Bihar liquor News: बिहार के सीवान में जहरीली शराब पीने से 28 लोगों की मौत, लगातार बढ़ता जा रहा आंकड़ा

Bihar liquor News: बिहार में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।

Report :  Sonali kesarwani
Update:2024-10-17 12:54 IST

Bihar liquor News: बिहार में जहरीली शराब पीने से कई लोगों की मौत हो गई है। वहीँ कई लोगों की हालत काफी गंभीर बताई जा रही है। अब तक मिली जानकरी के मुताबिक सबसे ज्यादा मौतें सिवान और छपरा में हुई हैं। पुलिस के अनुसार सिवान में जहरीली शराब से 20 लोगों की जबकि छपरा में 8 लोगों की मौत हिुई है। जहरीली शराब पीने की वजह से कई लोगों की हालत नाजुक बनी हुई है। इन लोगों को पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। कहा जा रहा है कि जहरीली शराब की वजह से मौत का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है। 

मंत्री नहीं मान रहे अपनी गलती

जहरीली शराब पीने की वजह से जिन लोगों की हालत गंभीर बनी है उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। इसी बीच प्रदेश सरकार के मंत्री मंत्री रत्नेश सादा का अजीबोगरीब बयान सामने आया है। वो अभी भी इस बात को नहीं मान रहे कि यह प्रशासन की विफलता है। उनका इस मामले पर कहना है कि यह कोई प्रशासनिक विफलता नहीं है। उन्होंने आगे बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि इस पूरे मामले में अब सभी शराब माफियाओं पर सीसीए लगाया जाएगा। उन्होंने बताया कि सीसीए को लेकर कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जायेगा। और प्रशासनिक तैयारी के बाद शराब माफिया पर सीसीए जाने का निर्णय ले लिया गया है। आपको बता दें कि जो लोग गंभीर रूप से घायल थे उन्हें पटना मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है और उनमें से भी पांच की मौत हो चुकी है।

तेजस्वी यादव ने सरकार को घेरा

इस मामले में तेजस्वी यादव ने कहा कि सत्ता संरक्षण में ज़हरीली शराब के कारण 27 लोगों की हत्या कर दी गई है। दर्जनों की आंखों की रोशनी चली गई। बिहार में कथित शराबबंदी है लेकिन सत्ताधारी नेताओं-पुलिस और माफिया के गठजोड़ के कारण हर चौक-चौराहों पर शराब उपलब्ध है। इतने लोग मारे गए लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शोक-संवेदना तक व्यक्त नहीं की। जहरीली शराब से, अपराध से प्रतिदिन सैकड़ों लोग मारे जाते हैं लेकिन अनैतिक और सिद्धांतहीन राजनीति के पुरोधा मुख्यमंत्री और उनकी किचन कैबिनेट के लिए यह सामान्य सी बात है।

तेजस्वी ने उठाये कई सवाल

तेजस्वी ने सवाल उठाते हुए कहा कि कितने भी लोग मारे जाएं लेकिन मजाल है किसी वरिष्ठ अधिकारी पर कोई कारवाई हो? इसके विपरीत उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा? अगर शराबबंदी के बावजूद हर चौक-चौराहे व नुक्कड़ पर शराब उपलब्ध है। तो क्या यह गृह विभाग और मुख्यमंत्री की विफलता नहीं है? क्या मुख्यमंत्री जी होशमंद है? क्या CM ऐसी घटनाओं पर एक्शन लेने व सोचने में सक्षम और समर्थ है? इन हत्याओं का दोषी कौन?

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