Men Sperm Count: पुरुषों में घट रहा स्पर्म काउंट, खतरे की बड़ी घण्टी, लाइफस्टाइल है बड़ा कारण
Men Sperm Count: एक रिसर्च में पता चला है कि भारत समेत कई देशों के पुरुषों में स्पर्म यानी शुक्राणुओं की संख्या कमी पाई गई है। विशेषज्ञों ने इसके पीछे कई बड़ी वजह भी बताई हैं। पुरुषों के लिए चेतावनी भी जारी हुई है।
Men Sperm Count: भारत सहित कई देशों में स्पर्म यानी शुक्राणुओं की संख्या में उल्लेखनीय गिरावट हो रही है। शुक्राणुओं की संख्या न केवल मानव प्रजनन क्षमता का संकेतक है, बल्कि पुरुषों के स्वास्थ्य का भी संकेत है, जिसमें कम स्पर्म काउंट पुरानी बीमारी, अंडकोष यानी टेस्टिकुलर कैंसर और घटे हुए जीवनकाल के जोखिम से जुड़ा होता हैं।
स्टडी और विशेषज्ञों की रिसर्च बताती हैं कि पिछले चार दशकों में ह्यूमन स्पर्म की क्वालिटी में लगभग 50 से 60 फीसदी तक की गिरावट आई है और हाई फैट डाइट, डायबिटीज और मोटापा इस गिरावट का प्रमुख कारण हैं।
शोधकर्ताओं ने कहा है कि स्पर्म काउंट में गिरावट पर्यावरण और जीवन शैली से संबंधित वैश्विक संकट को दर्शाती है। एक नए शोध के अनुसार 1973 के बाद से दुनिया भर में पुरुषों के स्पर्म काउंट शुक्राणुओं की संख्या में 62 प्रतिशत की गिरावट आई है। इस शोध के लेखकों ने कहा है कि ये डेटा पुरुष प्रजनन क्षमता और सामान्य रूप से पुरुष स्वास्थ्य, दोनों के लिए खतरे की घंटी है। इस शोध का नेतृत्व यरुशलम के हिब्रू विश्वविद्यालय के प्रो. हागई लेविन और न्यूयॉर्क के इकान स्कूल ऑफ मेडिसिन के प्रोफेसर शन्ना स्वान के साथ किया है।
स्पर्म काउंट पर 2017 के प्रो लेविन के ही एक अध्ययन में कहा गया था कि अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या 1973 और 2011 के बीच 50 फीसदी से अधिक गिर गई। नये अध्ययन में 1973 से 2018 तक का डेटा शामिल है तथा इस अध्ययन की भौगोलिक पहुंच भी कहीं अधिक व्यापक है, जिसमें लगभग 53 देश शामिल हैं।
62 फीसदी गिरावट शुक्राणुओं की संख्या से संबंधित है, जिसका अर्थ है औसत स्खलन में मौजूद शुक्राणुओं की संख्या। प्रति मिलीलीटर वीर्य में शुक्राणु की सांद्रता 52 फीसदी कम होकर लगभग 50 मिलियन हो गई है। यह अभी भी विश्व स्वास्थ्य संगठन के कटऑफ 15 मिलियन प्रति मिलीलीटर से काफी ऊपर है। जब शुक्राणु की एकाग्रता 40 मिलियन प्रति मिली लीटर से कम हो जाती है तो प्रजनन क्षमता कम होने लगती है।
प्रो लेविन ने अध्ययन के समग्र निष्कर्षों पर कहा है कि, हमारे सामने एक गंभीर समस्या है जिसे अगर कम नहीं किया गया, तो यह मानव जाति के अस्तित्व को खतरे में डाल सकती है। उन्होंने कहा कि उनका अध्ययन यह पता नहीं लगाता है कि शुक्राणुओं की संख्या और सांद्रता में गिरावट का कारण क्या है, लेकिन अन्य शोधकर्ताओं ने गिरते हुए शुक्राणुओं की संख्या को व्यापक रूप से बढ़ता मोटापा, ठस जीवन शैली, धूम्रपान, कुछ रसायनों और कीटनाशकों के संपर्क में आने और अन्य कारकों से जोड़ा है।
शोधकर्ता प्रो स्वान ने कहा कि "पुरुषों की शुक्राणु एकाग्रता और कुल शुक्राणुओं की संख्या में हर साल 1 फीसदी से अधिक गिरावट आती है। ये अन्य पुरुषों के स्वास्थ्य परिणामों में प्रतिकूल प्रवृत्तियों के अनुरूप हैं। इनमें टेस्टिकुलर कैंसर, हार्मोनल व्यवधान और जननांग जन्म दोष शामिल हैं, साथ ही साथ महिला प्रजनन स्वास्थ्य में गिरावट भी शामिल है।"
क्या करें, क्या न करें
सिगरेट - शराब : ज्यादा धूम्रपान या शराब का सेवन करने से स्पर्म की क्वालिटी घट सकती है और इससे इन्फर्टिलिटी की आशंका बढ़ जाती है। शराब से टेस्टोस्टेरोन स्तर में कमी हो सकती है और इस वजह से इरेक्टाइल डिसफंक्शन (स्तंभन दोष) और स्पर्म उत्पादन में गिरावट जैसी समस्याएं हो सकती हैं। तम्बाकू के सेवन से भी स्पर्म खराब हो सकते हैं।
इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस : मोबाइल, लैपटॉप, गेमिंग कंसोल जैसे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के संपर्क से भी सेक्सुअल हेल्थ पर असर पड़ सकता है।कई स्टडी से यह पता चला है कि पैंट की जेब में रखे मोबाइल फोन के वाई-फाई सिग्नल से स्पर्म मोबिलिटी और गुणवत्ता पर विपरीत असर पड़ता है। इसके अलावा, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की ब्लू रोशनी से शरीर के मेलेटोनिन के प्राकृतिक उत्पादन में भी रुकावट हो सकती है जिसके परिणामस्वरूप स्पर्म उत्पादन में कमी होती है।
ठस लाइफस्टाइल : बिना व्यायाम वाली यानी ठस लाइफस्टाइल भी स्पर्म प्रोडक्शन और स्पर्म क्वालिटी पर असर डालती है। लेकिन अत्यधिक व्यायाम मसल बिल्डिंग से भी स्पर्म की गुणवत्ता पर खराब प्रभाव पड़ सकता है। अगर आपका वजन ज्यादा है या आपको मोटापा है, तो इसका नेगेटिव असर आपके स्पर्म की गुणवत्ता और मात्रा दोनों पर पड़ सकता है।
हाइजीन : टॉयलेट करने के बाद हाथ अच्छी तरह साफ करना, जननांग के भाग को साफ रखना और साफ अंडरवियर पहनने जैसी हाइजीन से जुड़ी आदतें जरूरी हैं। जननांगों में कई इंफेक्शन खराब हाईजीन से होते हैं।