Oral Insulin Ozulin: सुई का दर्द होगा ख़त्म, ओरल इन्सुलिन हो सकता है जल्द ही लांच
Oral Insulin Ozulin: इंसुलिन के ओरल स्प्रे - ओज़ुलिन, को लेकर आने वाली है। यह ओरल इन्सुलिन लेने के लिए आपको किसी इंजेक्शन की जरुरत नहीं पड़ेगी बल्कि आप इसे सीधे मुंह में छिड़क सकेंगे।
Oral Insulin: शरीर में इन्सुलिन बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। इंसुलिन शरीर में एक महत्वपूर्ण हार्मोन है जो ग्लूकोज के स्तर को रेगुलेट करने में मुख्य भूमिका निभाता है। इंसुलिन कोशिकाओं में ग्लूकोज के अवशोषण को सुविधाजनक बनाकर ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। जब ब्लड शुगर बढ़ता है, जैसे कि भोजन खाने के बाद, पैंक्रियाज कोशिकाओं को एनर्जी ऊर्जा के लिए ग्लूकोज को अवशोषित करने और उपयोग करने की अनुमति देने के लिए इंसुलिन रिलीज़ करता है।
इंसुलिन प्रतिरोध, जहां कोशिकाएं इंसुलिन की क्रियाओं के प्रति कम प्रतिक्रियाशील हो जाती हैं, टाइप 2 डायबिटीज के विकास में एक महत्वपूर्ण कारक है। टाइप 1 डायबिटीज वाले व्यक्तियों में, शरीर इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है। ऐसे में डॉक्टर डायबिटीज पीड़ितों को इन्सुलिन का इंजेक्शन देते हैं। किसी मरीज को यह दिन में एक बार तो किसी किसी को दो से तीन बार तक यह इंजेक्शन लेना पड़ता है। हर बार इंजेक्शन लेने पर व्यक्ति को इंजेक्शन की पीड़ा से गुजरना पड़ता है। ऐसे लोग जो इंजेक्शन लेते हैं उनके लिए अब एक ख़ुशख़बरी सामने आयी है। जल्द ही भारत में ओरल इन्सुलिन आने की सम्भावना बढ़ गयी है।
हैदराबाद की एक कंपनी ने विकसित किया है ओरल स्प्रे - ओज़ुलिन
आपको बता दें कि हैदराबाद स्थित कंपनी निडलफ्री ने इंसुलिन के ओरल स्प्रे - ओज़ुलिन, को लेकर आने वाली है। यह ओरल इन्सुलिन लेने के लिए आपको किसी इंजेक्शन की जरुरत नहीं पड़ेगी बल्कि आप इसे सीधे मुंह में छिड़क सकेंगे। NiedlFree Technologies के सह-संस्थापक और निदेशक डॉ. के कोटेश्वर राव ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया को बताया है कि कंपनी ने ओरल इन्सुलिन के मंजूरी के लिए केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (Central Drugs Standard Control Organisation-CDSCO) में आवेदन किया है। मंजूरी के बाद यश ओरल इन्सुलिन ह्यूमन ट्रायल्स में जाएगा। बता दें कि ओरल इंसुलिन स्प्रे ओज़ुलिन की मंजूरी डायबिटीज के रोगियों के लिए एक वरदान साबित हो सकता है।
क्यों जरुरी है शरीर के लिए इन्सुलिन
इंसुलिन ग्लाइकोजन के रूप में लिवर और मांसपेशियों में अतिरिक्त ग्लूकोज के भंडारण को बढ़ावा देता है। जब शरीर को भोजन के बीच या शारीरिक गतिविधि के दौरान अतिरिक्त ऊर्जा की आवश्यकता होती है तो इस संग्रहीत ग्लाइकोजन को वापस ग्लूकोज में परिवर्तित किया जा सकता है। इसके अलावा प्रोटीन के संश्लेषण को बढ़ावा देने में इंसुलिन भी भूमिका निभाता है। जबकि अधिकांश कोशिकाएं इंसुलिन के बिना ग्लूकोज ग्रहण कर सकती हैं, मस्तिष्क के न्यूरॉन्स ग्लूकोज ग्रहण के लिए विशेष रूप से इंसुलिन पर निर्भर होते हैं। इंसुलिन मस्तिष्क के इष्टतम कामकाज को बनाए रखने में मदद करता है।