दुनिया की 30 फीसदी नेत्रहीन आबादी भारत में, हैरान कर देगी ये रिपोर्ट

विश्व की लगभग 30 फीसदी नेत्रहीन आबादी भारत में है। डब्ल्यूएचओ की हालिया रिपोर्ट के आंकड़ों के अनुसार भारत में कुल एक करोड़ 20 लाख लोग अंधेपन का शिकार हैं।

Update: 2023-04-23 11:06 GMT

मनीष श्रीवास्तव

लखनऊ: विश्व की लगभग 30 फीसदी नेत्रहीन आबादी भारत में है। डब्ल्यूएचओ की हालिया रिपोर्ट के आंकड़ों के अनुसार भारत में कुल एक करोड़ 20 लाख लोग अंधेपन का शिकार हैं।

इतना ही नहीं हमारे देश में हर साल दो मिलियन नए मामलों के साथ यह समस्या न केवल लोगों के जीवन को खराब कर रही है बल्कि देश के विकास को भी प्रभावित कर रही है।

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ऐसे लायी जा सकती है नेत्रहीनों की समस्या में कमी

इंट्राऑक्यूलर इंप्लांट एंड रिफ्रैक्टिव सोसाइटी (IIRSI) द्वारा दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय वार्षिक अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी सामने आयी।

इस कांफ्रेस में 26 देशों के 1200 प्रतिनिधियों ने नेत्र सुरक्षा के क्षेत्र में नई तकनीक पर विचार-विमर्श किया और कई सत्रों के माध्यम से नई और अत्याधुनिक तकनीकों को आम जनता के बीच उपलब्ध कराने के तरीकों पर भी चर्चा की।

 

IIRSI के वैज्ञानिक समिति के अध्यक्ष और सेंटर फॉर साइट के सीएमडी डॉक्टर महिपाल एस सचदेव कहा कि आईआईआरएसआई नेत्र विज्ञान के क्षेत्र में अपने कौशल और ज्ञान का विस्तार करने के लिए इस देश के नेत्र विशेषज्ञों को एक मंच प्रदान करने का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि केवल नेत्र विज्ञान के क्षेत्र में अत्याधुनिक तकनीकों को अपनाने से ही इस समस्या में कमी लाई जा सकती है।

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नेत्र रोग विशेषज्ञों को प्रशिक्षित करना चुनौती

डा. महिपाल ने बताया कि असली चुनौती इस तकनीक को जमीनी स्तर पर उपलब्ध कराने की है और इस तकनीक को अपनाने के लिए अस्पतालों में नेत्र रोग विशेषज्ञों को प्रशिक्षित करना है।

उन्होंने कहा कि नेत्र संबंधी विकारों के उपचार में अत्याधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल से न केवल इलाज आसान हो जाता है बल्कि मरीज की रिकवरी में समय भी कम लगता है, जिससे उन्हें एक बेहतर जीवन जीने का मौका मिलता है।

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