एक अप्रैल से होगा इतना बड़ा बदलाव, जानें आपके जीवन पर क्या पड़ेगा असर
सेंट्रल विद्युत विनियामक आयोग (CERC) के चेयरमैन पी के पुजारी ने बुधवार को कहा कि खरीद के साथ ही कम से कम समय में बिजली आपूर्ति शुरू करने की व्यवस्था अगले साल 1 अप्रैल से शुरू हो सकती है। इसमें बिजली कंपनियां या निजी उपयोग के लिये बिजली संयंत्र चलानी वाली ईकाइयों के ग्राहक आपूर्ति से महज एक घंटा पहले बिजली खरीद कर सकेंगे।
लखनऊ:सेंट्रल विद्युत विनियामक आयोग (CERC) के चेयरमैन पी के पुजारी ने बुधवार को कहा कि खरीद के साथ ही कम से कम समय में बिजली आपूर्ति शुरू करने की व्यवस्था अगले साल 1 अप्रैल से शुरू हो सकती है। इसमें बिजली कंपनियां या निजी उपयोग के लिये बिजली संयंत्र चलानी वाली ईकाइयों के ग्राहक आपूर्ति से महज एक घंटा पहले बिजली खरीद कर सकेंगे।
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फिलहाल बिजली बाजारों में अगले दिन की आपूर्ति के लिये एक दिन पहले (डीएएम)बिजली खरीदनी होती है. इन बाजारों में दो घंटे सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक कारोबार होता है। 22वें इंडिया पावर फोरम के दौरान में चेयरमैन प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, समयानुसार बिजली बाजार एक अप्रैल 2020 से काम करने लगेगा। बिजली बाजार पर संबद्ध पक्षों के साथ नियमन रूपरेखा पर चर्चा पूरी हो चुकी है। हालांकि, उन्होंने कहा, ऐसा नहीं है कि सीईआरसी द्वारा नियमन की मंजूरी के बाद वास्तविक समय पर आधारित बिजली बाजार तुरंत शुरू हो जाएगा।
इसके लिए साफ्टवेयर (कारोबार समाधान) तैयार करना होगा और लोगों को उसके बारे में शिक्षित करने की जरूरत होगी। इसके अमल में आने के साथ बिजली वितरण कंपनियां समेत उपभोक्ता बेहतर तरीके से ऊर्जा आपूर्ति की योजना बना सकते हैं। वहीं बिजली उत्पादक कंपनियां अपना उत्पादन मांग के अनुसार बढ़ा या घटा सकती हैं।
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इस प्रस्तावित ड्राफ्ट में एक दिन में आधे-आधे घंटे के 48 सत्र होंगे। इसका मतलब है कि बिजली का कारोबार 24 घंटे हो सकेगा। इसमें अगर उपभोक्ता दोपहर 1.30 से 2 बजे के सत्र में बिजली खरीदता है, तब बिजली आपूर्ति उसी दिन दोपहर तीन बजे से की जा सकती है। इससे पहले, उन्होंने सम्मेलन में अपने संबोधन में कहा कि नियामक ने बिजली क्षेत्र में कई नियमनों का प्रस्ताव किया है जो अगले साल एक अप्रैल से प्रभाव में आएगा। पिछले 20 साल में बिजली क्षेत्र में उत्पादन, और वितरण के क्षेत्र में काफी कुछ किया गया है लेकिन अभी काफी कुछ किये जाने की जरूरत है।