही किस तरह की न्यूट्रिएंट्स को डाइट में शामिल करने के बाद हम इस समस्या से बच सकते हैं।

आंख फड़कने का कारण

सबसे पहले तो यह जान लेते हैं कि आंखें क्यों फडकती है। आपको बता दें कि यह कोई शगुन अपशगुन नहीं है बल्कि शरीर में पानी की कमी इसका मुख्य कारण हो सकता है। इसके अलावा आंखों का सूखापन भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकता है। पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, विटामिन b12 और विटामिन डी की कमी भी इसकी मुख्य वजह हो सकती है।

Eye Twitches


डाइट में शामिल करें ये चीजें

अगर आप आंख फड़कने की समस्या का अक्सर सामना करते हैं तो आपको अपने शरीर में पानी की कमी नहीं होने देना चाहिए। इसके अलावा हमेशा अपनी आंखों को ना ड्राई रखें। विटामिन डी की कमी को दूर करने की कोशिश करें। बता दें कि ब्रेन के मैसेज को मसल्स तक पहुंचने में नर्व सेल्स की मदद विटामिन डी ही करता है। दूध और डेयरी प्रोडक्ट के जरिए इसकी कमी को दूर किया जा सकता है। इसके अलावा सूरज की रोशनी भी जरूरी है। मैग्नीशियम नर्व और मसल्स को रेगुलेट करने में मददगार होता है। हरी पत्तेदार सब्जी, साबुत अनाज सीड्स और नट्स मैग्नीशियम का सबसे अच्छा स्रोत होते हैं। कैल्शियम का काम नर्व ट्रांसमिशन और मसल्स को सही तरीके से काम करने में मदद देना होता है। दूध और दूध से बने प्रोडक्ट, तिल के बीज और रागी में कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है। पोटेशियम नर्व सिग्नल को रेगुलेट करने का काम करता है। संतरा, आलू, केला, शकरकंदी और हरि पत्तेदार सब्जियों में यह सबसे ज्यादा पाया जाता है।

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