नई दिल्ली : मौका तो था रविवार को नीति आयोग की बैठक में भाग लेने का लेकिन इसी बहाने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल समेत पांच गैर बीजेपी सीएम ने केंद्र सरकार और पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
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राजनीतिक हलकों में माना जा रहा है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार को टक्कर देने के लिए लामबंद हो रहे तीसरे मोर्चे को अपनी एकजुटता दिखाने का दूसरा बड़ा मौका मिल गया है। दिल्ली में सीएम अरविंद केजरीवाल के पिछले 6 दिन से चल रहे धरने को चार राज्यों के सीएम ने खुलकर समर्थन दिया है।
हार्दिक पटेल भी आए आगे
दूसरी ओर दक्षिण में कद्दावर डीएमके नेता स्टालिन और गुजरात से पाटीदार नेता हार्दिक पटेल भी केजरीवाल की लड़ाई में उनके साथ आ गए हैं। नीति आयोग की बैठक में शिरकत करने के लिए एक दिन पहले दिल्ली आए चार राज्यों के गैर बीजेपी सीएम ने केजरीवाल के समर्थन में केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया।
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शनिवार को पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, केरल के पिनाराई विजयन, कर्नाटक के कुमारस्वामी और आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू एक साथ केजरीवाल से मिलने निकल पड़े, लेकिन उनको इजाजत नहीं दी गई। इससे भड़के इन लोगों ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला।
ये पार्टियां आप को दे रही समर्थन
तृणमूल कांग्रेस (TMC), तेलुगु देशम पार्टी (TDP), जनता दल सेक्युलर (JDS), माकपा के अलावा राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और राष्ट्रीय लोक दल (RLD) समेत अन्य विपक्षी दल भी आम आदमी पार्टी का खुलकर समर्थन कर रहे हैं।
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RJD के राज्यसभा सदस्य मनोज झा ने केजरीवाल के सरकारी आवास पर आप नेताओं से मुलाकात की और अपनी पार्टी की ओर से इस आंदोलन को समर्थन देते हुए इस समस्या के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया। रालोद नेता जयंत चौधरी ने भी केजरीवाल की मांगों को जायज ठहराते हुए आम आदमी पार्टी के अंदोलन का समर्थन किया है।
उप राज्यपाल और मोदी सरकार पर दबाव बढ़ा
केजरीवाल समेत पांच सीएम के एकजुट होने से उप राज्यपाल और मोदी सरकार पर दबाव बढ़ गया है। हाल के कर्नाटक विधानसभा चुनाव और उप चुनावों में विपक्षी दल एकजुट हो बीजेपी को अपनी ताकत दिखा चुके हैं।
शनिवार शाम पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी , केरल के सीएम पिनाराई विजयन, कर्नाटक के सीएम कुमारस्वामी और आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने मिलकर उप राज्यपाल को एक खत लिखा और मिलने का समय मांगा। हालांकि उप राज्यपाल ने मिलने का समय नहीं किया। इसके बाद चारो सीएम ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की और उप राज्यपाल व मोदी सरकार पर हमला बोला।
ममता ने दिया बयान
ममता ने कहा, 'मैं अरविंद केजरीवाल से मिलना चाहती थी, लेकिन मुझे इजाजत नहीं दी गई। मुख्यमंत्रियों को मिलने नहीं देना लोकतंत्र की हत्या है। मुलाकात की इजाजत नहीं मिलने पर हम चारो मुख्यमंत्रियों ने एलजी को पत्र लिखा, लेकिन बताया गया कि एलजी नहीं हैं। हमने इतनी देर इंतजार किया और हमें मिलने की इजाजत नहीं मिली।
ममता बनर्जी ने कहा कि दिल्ली में संवैधानिक संकट पैदा हो गया है। एलजी ने मिलने का वक्त नहीं दिया, तो किसके पास जाएं? ये समस्या किसी के भी साथ हो सकती है। चार महीने से दिल्ली का काम बंद है।
ममता बनर्जी ने साफ संकेत दिया कि आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी की खैर नहीं होगी। उन्होंने पीएम मोदी को चेताते हुए कहा कि साल 2019 में लोकसभा का चुनाव है और आप जनता के सामने जाएं। ममता का संकेत साफ था कि अगर मोदी सरकार राज्य सरकारों के काम में अड़ंगेबाजी करती रही, तो लोकसभा चुनाव में विपक्षी दल इनको मुद्दा बनाएंगे और जनता के पास जाएंगे।