350 सालों की परंपरा टूटी: गांव में कभी नहीं हुआ अंतिम संस्कार, 30 परिवारों किया ये...
तीस परिवारों डूम जाति से संबंध रखते हैं। इनके पूर्वज हिन्दू थे लेकिन औरंगजेब के दौर में उन्हें जबरन इस्लाम कबूल करवाया गया था।
चंडीगढ़: 350 साल पुरानी परम्परा शनिवार को टूट गयी। औरंगजेब काल से अब तक मुस्लिम धर्म के साथ रह रहे 30 परिवारों ने एक साथ हिन्दू धर्म को अपना लिया। इतना ही नहीं परम्परा को तोड़ते हुए हिन्दू रीति रिवाज से परिवार के सदस्य का अंतिम संस्कार भी किया गया। मामला हरियाणा के हिसार जिले का है।
350 साल पहले कबूला इस्लाम, अब किया धर्म परिवर्तन
दरअसल, हरियाणा के हिसार जिले में स्थित बिठमड़ा गांव में एक मुस्लिम परिवार ने बुजुर्ग महिला की मौत पर उसे दफनाया नहीं बल्कि हिंदू रीति रिवाज से शव को जलाया। ख़ास बात ये है कि यहां बसे तीन परिवार 350 सालों से मुस्लिम परम्पराओं को निभाते आ रहे हैं लेकिन अब उन्होंने धर्म परिवर्तन कर दिया।
डूम जाति के ये 30 परिवार, औरंगजेब काल में बने थे मुस्लमान
बता दें कि इन तीस परिवारों डूम जाति से संबंध रखते हैं। इनके पूर्वज हिन्दू थे लेकिन औरंगजेब के दौर में उन्हें जबरन इस्लाम कबूल करवाया गया था। जिसके बाद से अब तक इनकी पीढ़ी दर पीढ़ी मुस्लिम धर्म के आधार पर रह रही थी। लेकिन अब इन तीसों परिवारों ने एक बार फिर धर्म परिवर्तन कर हिंदुत्व को अपना लिया। इस बारे में परिवार के लोगों ने बताया कि उन्होंने बिना किसी दबाव के अपने धर्म में वापसी की है।
ये भी पढ़ें- यूपी में घर-घर शराब: होम डिलीवरी पर एलान जल्द, आबकारी मंत्री ने दिए संकेत
हिंदू रीति रिवाज से शव का हुआ अंतिम संस्कार
इसी कड़ी में फुल्ली देवी नाम की बुजुर्ग महिला की मौत के बाद हिंदू रीति रिवाज से उनके शव को जलाया गया है। उनके अंतिम संस्कार में गांव के सभी लोग मौजूद थे। कहा गया कि बिना किसी दबाव के अपनी इच्छा उनका अंतिम संस्कार हिन्दू परम्पराओं के आधार पर कर रहे हैं। इसके पहले इस गाँव में कभी शवों का अंतिम संस्कार नहीं हुआ। हालाँकि अब उन्होंने दफनाने की परंपरा को बदल दिया है।
दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।