Kailash Gahlot Profile: कैलाश गहलोत की राजनीति में कब हुई एंट्री, जानें इससे पहले क्या करते थे काम
Kailash Gahlot Profile: कैलाश गहलोत का जन्म दिल्ली में ही 22 जुलाई 1974 को हुआ है। उन्होंने आम आदमी पार्टी के सर्वाधिक शिक्षिक नेताओं में से एक हैं। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से बैचलर ऑफ आर्ट्स, बैचलर ऑफ लॉ और मास्टर ऑफ लॉ की डिग्री हासिल की है।
Kailash Gahlot Resignation: दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने रविवार को मंत्री पद और आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले कैलाश गहलोत के इस्तीफे से आम आदमी पार्टी को झटका भी लगा है। उन्होंने अपने इस्तीफे के लिए भेजे गये पत्र में सरकार और पार्टी पर कई सवालिया निशान खड़े किये हैं। उन्होंने जहां यमुना की सफाई को लेकर सरकार पर आरोप लगाया है।
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास को ‘शीशमहल’ करार देते हुए कई गंभीर आरोप लगाए हैं। कैलाश गहलोत के आम आदमी पार्टी को अलविदा करने के बाद चुनाव में पार्टी पर क्या असर पड़ेगा। यह तो समय के गर्भ में है। लेकिन इससे पहले यह जानते हैं कि आखिर दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत राजनीति में कब आए और इससे पहले वह क्या करते थे।
पढ़े लिखे नेताओं में होती कैलाश गहलोत की गिनती
कैलाष गहलोत का जन्म दिल्ली में ही 22 जुलाई 1974 को हुआ है। उन्होंने आम आदमी पार्टी के सर्वाधिक षिक्षिक नेताओं में से एक हैं। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से बैचलर ऑफ आर्ट्स, बैचलर ऑफ लॉ और मास्टर ऑफ लॉ की डिग्री हासिल की है। 1995 में उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्री वेंकटेश्वर कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई की।
साल 1998 में दिल्ली लॉ कैंपस से एलएलबी और साल 2002 में यहीं से ही एलएलएम भी किया है। कैलाश गहलोत दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के कुशल वकील हैं। उन्होंने अपने करियर में कई बड़े केस लड़े हैं। 2005 से लेकर 2007 तक कैलाश गहलोत दिल्ली उच्च न्यायालय के बार एसोसिएशन के सदस्य भी रह चुके हैं। उनका विवाह मौसमी मिश्रा गहलोत से हुआ और उनकी दो बेटियां हैं।
कैलाश गहलोत की राजनीति में कब हुई एंट्री
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के करीबी नेताओं में कैलाश गहलोत भी शामिल हैं। उन्होंने साल 2015 में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी। इसी साल वह पहली बार साउथ वेस्ट दिल्ली के नफजगढ़ विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरे और जीत भी हासिल की।
वह अपने राजनीति के दो साल के करियर में ही विधायक से कैबिनेट मंत्री बन गये। साल 2017 में वह शपथ लेकर वह दिल्ली के परिवहन मंत्री बने थे। इसके बाद साल 2020 में भी उन्होंने नफजगढ़ सीट से ही दोबारा जीत का परचम लहराया। यहीं नहीं वह फिर कैबिनेट मंत्री की शपथ लेकर परिवहन मंत्री बन गये। वह न केवल परिवहन मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। बल्कि उनके पास वित्त और राजस्व समेत कई और भी विभागों का दायित्व था।