झटका! 5 साल में चलेंगी 500 प्राइवेट ट्रेनें, यहां जानें क्या है पूरा प्लान

सरकार ने भारतीय रेलवे स्टेशन पुनर्विकास निगम लिमिटेड के जरिये 2020-2021 में पूरे देश में 50 स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए निविदा जारी करने की योजना बनाई है और इसपर 50,000 करोड़ रुपये का निवेश का प्रस्ताव है।

Update:2020-02-13 18:25 IST

नीलमणि लाल

नई दिल्ली: भारतीय रेलवे अगले पांच साल में 500 ट्रेनें प्राइवेट ऑपरेटरों के हवाले करने की तैयारी में है। पहले चरण में 150 ट्रेनें प्राइवेट ऑपरेटरों को देने के लिए टेंडर प्रक्रिया चल रही है। इस काम के पूरा हो जाने के बाद 350 और ट्रेनों को ऑपरेटरों के सुपर्द कर दिया जाएगा।

भारतीय रेलवे प्रतिदिन 13 हजार यात्री ट्रेनें चलाती है। अनुमान है कि बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए 3 से 4 हजार और ट्रेनों की जरूरत है। रेलवे का मानना है कि प्राइवेट ट्रेन ऑपरेटरों को साथ लेने से इस मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा इस सेक्टर में निजी निवेश बढ़ेगा और अंतत: सरकार पर वित्तीय बोझ हल्का होगा। नीति आयोग और रेल मंत्रालय के एक विमर्श पत्र में कहा गया है कि प्राइवेट ट्रेनों के संचालन के लिए 22500 करोड़ रुपए का निवेश होगा।

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पहले चरण में 150 आधुनिक ट्रेनें 100 रूटों पर प्राइवेट ऑपरेटरों द्वारा चलाई जाएंगी। उम्मीद की जा रही है कि ये ऑपरेटर विश्व स्तरीय टेक्रॉलजी और सेवाएं यात्रियों को उपलब्ध कराएंगे। यही नहीं यात्रियों को ट्रेनों की लेटलतीफी से भी छुटकारा मिलेगा।

क्या होगा आगे

प्राइवेट ऑपरेटर ट्रेन तो संचालित करेंगे लेकिन इन्फ्रास्ट्रक्चर, मेंटेनेंस और सुरक्षा का दारोमदार रेलवे पर होगा। प्राइवेट ऑपरेटरों को ट्रेनें लेने, ऑपरेट करने, ट्रेन में यात्रियों को भोजना और मनोरंजन जैसी सुविधाएं देने की अनुमति होगी। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद यादव का कहना है कि प्राइवेट ऑपरेटरों के रेक जैसे ही तैयार होंगे वे संचालन शुरू कर सकते हैं। इस पूरी प्रक्रिया में 18 से 24 महीने का वक्त लगेगा।

किराया कंपनी तय करेगी

रेलवे बोर्ड अध्यक्ष के अनुसार, प्राइवेट कंपनियों के बीच रूटों के लिए बोली लगेगी और अंतिम निर्णय रेवेन्यू शेयरिंग मॉडल पर तय होगा। कंपनियों को रेलवे ट्रैक के इस्तेमाल के लिए 686 रुपए प्रति किलोमीटर का चार्ज देना होगा। इसके अलावा अपने रेवेन्यू का एक हिस्सा भी शेयर करना होगा। कंपनियों को किराया तय करने की आजादी होगी।

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अहमदाबाद - राजकोट हाईस्पीड

भारतीय रेलवे की योजना गुजरात में अहमदाबाद-राजकोट के 230 किमी लंबे रूट पर सेमी हाईस्पीड ट्रेन चलाने की है। इस प्रोजेक्ट में रूस की आरजेडडी इंटरनेशनल कंपनी ने रुचि दिखाई है। इस संबंध में कंपनी के अधिकारियों की मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के साथ बैठक भी हुई है। आरजेडडी इंटरनेशनल कंपनी का भारतीय रेलवे के साथ रेलवे आधुनिकीकरण और सिगनलिंग का काम रही है।

यूजर चार्ज की तैयारी

रेलवे स्टेशनों पर उपलब्ध जनसुविधाओं के लिए हवाई अड्डों की तरह चार्ज लगाया जाएगा। हवाई यात्रा में यूजर डेवलपमेंट फीस टैक्स का हिस्सा होता है जिसका हवाई यात्री भुगतान करते हैं। यूडीएफ विभिन्न हवाई अड्डों पर लिया जाता है और इसकी दरें विभिन्न पहलुओं पर निर्भर होने की वजह से अलग-अलग होती हैं। नये विकसित रेलवे स्टेशनों पर यूजर चार्ज यात्रियों की संख्या के आधार पर अलग-अलग होगा।

रेल मंत्रालय जल्द ही शुल्क के रूप में ले जाने वाली राशि से संबंधित अधिसूचना जारी करेगा। रेलवे बोर्ड अध्यक्ष के अनुसार, 1,296 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से अमृतसर, नागपुर, ग्वालियर और साबरमती रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास करने के लिए रेलवे ने प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं। यानी इन स्टेशनों पर यूजर चार्ज लगेगा।

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सरकार ने भारतीय रेलवे स्टेशन पुनर्विकास निगम लिमिटेड के जरिये 2020-2021 में पूरे देश में 50 स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए निविदा जारी करने की योजना बनाई है और इसपर 50,000 करोड़ रुपये का निवेश का प्रस्ताव है।

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