Chandigarh Mayor Election: चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में आप को लगा झटका, भाजपा के अनूप गुप्ता विजयी, एक वोट से मिली जीत
Chandigarh Mayor Election 2023: चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में भाजपा के अनूप गुप्ता विजयी रहे हैं। उन्होंने आम आदमी पार्टी के जसबीर सिंह को एक वोट से हराने में कामयाबी हासिल की है।
Chandigarh Mayor Election 2023: चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में भाजपा के अनूप गुप्ता विजयी रहे हैं। उन्होंने आम आदमी पार्टी के जसबीर सिंह को एक वोट से हराने में कामयाबी हासिल की है। मेयर के चुनाव में दोनों दलों के बीच कड़ा मुकाबला हुआ। दोनों पार्टियों के उम्मीदवारों को 14-14 पार्षदों का समर्थन मिला मगर आखिर में भाजपा सांसद किरण खेर का वोट पाकर अनूप गुप्ता विजयी होने में कामयाब रहे।
मेयर के साथ ही भाजपा ने डिप्टी मेयर का चुनाव भी जीत लिया है। डिप्टी मेयर के चुनाव में भाजपा उम्मीदवार कंवरजीत राणा ने आप उमीदवार तरुण मेहता को एक वोट से कराया। मेयर पद के चुनाव की तरह ही डिप्टी मेयर के चुनाव में भी भाजपा उम्मीदवार को 15 वोट हासिल हुए जबकि आप उम्मीदवार मेहता 14 वोट पाकर पिछड़ गए।
किरण खेर का वोट बना निर्णायक
मेयर पद का चुनाव जीतने वाले अनूप गुप्ता पिछले साल ही पार्षद चुने गए थे। ऐसे में उन्होंने एक साल के भीतर ही बड़ी कामयाबी हासिल की है। पहली बार ही उन्हें बड़ी कामयाबी मिलने की सियासी हलकों में खूब चर्चाएं हो रही हैं। कांग्रेस और अकाली दल के पार्षदों के चुनाव से दूर रहने के कारण आम आदमी पार्टी और भाजपा उम्मीदवार के बीच कड़ा मुकाबला माना जा रहा था। उम्मीद के मुताबिक दोनों दलों के उम्मीदवारों ने 14-14 पार्षदों के वोट हासिल किए। आखिर में भाजपा सांसद किरण खेर के वोट से अनूप गुप्ता चुनाव जीतने में कामयाब रहे। अनूप गुप्ता को किरण खेर का काफी करीबी माना जाता है।
38 वर्षीय अनूप गुप्ता पेशे से कारोबारी हैं और उन्होंने पिछले साल पार्षद का चुनाव जीतने के बाद इस बार मेयर का चुनाव जीत लिया है। दिल्ली नगर निगम की तरह ही चंडीगढ़ में भी हर साल मेयर का चुनाव होता है। अनूप गुप्ता पिछले साल डिप्टी मेयर बनने में कामयाब हुए थे। मेयर का चुनाव जीतने के बाद उन्होंने पार्टी नेतृत्व के प्रति आभार जताया। उन्होंने कहा कि पार्टी ने मुझमें भरोसा जताया है और इस कारण ही मैं मेयर बनने में कामयाब रहा।
कांग्रेस ने वोटिंग से बनाई दूरी
भाजपा उम्मीदवार की जीत में कांग्रेस और अकाली दल के रुख को भी बड़ा कारण माना जा रहा है। चंडीगढ़ नगर निगम में कांग्रेस के 6 पार्षद हैं जबकि अकाली दल का एक पार्षद है। दोनों दलों ने आज मेयर के चुनाव में हिस्सा नहीं लिया और इस कारण भाजपा उम्मीदवार की जीत की राह आसान हो गई। यदि दोनों दलों की ओर से आप उम्मीदवार को समर्थन मिला होता तो चुनावी तस्वीर कुछ दूसरी होती। मेयर पद के चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्षद हिमाचल प्रदेश में कसौली गए हुए थे।
इस बारे में कांग्रेस प्रवक्ता राजीव शर्मा ने कहा कि भाजपा और आम आदमी पार्टी की ओर से पैसे के दम पर हमारे पार्षदों को लुभाने की कोशिश की जा रही थी। उन्होंने कहा कि दोनों दलों की ओर से पैसे का खेल किए जाने के कारण कांग्रेस ने वोटिंग से दूर रहने का फैसला किया था। कांग्रेस का यह फैसला भाजपा के लिए मददगार साबित हुआ और कड़े मुकाबले में भाजपा को जीत हासिल हुई।