World Menstrual Hygiene Day:मासिक धर्म स्वच्छता दिवस पर किया गया जागरुक

मासिक धर्म के दौरान इंफेक्शन से बचने के लिए साफ-सफाई का व्यवहार अपनाएं

Written By :  Purnima Srivastava
Published By :  Pallavi Srivastava
Update:2021-05-28 15:38 IST

गोरखपुर। विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस को मनाने की शुरुआत 2014 में हुई थी। इसे मनाने का मकसद यही है कि महिलाओं को पीरियड्स के उन खास दिनों में स्वच्छता और सुरक्षा के प्रति जागरुक किया जा सके। मासिक धर्म स्त्री जीवन और खुशहाल परिवार का एक महत्वपूर्ण अंग है। यही वजह है कि इस साल विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस यानी 28 मई का थीम मासिक धर्म स्वास्थ्य और स्वच्छता में कार्रवाई व निवेश रखा गया है। यह तभी संभव है जब सामुदायिक जागरुकता हो और मां, बहन या बेटी को इस दरम्यान पारिवारिक संबल भी मिले।


डॉ. हरप्रित जोगिंदर पाल ने बतायी खास बातें

किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम से जुड़ीं शाहपुर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. हरप्रित जोगिंदर पाल ने मासिक धर्म के दौरान हर चार घंटे में सेनेटरी पैड बदलने और आरामदायक अंडरगार्मेट पहनने का परामर्श दिया है। उनका कहना है कि मासिक धर्म के दौरान न केवल आराम की आवश्यकता होती है, बल्कि पौष्टिक भोजन का सेवन भी किया जाना चाहिए। मासिक धर्म के दौरान साफ-सफाई का व्यवहार न अपनाने से इंफेक्शन व बीमारियों का खतरा बना रहता है।


डॉ हरप्रित जोगिंदर पाल ने बतायी खास बातें pic(social media)

डॉ. हरप्रित जोगिंदर पाल का कहना ये भी है कि कोविड काल में सेनेटरी पैड और टैम्पन की पहुंच हर महिला और लड़की तक हो, यह सुनिश्चित करना परिवार का भी दायित्व है। इनके बजट में कोई कटौती नहीं होनी चाहिए। टैम्पन या पैड का लंबे समय तक इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। गंदे कपड़े को रिसाइकल कर इस्तेमाल करना भी नुकसानदेह होता है। जो भी पैड या टैम्पन इस्तेमाल किया जा रहा है उसे कागज में ठीक से लपेट कर डिस्पोज किया जाना चाहिए। मासिक धर्म के दौरान जननांगों को नियमित तौर पर धुलना भी चाहिए। बहुत सी लड़कियों और महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान पेट में दर्द और कमजोरी की शिकायत होती है। ऐसी अवस्था में ज्यादा दिक्कत होने पर चिकित्सकीय परामर्श लेते हुए दवाओं के साथ-साथ आराम करना भी बहुत जरूरी है।



एनीमिया से बचाव को खाएं ताजे फल और दूध

डॉ. हरप्रित का कहना है कि मासिक धर्म के दौरान सतर्कता का व्यवहार न अपनाने से यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन, ल्यूकोरिया जैसी बीमारी के साथ-साथ अन्य कई प्रकार के संक्रमण हो सकते हैं। किशोरियों में इस व्यवहार का अपनाया जाना नितांत आवश्यक है। ऐसा न करने पर आगे चल कर उनके गर्भ धारण में भी समस्या आती है और कुछ अन्य जटिलताएं भी सामने आती हैं। मासिक धर्म के दौरान साग-सब्जी, ताजे फल, दही, दूध, अंडा का सेवन करना चाहिए। स्वच्छता और खानपान का ध्यान न रखने से महिलाएं एनीमिया का शिकार हो सकती हैं।

ये न करें-

-गंदे कपड़े का प्रयोग न करें

-पैड या टैम्पन का ज्यादा समय तक इस्तेमाल न करें

यह करें-

-शर्म और हिचक छोड़ कर पैड खरीदें व मंगाएं और इस्तेमाल करें

-व्यक्तिगत साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें

-स्वास्थ्य केंद्रों या आशा कार्यकर्ता की मदद से निःशुल्क सेनेटरी पैड प्राप्त करें

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