Jharkhand News: जॉब के लिए जानलेवा रेस, गिरकर हुई कई अभ्यर्थियों की मौत, 11 बजे शुरू हुई दौड़, सुबह पांच बजे से लगे थे लाइन में

Jharkhand News: झारखंड में सिपाही के पदों पर भर्तियां हो रही है। जिसके लिए अलग-अलग जिलों में फिजिकल टेस्ट हो रहा है। दौड़ के दौरान 11 अभ्यर्थियों की मौत हो गई है। जिसको लेकर प्रदेश में हड़कंप मच गया है।

Report :  Network
Update: 2024-09-03 05:28 GMT

Jharkhand News (Pic:Newstrack)

Jharkhand News: झारखंड में सिपाही भर्ती के लिए आयोजित दौड़ के दौरान 11 लोगों की मौत के बाद हड़कंप मचा हुआ है। राज्य में इस समय सिपाही भर्ती के लिए फिजिकल टेस्ट का आयोजन किया जा रहा है। जिसके लिए अलग-अलग जिलों में दौड़ आयोजित की जा रही है। सिपाही भर्ती के लिए हो रही इसी दौड़ ने बिहार के दो भाइयों में से एक की जान ले ली। बड़े भाई के मौत से छोटा भाई सदमे में है और उसने इस पूरे मामले की दर्दनाक कहानी बताई है।

जानकारी के अनुसार बिहार के जमुई जिले के गिद्धौर प्रखंड के गंगरा गांव के दो भाई 27 अगस्त को झारखंड के गिरिडीह में सिपाही भर्ती की दौड़ में भाग लेने गए थे। सिपाही भर्ती के लिए 28 अगस्त को दौड़ होना था। इसके लिए सुबह 5 बजे का समय निर्धारित किया गया था। अभ्यर्थियों को 5 बजे से ही लाइन में लगा दिया गया, लेकिन दौड़ की शुरुआत छह घंटे बाद यानी 11ः00 बजे से हुई। इस दौरान भीषण गर्मी के कारण अभ्यर्थी काफी परेशान नजर आए। वहीं गंगरा गांव के गोविंद कुमार सहित कई अभ्यर्थी दौड़ के दौरान ही बेहोश हो कर गिर पड़े।

दो राउंड की दौड़ के बाद छोटे भाई ने छोड़ दिया था ग्राउंड

वहीं अधिक गर्मी होने के कारण छोटा भाई निर्मित दो चक्कर के बाद ग्राउंड छोड़ दिया और इस दौरान बड़ा भाई गोविंद नौकरी पाने के जुनून में अपना दौड़ जारी रखा। निर्मित दौड़ से बाहर निकलने के बाद बड़े भाई का इंतजार कर रहा था कि इसी दौरान सूचना मिली की लगभग दो दर्जन अभ्यर्थी चक्कर खा कर गिर गए। स्थिति गंभीर होने के कारण गोविंद को पहले प्राथमिक इलाज के लिए गिरिडीह के अस्पताल में भर्ती कराया गया। फिर रात आठ बजे डाक्टरों ने उसे धनबाद रेफर कर दिया।

धनबाद में भी गोविंद की स्थिति को नाजुक देखते हुए उसे रांची के रिम्स ले जाने को कहा गया, लेकिन रांची के रिम्स में दो घंटे तक इंतजार करने के बाद भी गोविंद को एडमिट नहीं किया गया और आखिरकार गोविंद की मौत हो गई। गोविंद की मौत के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

घर का एक मात्र कमाने वाला था

गोविंद घर का एक मात्र कमाने वाले बेटा था उसके मौत का गम केवल उसके परिवार वालों को ही नहीं बल्कि पूरे गांव को सता रहा है। गोविंद गंगरा पंचायत में ही स्वच्छता कर्मी के रुप में कार्यरत था।

सरकार से की मुआवजे की मांग

इस मामले में गोविंद के पिता और छोटे बेटे निर्मित का कहना है कि गोविंद की मौत सरकार की लापरवाही से हुई है। इसलिए गोविंद की मौत की जिम्मेवारी सरकार को लेनी चाहिए। इसके लिए सरकार को मुआवजा के साथ-साथ परिवार के एक सदस्य को नौकरी भी देनी चाहिए।

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