पुलवामा हमले के बाद 21 दिनों में ढेर किए 18 आतंकी: सेना
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। सेना ने पुलवामा हमले के बाद 21 दिनों में कुल 18 आतंकियों को अलग-अलग मुठभेड़ में ढेर कर दिया है। सोमवार को सेना की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह जानकारी दी गई।
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। सेना ने पुलवामा हमले के बाद 21 दिनों में कुल 18 आतंकियों को अलग-अलग मुठभेड़ में ढेर कर दिया है। सोमवार को सेना की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह जानकारी दी गई।
सेना की 15वीं कोर के जीओसी केजेएस ढिल्लन जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ के अधिकारियों के साथ श्रीनगर में प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि मारे गए इन 21 आतंकियों में से 8 आतंकी पाकिस्तानी हैं, जिन्होंने हिंदुस्तान में घुसपैठ कर आतंकी वारदातों को अंजाम देने की साजिश रची थी।
जीओसी ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में आतंक के खिलाफ बड़े ऑपरेशन हुए हैं, जिन्हें तमाम एजेंसियों ने सफलतापूर्वक पूरा भी किया है। आतंकियों के खिलाफ सेना का यह अभियान लगातार जारी रहेगा। श्रीनगर में हुई सुरक्षाबलों की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुलवामा एनकाउंटर की जानकारी देते हुए कश्मीर रेंज के आईजी स्वयं प्रकाश पाणी ने कहा कि रविवार को पुलवामा के पिंगलिश में हुई मुठभेड़ में सेना ने जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी मुदस्सिर अहमद को मार गिराया है।
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मुदस्सिर ने ही हमले की साजिश रची थी और वह बीते कुछ दिनों से कश्मीर घाटी में जैश के लिए ही काम कर रहा था। उन्होंने बताया कि मुदस्सिर और उसके साथियों के पुलवामा के पिंगलिश गांव में छिपे होने की जानकारी मिलने के बाद यहां बड़ा सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया था, जिसमें मुदस्सिर को मार गिराया गया। आईजी ने यह भी कहा कि पिंगलिश गांव में सेना का तलाशी अभियान अब भी जारी है, जिसके पूरा होने के बाद अन्य जानकारियां साझा की जाएंगी।
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मुदस्सिर अहमद खान पेशे से इलेक्ट्रिशियन था और स्नातक पास था। वह पुलवामा का रहनेवाला था और उसने ही आतंकी हमले में इस्तेमाल किए गए वाहन और विस्फोटक का इंतजाम किया था। त्राल के मीर मोहल्ले के रहने वाले मुदस्सिर ने 2017 में एक ओवरग्राउंड वर्कर के रूप में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद जॉइन किया था। बाद में उसे नूर मोहम्मद तांत्रे उर्फ नूर त्राली ने जैश में सक्रिय रूप से जिम्मेदारी सौंपी।
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दिसंबर 2017 में तांत्रे के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद मुदस्सिर अपने घर से 14 जनवरी 2018 को फरार हो गया था। उसके बाद से ही वह जैश की साजिश में सक्रिय भूमिका निभा रहा था। अधिकारियों का कहना है कि वह आत्मघाती आतंकी आदिल अहमद डार के लगातार संपर्क में था। आदिल ने ही सीआरपीएफ के काफिले में चल रही बस में विस्फोटकों से लदी कार से टक्कर मारी थी।